आपने देखा है कौन बड़ा है कौन छोटा❓
एक बार कही से स्वामी विवेकानंद जी जा रहे थे की रास्ते मे दो सम्प्रदाय के लोगो को झगड़ा करते देख कर रूक कर पूछने लगे !
क्या बात हो गई जो आप इस तरह से झगड़ा कर रहे हो ❓
पर सब झगड़ने मे लगे थे कोई जब नही बता रहा था तब स्वामी दोनो गुटो के बीच मे आकर खड़े हो गए जिससे किसी का हाथ उन पर भी उठ गया तो सभी रूके ओर -कहने लगे आप बीच मे ना ही आए !
स्वामी विवेकानन्द जी– आप झगड़ा कर क्यो रहे हो❓
तब वो कहने लगे देखो हम शैव सम्प्रदाय से है ओर शिव को मानते है यह वैष्णव सम्प्रदाय से है यह कहते है हमारा विष्णु बडे है ओर हम कहते है शिव से बड कोई नही है पर यह मान ही नही रहे।
स्वामी विवेकानन्द जी मुस्कराए ओर बोले —
आपने शिवजी को देखा है ?
शैव समुदाय– नही‼
यही विष्णु समुदाय से पुछा आपने विष्णु जी को देखा है❓
विष्णु समुदाय– नही‼
स्वामी विवेकानन्द जी– जब आपने देखा ही नही तो झगड़ा क्यों❓
कैसे पता की कौन बड़े है❓
कैसे सिद्ध करोगे कौन बड़े है❓
ऐसा करो आप विष्णु जी से जाकर पुछो और आप शिव जी से जाकर पुछो लो कौन बड़े है।
शिव सम्प्रदाय ओर विष्णु सम्प्रदाएँ वाले दोनों एक-दूसरे की तरफ देखने लगे और दोनों ने कहा– हमने तो शिव-विष्णु को देखा ही नही।
स्वामी विवेकानन्द जी– जिन्हें देखे नही है तो फिर बिना देखे बड़ा-छोटा कैसे मान सकते है❓ पहले देख लो तब स्वयं विश्वास हो जाएगा कि कौन छोटे है और कौन बड़े।
दोनों सम्पदाएँ वाले– लेकिन हम् कैसे देखे❓
फिर स्वामी विवेकानन्द जी ने उन दोनों सम्प्रदाएँ वाले को ब्रह्मज्ञान/आत्मज्ञान/दिव्यज्ञान दिए जिससे उन सभी ने अपने भीतर उस शक्ति का दर्शन किए जो शिव है और वही विष्णु है। फिर दोनों आपस मे शर्मिदा हुए की आपस मे व्यर्थ ही लड़ाई लड़ रहे थे।
यही हाल उन अज्ञानी मानव का है जो धर्म के नाम पर बड़ा-छोटा कहकर हमेशा झगड़े करते है करवाते है जिससे मानव सत्य का मार्ग ही भूल जाता है अपने जीवन का लक्ष्य ही भूल जाता है लेकिन जब जीवन मे एक तत्वदर्शी सन्त का पदार्पण होता है तो वो केवल कहानी या धर्म को बांटने का कार्य नही करते है बल्कि उस वास्तविक शक्ति का 🌺दर्शन करवा देते है तत्क्षण🌺 जो एक है और सभी प्राणी के भीतर है।
आप भी उन तत्वदर्शी के शरण मे जाए और वास्तविक धर्म को जाने वास्तविक रूप का दर्शन करें।सत्य की राह पर चले और ओरो को भी चलाएं🙏🏻
🍃ॐ श्री आशुतोषाय नमः🍃