Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

💐#ॐकाउच्चारणकियातो
💐#श्रीयंत्रकीआकृति_उभरी !

टोनोस्कोप का आविष्कार
करने वाले डाॅ.हैंस जेनी ने
1967 मे जब टोनोस्कोप
नामक यंत्र पर ॐ का उच्चारण
किया तो श्रीयंत्र की आकृति
उभरकर सामने आने लगी।

इस यंत्र का उपयोग ध्वनि तरंगों
की तस्वीर देखने के लिए किया
जाता है।

यह एक रहस्य का विषय है कि
प्राचीन काल में जब टोनोस्कोप
जैसा कोई उपकरण नहीं था,
लोग ॐ की ध्वनि तरंगों की
तस्वीर(श्रीयंत्र)को अच्छी तरह
से प्रस्तुत करने की क्षमता से
युक्त थे।

इस बात पर Hans Jenny
आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहते
हैं कि,”पूर्वार्त्त देशों के मनीषी
ऋषियों ने खोज की थीं।”

जैनी का उक्त प्रयोग मंत्र
विज्ञान के उस रहस्य को
उद्घाटित करता है जिसमें
कहा गया है कि प्रत्येक मंत्र
में अदृश्य शक्तियाँ एवं इच्छा
शक्ति की प्रखरता के साथ
जप करने पर प्रकट होती है।

विख्यात थियोसोफिस्ट
लेटवीटर,एनी वेसेन्ट,मैडम
ब्लैक्टस् की आदि मनीषियों
ने भी अपनी-अपनी रचनाओं
में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया
है कि ‘मंत्र’ वर्णों के साधारण
संग्रह से पूर्णतः भिन्न एवं शक्ति
जागरण के स्त्रोत हैं।

इस सम्बन्ध में सर जॉन वुडरफ
ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ “गारलैण्ड
आफ लेटर्स” में लिखा है कि
मंत्रों की विशिष्ट संरचना के मूल
में गुह्य अर्थ एवं शक्ति होती है
जो अभ्यास कर्ता को दिव्य
शक्तियों का पुँज बना देती है।

संस्कृत वर्णमाला के प्रत्येक
अक्षर एक निश्चित Wave
Length के होते हैं तथा सटीक
एवं शुद्ध उच्चारण करने पर
वायुमण्डल/प्रकृति में एक
निश्चित पवित्र एवं कल्याण
कारी प्रभाव डालते हैं।

इन्ही कारणों से देवी देवताओं
के आराधना एवं प्रशस्ति वाले
मन्त्रों का शुद्ध शुद्ध उच्चारण
करने पर बल दिया जाता है।

अशुद्ध मन्त्रोच्चारण
विपरीत प्रभाव डालते हैं।

💐#जयतिपुण्यसनातनसंस्कृति💐 💐#जयतिपुण्यभूमिभारत💐
💐#जयतुजयतुहिन्दूराष्ट्रं💐

💐#सदासर्वदासुमंगल💐 💐#हरहरमहादेव💐 💐#ॐश्रींश्रियंनमः💐 💐#जयलक्ष्मीभवानी💐
💐#जयश्रीराम💐

Recommended Articles

Leave A Comment