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गठिया और साइटिका के दर्द का रामबाण उपाय।

जोड़ो के दर्द की समस्या को आर्थराइटिस और गठिया जैसे नामों से जाना जाता है। आमतौर पर 45 साल की उम्र के बाद लोगों को गठिया की समस्या होने लगती है। वहीं आजकल के खराब लाइफस्टाइल के कारण तो ये समस्या कम उम्र के युवाओं में भी देखने को मिलती है। यदि इस तकलीफ में लापरवाही बरती जाए तो ये समय के साथ गंभीर हो जाती है। समय के साथ जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें चिकनाहट कम होने लगती है। इसके बाद जोड़ों में दर्द के साथ टेढ़ापन, सूजन और जलन जैसी समस्याएं होती हैं। स्थिति अधिक बिगड़ने पर जोड़ों का प्रत्यारोपण भी कराना पड़ सकता है। ये नौबत न आए, इसके लिए हमने बात की वैद्य पुरुषोत्तम लाल शास्त्री से और जाना गठिया की समस्या से छुटकारा दिलाने वाला प्राकृतिक उपाय। जानते हैं इसके बारे में।

हरसिंगार जिसे पारिजात और नाइट जैस्मिन भी कहते हैं, इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। आपको इसके पौधे अपने घर के आस-पास भी देखने को मिल जाएंगे। इस पेड़ के पत्‍ते जोड़ों के दर्द को दूर करने में काफी मददगार हैं। इसके पत्तों में टेनिक एसिड, मैथिल सिलसिलेट और ग्लूकोसाइड होता है ये द्रव्य औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा यदि पीया जाए तो बीस साल पुराने गठिया में भी काफी आराम मिल सकता है। इसके अलावा ये काढ़ा साइटिका के दर्द में भी राहत देता है क्योंकि ये बंद रक्त की नाड़ियों को खोल देता है।

ऐसे बनाएं

हरसिंगार के पांच पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को एक गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी आधा रह जाये तब इसे गुनगुना करके पियें। इस काढ़े का सेवन सुबह खाली पेट करें।

इन बातों का ध्यान रखें
ये उपाय जोड़ों के लिए अमृत की तरह काम करता है। लेकिन इसको लेने के साथ कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए। काढ़ा हमेशा बैठकर पीएं, साथ ही पानी भी हमेशा बैठकर पीएं, नहीं तो ठीक होने में बहुत समय लगेगा।
ये औषधि बहुत ही तेज और विशेष है इसलिए इसे अकेला ही लेना चाहिये, इसके साथ कोई भी दूसरी दवा न लें नही तो तकलीफ होगी। रोजाना नया काढ़ा बनाकर ही पीएं।

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