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जानिए, सोयाबीन का नियमित सेवन क्यों सेहत के लिए है वरदान

1 सोयाबीन में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन ई, बी कॉम्लेक्स, थाइ‍मीन, राइबोफ्लेविन अमीनो अम्ल, सैपोनिन, साइटोस्टेरोल, फेनोलिक एसिड एवं अन्य कई पोषक तत्व होते हैं जो फायदेमंद होते हैं।

2 इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है जो खास तौर से महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है और एनिमिया व ऑस्ट‍ियोपोरोसिस से बचाने में लाभप्रद है। वहीं कमजोरी होने पर भी यह बेहद असरदार है।

3 सोयाबीन हड्ड‍ियों के लिए लाभदायक है। यह हड्ड‍ियों को पोषण देता है जिससे वे कमजोर नहीं होती और हड्डी टूटने का खतरा भी कम होता है। इसका सेवन हड्ड‍ियों की सघनता को बढ़ाने में सहायक है

4 ब्लडप्रेशर की समस्या होने पर सोयाबीन का सेवन फायदेमंद होता है। खास तौर से ब्लडप्रेशर बढ़ने की स्थ‍िति में इसका सेवन ब्लडप्रेशर को नियंत्रित कर उसे बढ़ने से रोकता है।

5 डाइबिटीज रोगियों के लिए भी यह कमाल का असर करता है और रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित कर उसे बढ़ने से रोकता है। इस तरह से आपकी डाइबिटीज नियंत्रण में रहती है।
[सभी गुप्त रोगों का काल माना जाता है भुना चना,बस खाने का सही तरीका पता होना चाहिए

भुना चना सभी लोग खाना बहुत पसंद करते हैं.भीगे चने की बजाय भुना चना खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है.चना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. भुने चने के अंदर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन,आयरन,कैल्शियम,विटामिन,भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.अगर भुने चने का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो भुना चना बादाम से भी ज्यादा फायदेमंद होता है.आज की जानकारी में हम आपको भुना चना खाने का सही तरीका और फायदा बताएंगे.

भुना चना खाने के फायदे,

मौसमी बुखार,मौसम बदलने के साथ-साथ हमें बहुत सारी बीमारियां घेर लेती है.जैसे बुखार, खांसी ,सर्दी आदि. अगर बदलते मौसम में चने का सेवन किया जाए तो इन सभी बीमारियों से बचा जा सकता है.

अधिक मोटापा, कई लोग मोटापे से परेशान होते हैं,जो अपना मोटापा कम करना चाहते हैं.उनके लिए भुना चना बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है.

शुगर के मरीजों के लिए,डायबिटीज होने पर भुना चना बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है. यह हमारे शरीर की शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है.

शरीर में खून की कमी, जिन लोगों के शरीर में खून की कमी होती है और कमजोरी महसूस होती है उनको प्रतिदिन 50 mg चना जरूर खाना चाहिए.

सांस की तकलीफ, अगर किसी को सांस की तकलीफ रहती है तो, उसको 50 ग्राम भुने चने रोज खाने चाहिए. ऐसा करने से सांस संबंधी समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.

कब्ज और पेशाब की तकलीफ, जिन लोगों के पेशाब में जलन होती है और कब्ज की समस्या बनी रहती है. उन लोगों को भुना चना जरूर खाना चाहिए. उनके लिए रामबाण माना जाता है.

सौ वर्ष जिये——-


सुख एवंम सफलता पूर्वक सौवर्ष जिये, यह हमारे अपने अधिकार में है और मुट्ठी में है। यदि कोई आकस्मिक घटना न हो तो यह सौ वर्ष जीना कोई भाग्यकि बात नही है।यह हमारी क्षमता है। यह गेरंटी कार्ड प्रकृति हमें जन्म से ही देकर भेजती है।
केवल खाने या न खाने की किस्म विवेक (न्यू डायट सिस्टम) और ध्यान ही काफी है।” इस मुह में ही जीवन और इसी में मृत्यु है। हमारा पेट खराब नहो , अच्छा रखना आसान है, बिगाड़ने ने के लिये विशेष साधन, सामग्री, धन, शक्ति बरबाद करना होती है। अच्छी आदतें और काम एवम वीश्राम का ताल मेल रखना होगा।
मनु का कथन है कि अधिक भोजन करना,— स्वास्थ्य, आयु , स्वर्ग और पुण्य का नाशक है। अतः उसे त्याग देना उचित है।

अवकाश में आकाश द्वारा लाभ


हमारी यह धारणा और मान्यता है कि अधिक खाने तर माल खाने से हमें शक्ति मिलती है किंतु यह मात्र भ्रम है। बल्कि अधिक और तर माल खाने से हमारी शक्ति का अपव्यय होता है। हम रोगी, दुर्बल, पुरुषार्थ हींन और आलसी बन जाते हैं।
शक्ति हमे अवकाश के क्षणों में आकाश से मिलती है। इसे थोड़ा समजे जब व्यापारी, मजदूर या किसान दिनभर काम करके , थक कर, चूर होकर रात को बिस्तर पर लैटकर सुबह तारो ताजा होकर उठता है ,
तब रात को कौन आकर उसकी थकावट को शक्ति और स्फूर्ति में बदल गया?
कौन सी शक्ति का आयोजन हूआ ?
नीद में कुछ भी नही खाया , पिया उसने ?
सब कुछ भी करना छोड़कर केवळ लेट ही तो रहा था। तब ऐसी क्या करामत हुई , सृजन हुआ?
इसे सोचे ,आकाश ख़ाली जगह को भरता है, वह भी अवकाश के क्षणों में ही अधिक सम्भव बन पाता

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