डेंगू का रामबाण इलाज- गिलोय
गिलोय एक बहुत ही चमत्कारी औषधि है। इसे अमृता, गुर्च या छिन्नरूहा भी कहते हैं क्योंकि यह आत्मा तक को कंपकंपा देने वाले मलेरिया को भी छिन्न-भिन्न कर देती है। त्रिदोषनाशक, तिक्त, कटु और रस युक्त वाली यह अमृता सारे उत्तर भारत में लगभग सभी जगह पाई जाती है। गिलोय बहुवर्षीय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्तों की तरह होते हैं। गिलोय का वैज्ञानिक नाम है- तिनोस्पोश कार्डी फोलिया। श्रीरामचंद्र द्वारा रावण के संहार उपरांत जब सभी देवता अत्यंत प्रसन्न थे, तब इंद्रदेव ने युद्ध में मारे गये वानरों को पुनर्जीवित करने के लिए अमृत की वर्षा की। जो बंूदे वानरों पर पड़ी वे जीवित हो गये, जो धरती पर पड़ी उनसे ही इस पवित्र और अमृत रूपी गिलोए बेल की उत्पŸिा हुई। यह औषधि ओज वर्धक, रक्तशोधक, शोधनाशक (सूजन कम करता है), हृदयरोग नाशक, लिवर टोनिक और प्रतिरक्षण प्रणाली को प्रबल करने वाली है। हमारे शरीर में ज्यादातर रोग तीन दोषों – वात, पित्त और कफ के असंतुलन से होते हैं। पित्त के असंतुलन से पीलिया, पेट के रोग, ज्वर आदि; कफ के असंतुलन से सीने में जकड़न, श्वास रोग आदि; वात के असंतुलन से गैस, जोड़ों के दर्द, शरीर का टूटना, असमय बुढ़ापा जैसे रोग होते हैं। वात रोगों के लिए गिलोय का पांच ग्राम चूर्ण घी के साथ लें। पित्त रोगों के लिए गिलोय का चार ग्राम चूर्ण चीनी या गुड़ के साथ लें। कफ रोगों के लिए गिलोय का छः ग्राम चूर्ण शहद के साथ लेने से लाभ होता है। किसी भी प्रकार के रोगाणुओं, जीवाणुओं आदि से पैदा होने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया आदि; रक्त के प्रदूषित होने से पुराने बुखार एवं यकृत की कमजोरी के लिए गिलोय रामबाण की तरह काम करती है। पुराने टायफाइड, क्षयस्नेहा समुह रोग, पुरानी खांसी, मधुमेह (शुगर), कुष्ठ रोग तथा पीलिया में इसके प्रयोग से तुंरत लाभ मिलता है। वर्षा के साथ डेंगू का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। रक्त में संक्रमण होने से पांच छः दिन के अंदर यह बुखार अपना असर दिखाना शुरू करता है। डेंगू में शरीर के रक्त में तेजी से प्लेटलेट्स का स्तर कम होता है। गिलोय डेंगू से बचाव एवं उपचार के लिए चमत्कारी औषधि है। गिलोय और सात तुलसी के पत्तों का रस पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह रक्त के प्लेटलेट्स का स्तर भी बढ़ाता है। इसकी कड़वाहट को कम करने के लिए इसे किसी अन्य जूस में मिलाकर पीना चाहिए। इसका प्रयोग डेंगू के इलाज में सफलतापूर्वक किया जा चुका है।
[छोटे से अमरूद में छिपे बड़े बड़े गुण
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हल्के हरे रंग का अमरूद अपने अंदर ढ़ेरों गुण समेटे हुए है, ये न सिर्फ खाने में मीठा होता है बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। इसके अंदर सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे बीज होते हैं। आसानी से मिल जाने वाले इस फल के पेड़ लोग घरों में भी लगाते हैं। मगर बेहद सामान्य फल होने के कारण आमतौर पर लोगों को इस बात का अंदाज़ा नहीं होता कि फल स्वास्थ्य के लिहाज से कितना फायदेमंद होता है।
अमरूद की तासीर ठंडी होती है इसलिए ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा से भरपूर अमरूद के अंदर जानते हैं, कौन कौन से फायदे छिपे है।
• अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्या दूर हो जाती है। पाचन क्रिया के लिए ये बेहतरीन फल है।
• जो बच्चे पेट में कीड़ों की समस्या से परेशान हैं, अमरूद का सेवन करना उनके लिए बेहद फायदेमंद होगा।
• अमरूद की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर आंखों के नीचे लगाने से काले घेरे और सूजन कम हो जाती है।
• अगर आपको कब्ज की समस्या है तो सुबह खाली पेट पका हुआ अमरूद खाना फायदेमंद रहता है।
• अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्तियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा इसे चबाने से दांतों का दर्द भी कम हो जाता है।
• अगर किसी को पित्त की समस्या हो जाए तो उसके लिए भी अमरूद का सेवन करना फायदेमंद होता है।
• अमरूद हाई एनर्जी फ्रूट है जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। ये तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
• अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन बी-९ शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को सुधारने का काम करता है।
• अमरूद में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दिल और मांसपेशियों को दुरुस्त रखकर उन्हें कई बीमारियों से बचाता है।
• अगर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं, तो अमरूद का सेवन करना बहुत फायदेमंद होगा।
• अमरूद के नियमित सेवन से सर्दी जुकाम जैसी समस्याओं के होने का खतरा कम हो जाता है।
• अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन ए और ई आंखों, बालों और त्वचा को पोषण देता है।
• अमरूद में मौजूद लाइकोपीन नामक फाइटो न्यूट्रएिंट्स शरीर को कैंसर और ट्यूमर के खतरे से बचाने में सहायक होते हैं।
• अमरूद में बीटा कैरोटीन होता है जो शरीर को त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाता है।
• अमरूद में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए यह डायबिटिज के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है।
कच्चे अमरूद में पके अमरूद की अपेक्षा विटामिन सी अधिक पाया जाता है, इसलिए कच्चा अमरूद खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
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