Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

गीता पढ़ने के दुर्लभ लाभ

  1. जब हम पहली बार भगवत गीता पढ़ते हैं,
    तो हम एक अंधे व्यक्ति के रूप मे पढ़ते हैं.
    बस इताना ही समझ मे आता हैं कि कौन किसके पिता, कौन किसकी बहन, कौन किसका भाई।
    बस इससे ज्यादा कुछ समझ मे नही आता।
  2. जब दुसरी बार भगवत गीता पढ़ते हैं तो हमारे मन मे सवाल जागते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया या उन्होंने वैसा क्यों किया?
  3. जब तीसरी बार भगवत गीता को पढेगे, तो हमें धीरे- धीरे उसके मतलब समझ मे आने शुरू हो जायेंगे। लेकिन हर एक को वो मतलब अपने तरीके से ही समझ मे आयेंगे।
  4. जब चौथी बार हम भगवन गीता को पढेंगे, तो हर एक पात्र की जो भावनायें हैं, इमोशन… उसको आप समझ पायेंगे कि किसके मन मे क्या चल रहा हैं। जैसे अर्जुन के मन मे क्या चल रहा हैं या दुर्योधन के मन मे क्या चल रहा हैं? इसको हम समझ पायेंगे।
  5. जब पाँचवी बार हम भागवत गीता को पढेंगे तो पूरा कुरूक्षेत्र हमारे मन मे खड़ा होता हैं, तैयार होता हैं,
    हमारे मन मे अलग- अलग प्रकार की कल्पनायें होती हैं।
  6. जब हम छठी बार भगवत गीता को पढ़ते हैं,
    तब हमें ऐसा नही लगता कि हम पढ़ रहे हैं… हमें ऐसा ही लगता हैं कि कोई हमें बता रहा हैं।
  7. जब सातवीं बार भगवत गीता को पढेंगे तब हम अर्जुन बन जाते हैं और ऐसा ही लगता हैं कि सामने वो ही भगवान हैं, जो मुझे ये बता रहे हैं।
  8. और जब आठवीं बार भगवत गीता को पढ़ते हैं तब यह एहसास होता हैं कि कृष्ण कही बाहर नही हैं। वो तो हमारे अंदर हैं और हम उनके अंदर हैं
    जब हम आठ बार भगवत गीता पढ़ लेंगे तब हमें गीता का महत्व पता चलेगा
    कि संसार मे भगवत गीता से अलग कुछ हैं ही नही और इस संसार मे भगवत गीता ही हमारे मोक्ष का सबसे सरल उपाय हैं।
    भगवत गीता मे ही मनुष्य के सारे प्रश्नों के उत्तर लिखें हैं।
जो प्रश्न मनुष्य ईश्वर से पूछना चाहता हैं, वो बस गीता मे सहज ढ़़ग से लिखें हैं।

मनुष्य की सारी परेशानियों के उत्तर भगवत गीता मे लिखें हैं।
गीता अमृत हैं।

Recommended Articles

Leave A Comment