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हाई बीपी को काबू करने के प्रभावशाली घरेलू उपाय
• ठीक रक्तयचाप के लिए स्यं)रेल को शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय बनायें।
• तैलीय व अधिक नमक वाले आहार से करें पूरी तरह परहेज।
• नींबू पानी का सेवन करने से रक्तरचाप रहता है नियंत्रित।
• डॉक्ट र से पूछकर ही किसी उपाय को अपनी दिनचर्या में करें शामिल।

आजकल लोगों की जिंदगी का ढंग काफी बदल गया है। मशीनों पर बढ़ती निर्भरता ने बेशक हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इससे हमें कई बीमारियां भी मिली हैं। उच्चं रक्तसचाप इनमें से एक है। यह बीमारी भले ही छोटी लगती हो, लेकिन हृदयाघात और अन्यै हृदय रोग होने का यह प्रमुख कारण है। ऐसे में जरूरी है कि उच्चत रक्तंचाप को नियंत्रित रखा जाए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू उपाय जो आपके रक्तर चाप को संतुलित और नियंत्रित रखते हैं।
हाई ब्लपड प्रेशर के सामान्यप लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर में चक्कर आने लगते हैं, सिर घूमने लगता है। रोगी का किसी काम में मन नहीं लगता। उसमें शारीरिक काम करने की क्षमता नहीं रहती और रोगी अनिद्रा का शिकार रहता है। इस रोग का घरेलू उपचार भी संभव है, जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना दवाई लिए इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है। जरूरत है संयमपूर्वक नियम पालन की। आइए जानें हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय
• नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना चाहिए।
• लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देता है। और कोलेस्ट्रॉ ल को नियंत्रित रखता है।
• एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
• जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के अंतराल पर पीते रहें।
• तरबूज के बीज की गिरी तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। इसका रोजाना सुबह एक चम्म च सेवन करें

• बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें।
• पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में लाभ नजर आने लगेगा।
• हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।
• नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।
• सौंफ, जीरा, शक्क1र तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।
• पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें, लाभ होगा।
• करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।
• गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें।
• ब्राउन चावल उपयोग में लाएं। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।
• प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। इनसे धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
• तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे पंद्रह दिनों तक लेने से लाभ मालूम होता है।

याद रखें उच्च रक्तडचाप हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। लेकिन, रक्तूचाप अगर सामान्यं से कम हो, तो वह भी सेहत के लिए कम खतरनाक नहीं होता। इसलिए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सरक से सलाह जरूर लें।
यहां ऐसे सरल घरेलू उपचारों की चर्चा कररह हूँ जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना गोली केप्सुल लिये इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है-
• सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोगी को नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिये। नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है।
• उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है।लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू वस्तु है।यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।
• एक बडा चम्मच आंवला का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह -शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
• जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गरम पानी में काली मिर्च पावडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही मुकाम पर लाने का बढिया उपचार है।
• तरबूज का मगज और पोस्त दाना दोनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर मिला लें। एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी से लें। 3-4 हफ़्ते तक या जरूरत मुताबिक लेते रहें।
• बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।
• तुलसी की 10 पती और नीम की 3 पत्ती पानी के साथ खाली पेट 7 दिवस तक लें।
• पपीता आधा किलो रोज सुबह खाली पेट खावें। बाद में 2 घंटे तक कुछ न खावें। एक माह तक प्रयोग से बहुत लाभ होगा।
• नंगे पैर हरी घास पर 15-20 मिनिट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।
• सौंफ़, जीरा, शकर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पावडर बनालें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।
• उबले हुए आलू खाना रक्त चाप घटाने का श्रेष्ठ उपाय है। आलू में सोडियम (नमक) नही होता है।
• पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें। अन्य सब्जीयों के रस भी लाभदायक होते हैं।
• नमक दिन भर में 3 ग्राम से ज्यादा न लें।
• अण्डा और मांस ब्लड प्रेशर बढाने वाली चीजें हैं। ब्लड प्रेशर रोगी के लिये वर्जित हैं।
• करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।
• केला,अमरूद,सेवफ़ल ब्लड प्रेशर रोग को दूर करने में सहायक कुदरती पदार्थ हैं।

• मिठाई और चाकलेट का सेवन बंद कर दें।
सूखे मेवे :– जैसे बादाम काजू, आदि उच्च रक्त चाप रोगी के लिये लाभकारी पदार्थ हैं।
चावल:- (भूरा) उपयोग में लावें। इसमें नमक ,कोलेस्टरोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है। इसमें पाये जाने वाले केल्शियम से नाडी मंडल की भी सुरक्षा हो जाती है।
अदरक:-प्याज और लहसून की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैलसियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
लालमिर्च:-धमनियों के सख्त होने के कारण या उनमे प्लेक जमा होने की वजह से रक्त वाहिकाएं और नसें संकरी हो जाती हैं जिससे कि रक्त प्रवाह में रुकावटें पैदा होती हैं। लेकिन लाल मिर्च से नसें और रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं, फलस्वरूप रक्त प्रवाह सहज हो जाता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है।
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