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-भोजन और पांच तत्व
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🍁-भोजन से शरीर का निर्माण  और टूट फूट की पूर्ति  होती है़ ।
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-जल,  पृथ्वी,  वायु,  अग्नि और आकाश से शरीर बना  है़ ।
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🍁-सभी अनाज और  दाले पृथ्वी  तत्व मेंं आते हैंं  ।
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-शारीरिक मेहनत करने वालो को पृथ्वी तत्व की अधिक जरूरत होती है़ ।
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-बुद्वि से कार्य करने वालो को पृथ्वी तत्व की कम जरूरत होती है़ ।
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-25 वर्ष की आयु के बाद पृथ्वी तत्व के भोजन को आधा कर देना चाहिए । 
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-वह आधा खाना भी सिर्फ शाम को ही खाना चाहिए ।
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🍁-जल तत्व
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  • जल तत्व मेंं सिर्फ सब्जियां  आती  हैंं  ।
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    -ऐसी सब्जियां  जो जमीन  के ऊपर होती हैंं  ।
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    -इन सब्जियों मेंं पानी  अधिक होता है़ और इन मेंं शरीर से मल निकालने की शक्ति होती है़ ।
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    -आलू, .शक्कर कंदी  आदि मेंं जल तत्व कम और पृथ्वी तत्व अधिक होता है़ ।
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🍁-अग्नि तत्व
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-फ्रूट्स  .( फल )  मेंं अग्नि तत्व ज्यादा होता है़ ।
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-फल धूप मेंं रहते हैंं  ।
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-जब फल खाते हैंं  तो अग्नि तत्व हमारे शरीर मेंं ज्यादा जाता है़ ।
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-रसदार  फलों  मेंं शरीर को शुद्व करने की शक्ति होती है़ ।
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🍁-वायु तत्व
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-वायु तत्व पतियों मेंं होता है़  ।
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-तुलसी तथा बेल की  पत्तियां शरीर को शुद्व करती हैंं ।
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-धनिया,  पुदीना,  बथुआ,  पालक,  चौलाई,  पतागोभी भी पत्तेदार सब्जियां  हैं ।
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🍁-आकाश तत्व
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-यह सूक्ष्म तत्व है़  ।  यह खाया नहीं जाता ।
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-जब तक पेट कुछ खाली  नहीं रखा जाए  यह प्राप्त नहीं होता ।
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-उपवास से भी आकाश तत्व प्राप्त होता है़ ।
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-अगर आप आकाश तत्व से भरपूर होना चाहते हैंं तो सुबह 12 बजे तक सिर्फ पानी पर रहना चाहिए ।  यह नियम अपने शरीर को देख कर अपनाए ।  किसी अनुभवी उपवास कर्ता  से राय ले  लें ।
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नहीं तो फलों का रस लेते रहें और इसे जरूर अपनाए । 
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आप की काया कंचन बना जाएगी ..

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