तो इन कारणों से गौमूत्र को कहा जाता है महाऔषधि
मोटापा कम करें
गौमूत्र मोटापा कम करने में भी सहायक है। मोटापा कम करने के लिये एक गिलास ताजे पानी में चार बूंद गौ मूत्र के साथ दो चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर नियमित पीने से लाभ मिलता है।
कीटाणुनाशक है गौमूत्र
गौमूत्र में आयुर्वेद का खजाना है! इसमें मौजूद ‘कार्बोलिक एसिड‘ कीटाणु नाशक होने के कारण कीटाणु जनित रोगों का भी नाश करता है। आयुर्वेद अनुसार शरीर में तीनों दोषों की गड़बड़ी की वजह से बीमारियां फैलती हैं, लेकिन गौमूत्र पीने से बीमारियां दूर हो जाती हैं। गौमूत्र चाहे जितने दिनों तक रखे, ख़राब नहीं होता है।
लीवर में मजबूती
गौमूत्र का सेवन लीवर के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। गौमूत्र पीने से लिवर मजबूती से काम करता है, क्योंकि यह ब्लड को अच्छा और शुद्ध बनाता है। जिससे शरीर में शुद्ध रक्त पहुंचता है और बीमारियां दूर होती हैं।
जोड़ों के दर्द में लाभकारी
अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान है तो गौमूत्र आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। जोड़ों के दर्द में दर्द वाले स्थान पर गौमूत्र से सेकाई करने से आराम मिलता है। सर्दियों के मौसम में इस परेशानी में सोंठ के साथ गौमूत्र पीना भी फायदेमंद होता है।
पेट के रोगों के लिए अमृत
पेट की बीमारियों के लिए गौमूत्र रामवाण की तरह काम करता है। गैस की शिकायत में प्रातःकाल आधे कप पानी में गौमूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। गौमूत्र लेने का श्रेष्ठ समय प्रातःकाल का होता है और इसे पेट साफ करने के बाद खाली पेट लेना चाहिए। गौमूत्र सेवन के 1 घंटे पश्चात ही भोजन करना चाहिए।
त्वचा रोग में लाभकारी
सल्फर की कमी से शरीर में त्वचा के रोग होते हैं। अगर आप त्वचा के रोगों से बचना चाहते हैं तो गौमूत्र का सेवन करें। गौमूत्र पीने से त्वचा के सभी रोग जैसे-सोराइसिस, एक्जिमा, खुजली, खाज, दाद ठीक हो जाते हैं।
कैंसर से बचाये
शरीर में करक्यूमिन नामक तत्व की कमी से कैंसर रोग होता है। इसी कमी की स्थिति में शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित होकर ट्यूमर का रूप ले लेती है और बाद में यही ट्यूमर कैंसर में तब्दील हो जाता है। गौमूत्र में यहीं करक्यूमिन नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। जो पीने के तुरन्त बाद पचकर तुरंत असर करता है।