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दूध सर्वोत्तम पोष्टिकयुक्त एक संपूर्ण आहार है।

माँ का दूध:-जीवन हेतु, शारीरिक विकास हेतु, वात पित शमन हेतु, नेत्र रोगों में सर्वोत्तम औषधी
इसके लिये एक वाक्य इस कहावत से समझे
“अगर अपनी माँ का दूध पिया है तो सामने आ”

देशी गाय का दूध:-इसके बारे में एक वाक्य
जिस प्रकार नवजात शिशु हेतु माँ का दूध
उसी प्रकार माँ के दूध के बाद गौमाता का दूध।

भैस का दूध:-शुक्र बढ़ाने हेतू, अनिद्रा का नाश , कफकारी,भूख को खत्म करने हेतु जिसकी जठराग्नि तीव्र हो उसके लिये सर्वोत्तम

बकरी का दूध:-रक्तपित्त, ज्वर,आतिसर, स्वास कास, शोष व क्षय रोग हेतु

भेड़ का दूध:- वात रोग व पथरी रोग हेतु हितकर

घोड़ी गदही का दूध:-बलकारक,दृढ़ताकारक,शोष नाशक,वात नाशक

हथनी का दूध:- नेत्र रोग, पुष्टिकारक, वृष्य , बलकारक,दृढ़ता उत्पन्न करने सर्वोत्तम

ऊंटनी का दूध:-वात रोग,कफ रोग,पेट फूलना/अफरा, उदर रोग,कृमि रोग,अर्श रोग,शोथ ,कुष्ट रोग , मधुमेह,थैलेसेमिया, टयूमर विरोधी कर्क व एड्स रोग हेतु सर्वोत्तम

सोयाबीन का दूध:- मस्तिष्क, स्नायु,स्मरण,मिर्गी,हिस्टीरिया, फेफड़ो के रोग,कील मुहासे,काले चकते,मधुमेह,रक्तहीनता, जिगर की खराबी,अम्लता बढ़ने से रोग,वात रोग व गुर्दे के रोग हेतु

सूरजमुखी का दूध:- विटामीन D प्रधान, हड्डियों व पौरुष शक्ति हेतु

खरबूजे का दूध:- हड्डियों, दिमाग को तरोताजा व ऊर्जा हेतु

सफेद तिल का दूध:- हड्डी,मस्तिष्क, दाँत, स्त्रियों में रजोरोध, त्वचा रोग व कामशक्ति हेतु
प्राकृतिक दूधो में सिर्फ तिल का दूध ही त्रिदोषनाशक है।

मूंगफली का दूध:- मस्तिष्क व शारिरिक दुर्बलता हेतु

बादाम का दूध:- मानसिक श्रमिको हेतु

काजू का दूध:- मधुमेह रोगियों हेतु

नारियल का दूध:- कब्ज,आंतरिक सूजन हेतु

मेवों का दूध :- वजन,बल,मर्दाना शक्ति हेतु

प्राकृतिक वस्तुओं का दूध बनाने की विधि:-

जिसका भी दूध बनाना चाहते हैं उसे 12 घंटे पानी मे भिगो दें उसके बाद उसका छिलका उतारकर लुगदी बना ले व इसके मात्रा के 8 या 6 गुना पानी मिलाकर छान लें दूध तैयार अब आप इस दूध की दही, पनीर भी बना सकते हैं।

आज की मॉडर्न युग मे शुद्ध दूध नही मिलता है तो आप निराश न होकर उपयुर्क्त पद्धति द्वारा शुद्ध दूध तैयार कर अपने परिवार को स्वस्थ व समृद्व बनाईये

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