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★○★तैरिये क्योंकि यही जीवन है★○★
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एक दिन एक लड़का समुद्र के किनारे बैठा हुआ था। उसे दूर कहीं एक जहाज लंगर डाले खड़ा दिखाई दिया। वह जहाज तक तैर कर जाने के लिए मचल उठा। तैरना तो जानता ही था, कूद पड़ा समुद्र में और जहाज तक जा पहुंचा। उसने जहाज के कई चक्कर लगाए। विजय की खुशी और सफलता से उसका आत्मविश्वास और बढ़ गया लेकिन जैसे ही उसने वापस लौटने के लिए किनारे की तरफ देखा तो उसे निराशा होने लगी। उसे लगा कि किनारा बहुत दूर है।

वह सोचने लगा, ‘वहां तक कैसे पहुंचेगा?’ हाल में मिली सफलता के बाद अब निराशा ऐसी बढ़ रही थी कि स्वयं पर अविश्वास-सा हो रहा था। जैसे-जैसे उसके मन में ऐसे विचार आते रहे, उसका शरीर शिथिल होने लगा। फुर्तीला होने के बावजूद बिना डूबे ही वह डूबता-सा महसूस करने लगा लेकिन जैसे ही उसने संयत होकर अपने विचारों को निराशा से आशा की तरफ मोड़ा, क्षण भर में ही जैसे कोई चमत्कार होने लगा।

उसे अपने भीतर त्वरित परिवर्तन अनुभव होने लगा। शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया। वह तैरते हुए सोच रहा था कि ‘किनारे तक न पहुंच पाने का मतलब है, मर जाना और किनारे तक पहुंचने का प्रयास है, डूब कर मरने से पहले का संघर्ष।’

इस सोच से जैसे उसे कोई संजीवनी ही मिल गई। उसने सोचा कि ‘जब डूबना ही है तो फिर सफलता के लिए संघर्ष क्यों न किया जाए।’

उसके भीतर के भय का स्थान विश्वास ने ले लिया। इसी संकल्प के साथ वह तैरते हुए किनारे तक पहुंचने में सफल हो गया। इस घटना ने उसे जीवन की राह में आगे चल कर भी बहुत प्रेरित किया। यही लड़का आगे चल कर विख्यात ब्रिटिश लेखक मार्क रदरफोर्ड के नाम से जाना गया।

“दोस्तों!! हम कार्य तो कर सकते हैं किंतु उसे करने से पहले ही उसकी सफलता-असफलता तय नहीं कर सकते हैं। यह ना तो हमारे लिए उचित है और न हमारे अधिकार में ही है……

‘गीता’ में ‘श्री कृष्ण’ इसी सँदेश को इस तरह देते हैं..

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संग्डोsस्त्वकर्मणि॥“

“तेरा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में कदापि नहीं।
इसलिए तू कर्मों के फल का हेतु मत हो तथा तेरी कर्म न करने में भी आसक्ति न हो॥“

इसलिए दोस्तों!! डूबेंगे या बचेंगे यह सोचे बिना जीवन की धार पर बस तैरिये… और तैरते रहिए………
यकीन मानिए अधिकतर लोग सिर्फ इसीलिए डूब जाते हैं कि वे डूबने के डर से तैरना ही छोड़ देते हैं, और डूब जाते हैं।

आज आप खुद से ये वादा कीजिए कि ‘चाहे जो हो आप तैरना नहीं छोड़ेंगे, डूबने से नहीं डरेंगे… ज़िंदगी के समंदर में आप हार नहीं मानेंगे…॥“
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🙏आपका दिन शुभ हो🙏

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