जाने मेरे जीवन की 6 मोटिवेशनल टिप्स: सफलता आपके कदम चूमेगी
ऐसे कई क्षण आते हैं जब व्यक्ति निराश या हताश हो जाता है। सबके साथ न्याय करने वाला और सबका भला जाने वाला भी खुद के साथ अन्याय देख ठगा सा रह जाता है, जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिससे व्यक्ति का मानवता इंसानियत और भगवान के न्याय से विश्वास उठ जाता है। मेरे जीवन में भी पिछले कुछ दिनों ऐसी ही एक घटना हुई जिसने मुझे अंदर से पूरी तरह से तोड़ दिया, इस घटना की वजह से मैं जान पाया इस दुनिया में हर चीज अच्छी नहीं है, हर व्यक्ति अच्छा नहीं है, हर पल अच्छा नहीं है, हर दुआ… दिल से दी हुई दुआ नहीं है, जैसी स्थिति मेरे साथ रही वैसी ही स्थिति अगर किसी व्यक्ति के साथ होती है तो वह खुद को हारा हुआ महसूस करता है और उसे लगता कि अब जिंदगी में कुछ नहीं बचा इस संसार में केवल स्वार्थी और झूठे और अन्यायी लोग बचे हैं। सबकुछ एबीसीडी से शुरू करना बहुत मुश्किल होता है यारों, पर वह गाना है ना
जीवन के दिन छोटे सही, हम भी बड़े दिल वाले
कल की हमें फ़ुर्सत कहाँ, सोचें जो हम मतवाले) -२
जीने का रँगीन मौसम, ये खूबसूरत ज़माना -२
अपने यही चार पल हैं, आगे है क्या किसने जाना
जीना जिसे आता है वो इनमें ही मौज मना ले
जीवन के दिन …
ये ज़िंदगी दर्द भी है, ये ज़िंदगी है दवा भी -२
दिल तोड़ना ही न जाना, जाने ये दिल जोड़ना भी
इस ज़िंदगी का शुक्रिया, सदके मैं ऊपर वाले
कल की हमें फ़ुर्सत कहाँ, सोचें जो हम दिल वाले
जीवन के दिन …।
परंतु बहुत कम लोग होते हैं जो इस हाताशा और निराशा को मात देकर फिर से खड़े हो जाते हैं। आखिर मेरे वे कौनसे 6 मोटिवेशनल टिप्स है जिनको अपनाकर मैं हर बार उत्साहित होकर खड़ा हो जाता हूं। और अगर आपने मेरी 6 मोटिवेशनल टिप्स जान ली तो यह टिप्स आपको उत्साहित करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। आओ जानते हैं मेरे जीवन की 6 मोटिवेशनल टिप्स।
- खुद को जीतना है दुनिया को नहीं : दुनिया में कई माहान लोग हुए हैं जिन्होंने दुनिया को जीत लिया था, परंतु शायद आपको यह नहीं मालूम की ये सभी महान लोग इसीलिए दुनिया की जीत पाए क्योंकि पहले इन्होंने खुद को जीता था। इन्होंने खुद के डर को, हताशा को, निराशा को और तमाम तरह की मानसिक कमजोरी को लात मार दी थी। क्या तुम भी लात मारने के लिए तैयार हो?
- तुम क्या मानते हो इससे फर्क पड़ता है : तुम क्या सोचते, तुम क्या समझते या तुम क्या कहते हो इससे तुम्हारी जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ता परंतु तुम क्या मानते हो इससे जरूर फर्क पड़ता है। इसलिए अपनी मान्यता पर पुन: विचार करो। कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम कुछ गलत मान रहे हो और है कुछ और?
- तुम क्या चाहते हो यह सोचो : तुम जीवन में क्या चाहते हो यह तुम कभी गंभीरता से सोचते हो? कई बार लोग अपनी चाहत बदलते रहते हैं। उन्हें जीवन में कोई वस्तु समय पर नहीं मिल पाती है। इसका कारण है कि वे कभी किसी को गंभीरता से चाहते ही नहीं है। कहते हैं कि कोई वस्तु इतनी शिद्दत से चाहो कि वो खुद तुम्हारे पास चली आए। कहते भी हैं कि एक साधे सब सधे और सब साधे कोई ना सधे।
- दुविधा से बाहर निकलो : आप देखना ऐसा लोग बहुत है जो कपड़े या जूते खरीदने जाते हैं तो कभी डिसाइड नहीं कर पाते हैं कि क्या और कैसे खरीदूं। दुविधा के कारण आपका का आत्मविश्वास खो जाएगा। आप हर समय डरे-डरे से रहेंगे और दिमाग में द्वंद्व पैदा हो जाएगा। दिमागी द्वंद्व से विरोधाभास और भ्रम उत्पन्न होगा। भ्रम और द्वंद्व से नकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे। नकारात्मक विचारों की अधिकता के कारण जीवन में कुछ भी अच्छा घटित होना बंद हो जाएगा। कहते हैं कि दुविधा में दोनों गये, माया मिली न राम।
- चिंता, भय और अशांति है मृत्यु का द्वार : किसी भी प्रकार की चिंता करना, मन को अशांत रखना और व्यर्थ के भय को पालते रहने से मृत्यु आसपास ही मंडराने लगती है। मौत तो सभी को आनी है फिर चिंता किस बात की। कोई पहले मरेगा और कोई बाद में। चिंता का मुख्य कारण मोह है। जेलखान, दावाखाना या पागलखाना वह व्यक्ति जाता है जिसने धर्मसम्मत या संयमित जीवन नहीं जिया। बहुत महात्वाकांशी है या जिसने धन और शक्ति के आधार पर रिश्ते बना रखे हैं या जिसे अपनी संपत्ति की सुरक्षा की चिंता है। चिंत्तामुक्त जीवन सबसे बड़ी दौलत है। भय से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
- दीर्घसूत्री : कई लोग दीर्घसूत्री या दीर्घसूत्रा होते हैं।। इसका मतलब है कि जो काम आज करना है उसे वे कल पर टालते हैं और धीरे धीरे उनकी जिंदगी में कई कार्य पेंडिंग हो जाते हैं। इसीलिए कहा गया है कि काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब। जीवन के किसी भी क्षेत्र में बेहतर रणनीति आपके जीवन को सफल बना सकती है और यदि कोई योजना या रणनीति नहीं है तो समझो जीवन एक अराजक भविष्य में चला जाएगा जिसके सफल होने की कोई गारंटी नहीं।