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नकसीर के घरेलू इलाज…..

1.नकसीर फूटने पर एक चम्मच घास का रस और एक चम्मच शहद रोगी को चाटना चाहिए। घास का रस नाक में डालना भी फायदेमंद रहता है।

2.रोगी को आराम से लिटाने के पश्चात्‌ उसे पीली गीली मिट्टी सूँघने को दें। ऐसा करने से नकसीर आनी बंद हो जाती है।
3.अंगूर के रस की पाँच बूँदें नाक में टपकाने से नकसीर रोग में फायदा होता है।
4.गर्मियों में अगर नकसीर फूटती है तो संभव होने पर सिर को मुंडवा कर उस पर गाय के घी की मालिश करनी चाहिए।
5 माथे पर लाल या पीला चंदन, मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाने से गर्मी से फूटने वाली नकसीर ठीक होती है।
6 पुराने जुकाम या नजले की वजह से अगर नकसीर फूटती है तो सबसे पहले इनका उपचार करना चाहिए।
7.जब नाक से अधिक खून निकलने लगे तो सबसे पहले रोगी व्यक्ति को किसी ठंडी जगह पर लिटाना चाहिए। इसके बाद रोगी व्यक्ति को गर्दन पीछे की ओर झुकानी चाहिए। फिर गर्दन के पिछले भाग के नीचे ठंडे पानी की पट्टी या बर्फ की थैली रख देनी चाहिए और पैरों में सूखी गरम पट्टी बांधनी चाहिए। इसके बाद रोगी के पैरों को 5 मिनट तक गर्म पानी से धोना चाहिए। इस प्रकार के उपचार से नाक से खून निकलना बंद हो जाता है।
8 यदि किसी व्यक्ति की नाक से बार-बार से खून निकल रहा हो तो सबसे पहले रोगी व्यक्ति को सुबह और शाम के समय में उदरस्नान करना चाहिए तथा अपने पेड़ू पर मिट्टी की पट्टी रखनी चाहिए।
9.पीली बोतल का सूर्यतप्त जल 100 मिलीलीटर, नीली बोतल का सूर्यतप्त जल 50 मिलीलीटर और हरी बोतल का सूर्यतप्त जल 50 मिलीलीटर को आपस में मिला लें। फिर इसे लगभग 25 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन दिन में 5 बार सेवन करने से रोगी का यह रोग ठीक हो जाता है।

  1. हरी बोतल के सूर्यतप्त जल में कपड़े की बत्ती को तर करके उसे नाक के नथुनों में रखने से या फिर उस जल का केवल नस्य लेने से भी नाक से बार-बार खून निकलना बंद हो जाता है। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से नाक से खून निकलना बंद हो जाता है।
    9) शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर , उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो एक क्षण में में ही तुरंत आराम आता है .
    10) अगर लगातार शीशम के पत्ते पीसकर उनका शर्बत सवेरे शाम पीया जाए तो नकसीर की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है .
    11) ठंडी तासीर वालों को इसमें काली मिर्च मिला लेनी चाहिए . बिल्व ( बेल) के पत्ते भी साथ में डालकर शरबत पीने से और भी अधिक लाभ होता है .
    12.करीब 20 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को कूट कर रात के समय मिट्टी के बर्तन में करीब एक गिलासपानी में डालकर भिगो दें। सुबह पानी को निथारकर छान लें। इस साफ पानी को दो तीन दिन पिलाने से वर्षों का पुराना रोग हमेशा के लिए खत्म हो जाता है।
    विशेष- बच्चों को इस पानी में मिश्री या बताशा मिलाकर पिलाने से किसी भी तरह की नकसीर हमेशा के लिए बन्द हो जाती है।
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