*सन्त जन कहते हैं कि हानि , लाभ , जीवन , मरण ,यश ,अपयश विधि हाथ ।ये छः ईश्वर के हाथ में है अर्थात प्रारब्ध के वशीभूत हैं । जीव चाहकर भी इसमें कुछ नहीं कर सकता ।*
*पिछले जन्म में किये गए अच्छे बुरे कर्मों के फल का इस जन्म में मिलना ही प्रारब्ध कहलाता है ।हमें आज जो भी प्राप्त है वो हमने पिछले जन्म में दिया है इसलिए आज मिला है ।*
*इसलिए आगामी जन्म का प्रारब्ध बनाने के लिए इस जन्म में अच्छे कर्म करते रहना चाहिए ।अवश्य ही अच्छे कर्मों के फल शुभ ही होता है ।*
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