बुराई करने से हमारा मन खराब होता है, और दूसरे के पाप दोष हमारे मन पर हावी होने लगते हैं, भूल कर भी ना तो कभी किसी की निंदा करें और ना ही सुनें, दोनों ही पाप हैं, अगर हम कांटे बोते हैं तो हमको कांटे ही मिलेंगे, फूलों की खेती करेंगे तो हमको भी खुशबू ही मिलेगी, जैसा करते हैं वैसा भरते हैं, जैसी करनी वैसी भरनी, हम अच्छा सोचें, अच्छा करें, हमारा जीवन सुंदर, सफल होगा l
Զเधॆ Զเधॆ🙏🙏