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संस्कृत के व्याकरण ग्रन्थ और उनके रचयिता
( व्याकरण के दार्शनिक विवेचन आदि ग्रन्थ)
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०१) संग्रह — व्याडि (लगभग ई. पू. ४०० ; ०२) अष्टाध्यायी — पाणिनि ।
०३) महाभाष्य — पतञ्जलि ।
०४) वाक्यपदीय — भर्तृहरि (लगभग ई. ५००, व्याकरणदर्शन का सर्वोत्कृष्ट ग्रंथ)।
०५) त्रिपादी (या, महाभाष्यदीपिका) — भर्तृहरि (महाभाष्य की टीका) ।
०६) काशिकावृत्ति — जयादित्य तथा वामन (छठी शती) ।
०७) वार्तिक — कात्यायन ।
०८) प्रदीप — कैयट ।
०९) सूक्तिरत्नाकर — शेषनारायण ।
१०) भट्टिकाव्य (या, रावणवध) — भट्टि (सातवीं शती) ।
११) चांद्रव्याकरण — चंद्रगोमिन् ।
१२) कच्चान व्याकरण — कच्चान (पालि का प्राचीनतम उपलब्ध व्याकरण)।
१३) मुखमत्तदीपनी — विमलबुद्धि (कच्चान व्याकरण की टीका तथा न्यास, ११ वीं सदी)।
१४) काशिकाविवरणपंजिका (या, न्यास) — जिनेंद्रबुद्धि (लगभग ६५० ई., काशिकावृत्ति की टीका) ।
१५) शब्दानुशासन — हेमचन्द्राचार्य ।
१६) पदमंजरी — हरदत्त (ई. १२००, काशिकावृत्ति की टीका) ।
१७) सारस्वतप्रक्रिया — स्वरूपाचार्य अनुभूति ।
१८) भागवृत्ति (अनुपलब्ध, काशिका की पद्धति पर लिखित)।
१९) भाषावृत्ति — पुरुषोत्तमदेव (ग्यारहवीं शताब्दी) ।
२०)सिद्धान्तकौमुदी — भट्टोजि दीक्षित (प्रक्रियाकौमुदी पर आधारित) ।
२१) प्रौढमनोरमा — भट्टोजि दीक्षित (स्वरचित सिद्धान्तकौमुदी की टीका) ।
२२) वैयाकरणभूषणकारिका — भट्टोजि दीक्षित ।
२३) शब्दकौस्तुभ — भट्टोजि दीक्षित (ई. १६००, पाणिनीय सूत्रों की अष्टाध्यायी क्रम से एक अपूर्ण व्याख्या) ।
२४) बालमनोरोरमा — वासुदेव दीक्षित (सिद्धान्तकौमुदी की टीका) ।
२५) रूपावतार — धर्मकीर्ति (ग्यारहवीं शताब्दी) ।
२६) मुग्धबोध — वोपदेव ।
२७) प्रक्रियाकौमुदी — रामचंद्र (ई. १४००)। २८) मध्यसिद्धान्तकौमुदी — वरदराज ।
२९) लघुसिद्धान्तकौमुदी — वरदराज ।
३०) सारसिद्धान्तकौमुदी — वरदराज ।
३१) प्रक्रियासर्वस्व — नारायण भट्ट (सोलहवीं शताब्दी) ।
३२) प्रसाद — विट्ठल ।
३३) प्रक्रियाप्रकाश — शेषकृष्ण ।
३४) तत्वबोधिनी — ज्ञानेन्द्र सरस्वती (सिद्धांतकौमुदी की टीका) ।
३५) शब्दरत्न — हरि दीक्षित (प्रौढमनोरमा की टीका) ।
३६) मनोरमाकुचमर्दन — जगन्नाथ पण्डितराज (भट्टोजि दीक्षित के “प्रौढ़मनोरमा” नामक व्याकरण के टीकाग्रंथ का खंडन) ।
३७) स्वोपज्ञवृत्ति — (वाक्यपदीय की टीका)।
३८) वैयाकरणभूषणसार — कौण्डभट्ट (ई. १६००) ।
३९) वैयाकरणसिद्धान्तमंजूषा — नागेश भट्ट (व्याकरणदर्शनग्रंथ) ।
४०) परिभाषेन्दुशेखर — नागेश भट्ट (इस यशस्वी ग्रंथ पर अनेक टीकाएँ उपलब्ध हैं।)। ४१) लघुशब्देन्दुशेखर — नागेश भट्ट (सिद्धान्तकौमुदी की व्याख्या) ।
४२) बृहच्छब्देन्दुशेखर — नागेश भट्ट । (सिद्धान्तकौमुदी की व्याख्या)
४३) शब्देन्दुशेखर — नागेश भट्ट ।
४४) वैयाकरणसिद्धान्तलघुमंजूषा — नागेश भट्ट ।
४५) वैयाकरणसिद्धान्तपरमलघुमंजूषा — नागेश भट्ट ।
४६) महाभाष्य-प्रत्याख्यान-संग्रह — नागेश भट्ट ।
४७) उद्योत — नागेश भट्ट (पतंजलिकृत महाभाष्य पर टीकाग्रंथ) ।
४८) स्फोटवाद — नागेश भट्ट ।
४९) स्फोटचंद्रिका — कृष्णभट्टमौनि ।
५०) स्फोटसिद्धि — भरतमिश्र ।
५१) परिभाषावृत्ति — सीरदेव ।
५२) परिभाषावृत्ति — पुरुषोत्तमदेव ।
५३) परिभाषाप्रकाश — विष्णुशेष ।
५४) गदा — परिभाषेंदुशेखर की टीका ।
५५) भैरवी — परिभाषेंदुशेखर की टीका ।
५६) भावार्थदीपिका — परिभाषेंदुशेखर की टीका ।
५७) हरिनामामृतव्याकरण — जीव गोस्वामी । ५८) परिमल — अमरचन्द ।

    

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