: कई बार प्राप्ति से नहीं अपितु आपके त्याग से आपके जीवन का मूल्यांकन किया जाता है। माना कि जीवन में पाने के लिए बहुत कुछ है मगर इतना ही पर्याप्त नहीं क्योंकि यहाँ खोने को भी बहुत कुछ है। बहुत चीजें जीवन में अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहियें मगर बहुत सी चीजें जीवन में त्याग भी देनी चाहियें।। प्राप्ति ही जीवन की चुनौती नहीं, त्याग भी जीवन के लिए एक चुनौती है। अतः जीवन दो शर्तों पर जिया जाना चाहिए। पहली यह कि जीवन में कुछ प्राप्त करना और दूसरी यह कि जीवन में कुछ त्याग करना।। एक जीवन को पूर्ण करने के लिए आपको प्राप्त करना ही नहीं अपितु त्यागना भी है। और एक फूल को सबका प्रिय बनने के लिए खुशबू तो लुटानी ही पड़ती है।।
जय श्री कृष्ण🙏🙏
इंसान को कभी अपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। उसका जीवन उसके कर्मों के आधार पर ही फल देगा, इसलिए कर्म करने में कभी हिचकना नहीं चाहिए, जीवन में स्थायित्व और निष्क्रियता शिथिलता प्रदान करती है।। आपके कर्म का क्या फल होगा, आप इस कदम को उठाने के पश्चात संतुष्ट रहेंगे या नहीं, इंसान को ऐसी किसी भी चिंता को अपने भीतर स्थान नहीं देना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि कर्म करते समय इंसान को फल या परिणाम की चिंता से मुक्त रहना चाहिए।।
Զเधॆ Զเधॆ🙏🙏