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🌹श्वास-दमा (Asthama) – हाँफ🌹

1.सरसों के तेल में नमक डालकर दमा के रोगी के छाती की मालिश करनी चाहिए। रोगी को खुली हवा तथा पंखें की हवा से बचना चाहिए।

  1. प्रतिदिन काली मिर्च, हल्दी में उड़द के पाउडर की धूनी नाक से लेने तथा भस्रिका प्राणायाम करने से बहुत लाभ होता है।

3. कलई किये हुए बर्तन में तीन अंजीर 24 घण्टे अथवा 36 घण्टे तक पानी में भिगोये रखें। प्रातः उठकर उबाल लें।

सूर्योदय से पूर्व उठकर, स्नान,शौचादि से निपटकर उगते सूर्य के सामने बैठें। 10 से 15 प्राणायाम करें। गहरे श्वास लें। पहले जोर से श्वास लेकर फेफड़ों में भरें। जितना अधिक श्वास भर सकें उतना लाभदायक होगा। पूरक करते समय यह भावना करें कि , मैं श्वास के साथ सूर्य की ओजस्वी किरणों को अन्दर भर रहा हूँ। फिर बहुत धीरे-धीरे श्वास बाहर निकालते समय यह भावना करें कि मैं रोग के किटाणुओं को बाहर फेंक रहा हूँ।

विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि श्वास अन्दर लेते समय जोर से लेनी है और छोड़ते समय बहुत धीरे- धीरे । इसे एक प्राणायाम कहेगें। इस प्रकार के 10 से 15 प्राणायाम करने चाहिए। इस क्रिया के साथ ॐ अथवा अपना इष्टमंत्र मन जपने से बहुत लाभ होता है।

इतनी क्रिया के पश्चात् उबाले हुए अंजीर खूब चबाकर खा लें और वही पानी पी जायें। इससे दमे के रोग में अवश्य लाभ होता है।

4. एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण, 4 बूँद शहद एवं थोड़ा सा घी मिलाकर लेने से श्वास रोग में लाभ होता है।

पथ्य आहारः मूँग, चना,रोटी।

🌹अति निद्रा की चिकित्साः🌹

🌹उपवास अथवा हलके, सुपाच्य एवं अल्प आहार से नींद अधिक नहीं आती। सुबह शाम 10-10 प्राणायाम करना भी हितकारी है। नेत्रों में अंजन लगाने से तथा आधी चुटकी वचा चूर्ण(घोड़ावज) का नस्य लेने से नींद का आवेग कम होता है। इस प्रयोग से मस्तिष्क में कफ और वृद्धि पर  जो तमोगुण का आवरण होता है, वह दूर हो जाता है। 

‘ॐ नमो नृसिंह निद्रा स्तंभनं कुरु कुरु स्वाहा।’ इस मंत्र का एक माला जप करें।

अति नींद और सुस्ती आती हो तोः

🔹पढ़ते समय नींद आती हो और सिर दुखता हो तो पान में एक लौंग डालकर चबा लेना चाहिए। इससे सुस्ती और सिरदर्द में कमी होगी तथा नींद अधिक नहीं सतायेगी।

🔹सहायक उपचारः🔹

🌹अति निद्रावालों के लिए वजासन का अभ्यास परमोपयोगी है। यह आसन मन की चंचलता दूर करने में भी सहायक है। जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगता उन्हें इस आसन में बैठकर पढ़ना चाहिए।

🌹मधुमेह हो तो :-🌹

🌹डायबिटीस की तकलीफ अगर किसी को है तो ….जो चिंता ज्यादा करते हैं, उनके शरीर में इंसुलिन नामक तत्व कम होता जाता है और शुगर की मात्रा बढ़ जाती है फिर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं | इसलिए चिंता छोड़ कर सुमिरन करें अपने आराध्य का अच्छा होगा |

🌹और अगर शुगर है तो वो लोग शुक्र गायत्री का जप करें | शुक्र गायत्री क्या है –

“ॐ भ्रगुजाताये विधमहे… दिव्‍य देहाय धीमहि ..तनो शुक्रः प्रचोदयात… |” भ्रगु गायत्री का जप करे |

👉🏻आम के पत्ते हरे-हरे छाँव में सुखा दें धोकर साफ करके, सूख जाये तो पावडर बना दें, एक चम्मच पावडर रात को एक ग्लास पानी में डाल दें पानी ढक के रख दें ….सुबह उसको उबालें आधा ग्लास पानी बचें तब तक उबालते रहें | फिर छान कर जिसको डायबिटीस हो उसको पिला दें | कड़वा लगेगा पीने में अच्छा नही लगेगा पर ऐसा नही फिर उसमे मिश्री मिलाकर पियें …ऐसे ही पीना देखो शुगर कैसे भागती है |

👉🏻रात को दक्षिण में सिर करके सोयें और

👉🏻चने का आट्टा और जों का आट्टा सामान मात्रा में मिलाकर उसकी रोटी खायें वो लोग जिनको शुगर है दोपहर को २-३ रोटी ऐसी खा सकें २ खा सकें ३ खा सकें वो खा लें।

🌹 चमड़ी के रोग कैसे दूर हो

🌹जिनको चमड़ी की तकलीफें हैं वो त्रिफला शाम को फांक ले,
5-10 ग्राम त्रिफला पाउडर अथवा त्रिफला की गोलियाँ मिलेंगी,
उससे चमड़ी की तकलीफें ठीक हो जाएगी।

🌹शारीरिक कमजोरी🌹

🌹10 ग्राम काले तिल चबा लो, और ठंडा पानी पियो; 2 घंटे तक कुछ खाओ पियो नहीं l इससे शरीर की कमजोरी मिटकर शरीर मजबूत होगा l दांत व मसूड़े मज़बूत होंगे, मस्तक मज़बूत होगा ।

🔹विशेष – रात को तिल की चीजे नहीं खानी और तिल का तेल लगाना नहीं चाहिए ।

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