: || विचारणीय ||
जीवन में कोई भी चीज इतनी खतरनाक नहीं जितना भ्रम में और डांवाडोल की स्थिति में रहना है| आदमी स्वयं अनिर्णय की स्थिति में रहकर अपना नुकसान करता है| सही समय पर और सही निर्णय ना लेने के कारण ही व्यक्ति असफल भी होता है|
यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं ? महत्वपूर्ण यह है कि आप स्वयं के बारे में क्या सोचते हैं ? स्वयं के प्रति एक क्षण के लिए नकारात्मक ना सोचें और ना ही निराशा को अपने ऊपर हावी होने दें|
सफ़ल होने के लिए 3 बातें बड़ी आवश्यक हैं| सही फैसले लें, साहसी फैसले लें और सही समय पर लें| आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है कि प्रयास की अंतिम सीमाओं तक पहुंचा जाए|| हरि
जय श्री राधे कृष्ण
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🙏जय श्रीकृष्ण 🙏
💥ज्योतिष मंथन💥
ज्योतिष एक वृहद और रहस्यमई दुनिया है जिसमें ग्रह दशा ग्रहों के संबंध आदि अनेक विधियां हैं, जिससे कुंडली का फलादेश किया जाता है ।।
ज्योतिष मुख्यतः दो सिद्धांतों पर कार्य करती है, कारण और निवारण– कारण का पता करके ही निवारण किया जाता है, ज्योतिष में वैसे तो बहुत सारे समस्याओं का निवारण हैं– उनमें एक मुख्य समस्या है– अवसाद ( डिप्रेशन)
परिभाषा:- चंद्रमा मन का स्वामी है और डिप्रेशन में इसकी सबसे बड़ी भूमिका है, बुध बुद्धि का मालिक है यह अवसाद को घटाता और बढ़ाता है चंद्रमा कुंडली में कमजोर हो या दूषित हो तो अवसाद होता है, चंद्रमा को सबसे ज्यादा कमजोर और दूषित करते हैं शनि सूर्य और राहु।।
इनके प्रभाव से व्यक्ति अवसाद में चला जाता है अवसाद से पहले चंद्रमा खराब हुआ तो मन खराब हुआ, फिर बुद्ध खराब हुआ तो बुद्धि खराब हुई, शनि या राहु चंद्रमा को प्रभावित करें तो डिप्रेशन की स्थिति बन जाती है।।
इसमें शनि वाला डिप्रेशन कभी-कभी अध्यात्म पैदा कर देता है, राहु चंद्रमा को प्रभावित करे तो व्यक्ति कल्पना वाली बीमारी पैदा कर लेता है, सूर्य चंद्रमा साथ हो तो अस्त होने से भी डिप्रेशन की स्थिति बन जाती है, आनंद का अभाव रहता है ,मन पर नियंत्रण नहीं रहता।।
मन को नियंत्रित करता है वो बुद्धि है, बुध ठीक होने से व्यक्ति अवसाद से निकल जाता है, कभी-कभी बृहस्पति भी व्यक्ति को डिप्रेशन से बाहर निकाल देता है, क्योंकि चंद्रमा की जो ताकत है, वो है बृहस्पति, कुंडली में बृहस्पति मजबूत हो तो व्यक्ति डिप्रेशन से निकल जाता है।।
उपायः- डिप्रेशन दूर करने में आसन और प्राणायाम बहुत उपयोगी हैं–( मयूरासन) रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य दे, रोशनी में कुछ देर रहे कमरे की लाइट का ज्यादा इस्तेमाल करें,केला जरूर खाएं ,गायत्री मंत्र सुबह शाम जपें,, सलाह लेकर पीला पुखराज धारण करें,, अवसा अवसाद का इलाज चल रहा है तो मोती नहीं पहने,डिप्रेशन बढ़ जाएगा ,पूर्णिमा का उपवास रखें
जय श्री कृष्णा