Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

राहु के खराब होने से परेशानी
– शराब पीना और पराई स्त्री से संबंध रखना।
– झूठ बोलना और धोखा देना।
– अपने गुरु या धर्म का अपमान करना।
– तांत्रिक कार्य या गड़े धन या गलत की इच्छा।
– किचन छोड़कर अन्य जगह भोजन करना।
– हमेशा कटु वचन बोलना।
– ब्याज का धंधा करना।
– लगातार तामसिक भोजन करना।

राहु खराब होने के लक्षण
– मद्यपान या सेक्स में ज्यादा लिप्त रह सकते हैं।
– बात-बात पर आपा खोना।
– वाहन दुर्घटना, पुलिस केस या पत्नी से झगड़ा।
– आर्थिक और मानसिक तनाव।
– सिर में चोट लग सकती है।
– गैरजिम्मेदार और लापरवाह होना।
– ससुराल पक्ष के लोगों से झगड़ा।
– सोचने समझने की ताकत कम होना।
– जीवन में डर और शत्रु में बढ़ोतरी।
– आपसी तालमेल में कमी।

शुभ राहु से फायदे
 – व्यक्ति दौलतमंद होगा
– कल्पना शक्ति तेज होगी
– रहस्यमय या धार्मिक बातों में रुचि होगी
– व्यक्ति में श्रेष्ठ साहित्यकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक या अन्य गुणों का विकास होगा

राहु के कारण होने वाली बीमारी और परेशानी
– गैस की परेशानी
– बाल झड़ना
– पेट संबंधी रोग
– बवासीर
– पागलपन
– यक्ष्मा रोग
– निरंतर मानसिक तनाव
– लगातार सिरदर्द: ज्योतिष चर्चा
〰️🔸🔸〰️
कुम्भ लग्न गुण-स्वभाव व्यवसाय विवाहादि विचार
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
उपयुक्त व्यवसाय
〰️〰️〰️〰️〰️
कुंभ लग्न के जातकों पर शनि व गुरु दोनों बृहद ग्रहों का प्रभाव होने से सूक्ष्म एवं दूरदर्शी एवं व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए ऐसे जातक व्यवसाय के संबंध में भी दूरगामी योजनाएं बनाने में कुशल होते हैं। कुंभ जातकों के लिए निम्नलिखित व्यवसाय विशेष उपयुक्त एवं लाभप्रद पाए गए हैं।

प्राध्यापन, प्रोफेसर, न्यायालय (वकील, जज) आदि गुप्तचर सेवा, वैज्ञानिक, पुरातत्व, राजनीति, नेता, दार्शनिक, अभिनेता, इंजीनियर, जौहरी, पत्थर, लोहा, लकड़ी, तांबा, रबड़ आदि धातुओं से संबंधित व्यवसाय। भूमि का क्रय-विक्रय, सेना, पुलिस, लेखन, प्रकाशन, प्रिंटिंग-प्रेस, पेट्रोलियम पदार्थ, ठेकेदारी, खेल, बिल्डिंग मेटेरियल, कोयला,  भट्टे, कृषि संबंधी कार्य, चिकित्सा एवं दवाई विक्रेता, कंप्यूटर, व्यापारी, वास्तु कला, ज्योतिषी, फोटोग्राफी, संगीत-गायन, बिजली, किराना व्यापारी, ड्राइविंग, डेयरी फार्म, शिक्षा संस्थान, रिसर्च एवं अनुसंधान के कार्य, उच्च पद प्राप्त पदाधिकारी, वाहन चालक एवं विक्रेता, दंत चिकित्सक, बेकरी, मिठाई विक्रेता, शेयर मार्केट से संबंधित कार्य, धर्माचार्य, समाजसेवक, सुधारक, सेल्समैन, डिजाइनिंग, वस्त्र उद्योग इत्यादि लघु विस्तृत उद्योग, कमीशन एजेंट, आढ़ती, मशीनरी, स्पेयर पार्ट्स, सीमेंट, उद्योग, तेल, तिल आदि पंसारी व मनिहारी के कार्य, मदिरा से संबंधित कार्य क्षेत्रों में लाभान्वित होने की संभावनाएं होती हैं।

भाग्योन्नति कारक वर्ष👉 28, 33, 36, 38, 42 एवं 48 होते है।

स्वास्थ्य एवं रोग
〰️〰️〰️〰️〰️
 कुंभ लग्न के जातक की जन्म कुंडली में यदि शनि, गुरु, मंगल ग्रह शुभ हो नवमांश कुंडली में भी यह ग्रह बली हो एवं लग्न पर स्वग्रही या मित्र ग्रहों की दृष्टि हो तो जातक का स्वास्थ्य उत्तम अथवा ठीक रहता है। तथा जातक आकर्षक एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी होता है। इस संबंध में यदि कुंडली में शनि, गुरु, सूर्य, चंद्र, मंगल, राहु आदि ग्रह निर्बल एवं अशुभ स्थिति में हो तो जातक का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। उसे वायु एवं कफ़ संबंधित रोग, स्नायु दुर्बलता, रक्तचाप, ह्रदय की कमजोरी, वात रोग (सन्निपात, लकवा) आदि, अधिक श्रम से मानसिक थकान, शीत प्रकोप, दांत, गले, टॉन्सिल, घुटनों एवं जोड़ों के दर्द, पिंडलियों में सूजन, रक्त की कमी या रक्त विकार, दाद, खाज, खुजली आदि चर्म रोग, नेत्र पीड़ा, गठिया, वातशूल, पथरी आदि रोगों का भय रहता है। यदि कुंडली में चंद्र, सूर्य, अशुभ हो तो जातक को उन्माद, अनिद्रा, नेत्र विकार, मस्तिष्क के विकार, मंदाग्नि, मेरुदंड में पीड़ा, शिर पीड़ा, कोष्ठबद्धता, उदर विकार आदि रोगों की संभावना होती है। कभी-कभी निराशा के कारण शराब, तंबाकू आदि व्यसनों का भी शिकार हो जाते हैं। शुक्र अशुभ हो तो पित्ताशय व मधुमेह आदि रोगों का भय होता है।

उपयोगी परामर्श👉 जातक को मदिरा आदि अत्यधिक मादक वस्तुओं का अथवा अत्यधिक ठंडी या गर्म वस्तुओं के सेवन से परहेज रखना चाहिए। संतुलित भोजन ग्रहण करना चाहिए। आशावादी, दृष्टिकोण के साथ नियमित व्यायाम एवं प्राणायाम अच्छे स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन के लिए लाभदायक होगा।

प्रेम सम्बन्ध एवं वैवाहिक सुख
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
कुंभ लग्न के जातक कल्पनाशील एवं रहस्यमय प्रकृति के होते हुए भी प्रेम संबंधों का सूत्रपात प्राय: मैत्री भाव से करते हैं। उनका प्रेम ह्रदय की सूक्ष्म एवं गहन अनुभूतियों से प्रेरित होता है। इनके प्रेम में प्रदर्शन एवं दिखावटी पर नहीं होता फिर भी अपनी पत्नी को हरसंभव सुख सुविधाएं प्रदान कराने में प्रयत्नशील रहते हैं। कुंभ लग्न के जातक अपनी प्रेमिका अथवा जीवन साथी का चयन बौद्धिक योग्यता को ध्यान में रखते हुए करते हैं। यद्यपि उन्हें विपरीत योनि के प्रति विशेष सौंदर्यानुभूति एवं आकर्षण होता है। परंतु वह ऐसा जीवनसाथी पसंद करते हैं जो इन्हें बाहरी प्रेम आकर्षण के साथ साथ बौद्ध क्षेत्र में भी साथ दे। कुंभ जातक प्रेम के संबंध में सुनिश्चित धारणाएं रखते हैं। कुंडली में यदि सप्तमेश सूर्य तथा शुक्र मित्र क्षेत्र एवं शुभ स्थिति में हो तो जातक अपने अनुकूल जीवनसाथी पाने में सफल रहते हैं। तथा उनका दांपत्य जीवन प्रायः सुखी होता है। यदि सप्तमेश सूर्य बली हो अथवा सप्तम भाव पर अशुभ ग्रहों का योग दृष्टि आदि का संबंध हो तथा शुक्र व गुरु की स्थिति भी ठीक ना हो तो जातक के वैवाहिक सुख में कमी रहती है। यदि कुंभ लग्न के जातक की कुंडली का पत्नी के साथ नक्षत्र एवं गुण मिलान ठीक से ना हुआ हो तो पति-पत्नी दोनों अपने पूर्वाग्रह विचारों से मुक्त नहीं हो पाते तथा दोनों में स्वाभिमानी प्रकृति एवं अहमभाव में टकराव के कारण दोनों का दांपत्य जीवन सुखी नहीं रह पाता। सप्तम भाव में सूर्य मंगल के योग से तथा कुछ अन्य अशुभ योगों के कारण जातक में विवाह के बाद संबंध विच्छेद अथवा अविवाहित रहने की प्रवृत्ति भी पाई गई है।

उपयुक्त जीवन साथी 👉 कुंभ लग्न के जातक को वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला, धनु एवं मीन लग्न की जातिका के साथ मैत्री संबंध व्यवसाय अथवा वैवाहिक संबंध शुभ एवं लाभदायक हो सकते हैं।

सावधानी👉 कुंभ राशि वायु तत्व प्रधान एवं स्थिर राशि होने के कारण कुंभ लग्न के जातक कई बार पूर्वाग्रही विचारों से ग्रस्त होकर आवेश एवं अति भावुकतावश दूसरों को स्पष्ट एवं कटु वचन भी कह देते हैं। जिससे कई बार लाभ की अपेक्षा हानि हो जाती है। इन्हें अति आलोचनात्मक प्रवृत्ति से भी बचना चाहिए अपने सामर्थ्य से अधिक परिश्रम करने की अपेक्षा संयोजित एवं योजनाबद्ध तरीके से पुरुषार्थ करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।


〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️
#कुंडल_मिलान_करने_के_बाद_भी_शादी_में_क्यों_होती #है_दिक्कते???

~~~
कुंडली मिलान खासकर शादी के लिए किया जाता है इसके अलावा जो जातक साझेदारी आदि में व्यापार करते है
वह भी कुंडली मिलान व्यापारिक सफलता के लिए अपने साझेदारो के साथ मिलाई जाती है।
यहाँ बात है शादी में कुंडली मिलान की, आजकल सिर्फ लोग कुंडली मिलान में केवल गुण मिलान को ही कुण्डली मिलान मान लेते है
जैसे दोनो जातक/जातिकाओ की कुंडली मिलान की गई और उन कुंडलियो के 18 से ऊपर गुण मिल गए जैसे 25,26 आदि तब अज्ञानताके कारण कई जातक मां लेते है कुंडली मिल गई लेकिन ऐसा नही होता, एक तो 7गुण होते है
जैसे गण, वर्ण, योनि, नाड़ी, नक्षत्र, राशी ,राशि स्वामी यह सभी मिलने जरूरी होते है।इसके अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण होताहै वह है जातक/जातिका दोनो के कुंडलियो का सप्तम भाव, सातवे भाव का स्वामी और कारक शुक्र(लड़के की कुंडली मे)कारक गुरु(लड़की की कुंडली मे), सही स्थिति में होने जरूरी है।यदि सप्तम भाव, सप्तमेश गुरु/शुक्र अशुभ है
जैसे अस्त, पाप/अशुभ ग्रहों से पीड़ित, नीच के होकर पीड़ित हो आदि तब कितने भी बढ़िया #गुण क्यों न मिल जाये? शादी नही चलेगी क्योंकि गुण मिलना केवल 25% से 30%कुंडली मिलान दिखाता है बाकी 70% कुंडली मिलान सप्तम भाव, सप्तमेश और शुक्र/ गुरु की स्थिति से होता है।आजकल यही हो रहा है
#गुण मिलान कर लिए जाते है लेकिन मूल रूप से जो चीज मिलानी है उसकव अज्ञानता के कारण अनदेखा करा जाता है।। #गुणमिलान उस दुकान की तरह है जहां दुकान तो बहुत बढ़िया जगह है सही मिल गई, लेकिन अब दुकान में किया गया व्यापार चल नही रहा।इस कारण कुंडली मिलान के साथ गुण मिलान+सप्तम भाव, सप्तमेश और गुरु/शुक्र भी अच्छी स्थिति में होने चाहिए अन्यता कितने भी अच्छे गुण मिल जाये शादी में दिक्कत हो ही जाएगी।। #उदाहरणअनुसार:

- किसी जातक की मेष लग्न की कुंडली है और जातिका की कन्या लग्न की कुंडली है
 तब जातक की कुंडली मे जो मेष लग्न की है यहाँ सप्तमेश शुक्र बनेगा और कारक भी और लड़की की जो कन्या लग्न कुंडली है उसमें सप्तमेश गुरु बनेगा और कारक भी गुरु होगा।अब माना इन दोनों कुंडलियो के मिलान में 28गुण मिल गए, बहुत अच्छी बात है लेकिन लड़के की कुंडली मे सप्तमेश शुक्र शनि के साथ है और सप्तम भाव मे राहु बेठा है साथ ही कन्या लग्न की जातिका की कुण्डली में सप्तमेश गुरु अस्त है और शनि की दृष्टि में है साथ ही सप्तम भाव पर मंगल या राहु या केतु बेठा है या इनकी दृष्टि है तब निश्चित ही वैवाहिक जीवन मे दिक्कतें आएगी और स्थिति तलाक तक जाएगी, अब जो 28गुण मिले भी है उनको कोई फायदा नही, तो यहाँ कुंडली मिलान में गुण मिलान के साथ, दोनो कुंडलियो का सप्तम भाव, भावेश और शुक्र/ गुरु की स्थिति भी अच्छी होनी चाहिए तब ही पूर्ण तरह से कुंडलिया मिलती है।केवल #गुण मिलने से ही कुंडली पूरी तरह नही मिलती है।।

~~~~~
[राशि अनुसार ध्यान रखें निवेश, धीरे-धीरे बढऩे लगेगा पैसा
〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰
यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो ज्योतिष के अनुसार जानिए आपको किस क्षेत्र में निवेश करना चाहिए और किस क्षेत्र निवेश नहीं करना चाहिए। निवेश यदि राशि अनुसार किया जाए तो नुकसान की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
यहां सभी राशियों के अनुसार निवेश के क्षेत्र बताये गए है।

मेष🐐
मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं। मंगल को पृथ्वी का पुत्र माना जाता है। इसका रक्त वर्ण है। जमीन, मकान, खेती एवं उससे जुड़े उपकरणों, दवाइयों के उपकरणों, वाहन विक्रय, खनिज, कोयला में निवेश करने वाले लोगों को मंगल बहुत लाभ देता है।

इस राशि के लोगों को किसी भी प्रकार के जोखिम, केमिकल, चमड़े, लोहे से संबंधित कार्य में निवेश करने से बचना चाहिए। जन्मपत्रिका में मंगल-चंद्र की युति हो तो व्यक्ति अति धनवान होता है। पूर्व का निवेश अटका हो तो हर मंगलवार के दिन हनुमानजी को सरसो के तेल का दीपक लगाना चाहिए।

वृषभ🐂
इस राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र चंचल ग्रह है तथा चंद्रमा इस राशि में उच्च का होता है। इन लोगों को अनाज, कपड़ा, चांदी, शकर, चावल, सौन्दर्य सामग्री, इत्र, दूध एवं दूध से बने पदार्थ, प्लास्टिक, खाद्य तेल, ऑटो पार्टस, वाहन में लगने वाली सामग्री, कपड़े से संबंधीत शेयर एवं रत्नों में निवेश करने से लाभ प्राप्त होता है।
जमीन, खनिज, कोयला, रत्न, सोना, चांदी, स्टील, कोयला, शिक्षण संस्थान, चमड़ा, लकड़ी, वाहन, आधुनिक यंत्र, औषधियों, विदेशी दवाइयों आदि में निवेश से बचना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रह के निमित्त घी का दीपक लगाना चाहिए।

मिथुन💏
इस राशि का स्वामी बुध है। बुध चंद्र को अपना शत्रु मानता है। बुध व्यापार करने वाले लोगों को लाभ देने वाला ग्रह है। इस राशि के जातकों को सोने में निवेश लाभदायी रहता है।
इसके अलावा कागज, लकड़ी, पीतल, गेंहू, दालें, कपड़ा, स्टील, प्लास्टिक, तेल, सौन्दर्य सामग्री, सीमेंट, खनिज पदार्थ, पशु, पूजन सामग्री, वाद्य यंत्र आदि का व्यापार या इन चीजों से संबंधित निवेश लाभ देता है। चांदी, शकर, चावल, सुखे मेवे, कांसा, लोहा, इलेक्ट्रॉनिक्स, जमीन, सीमेंट, इत्र, केबल तार, वाहन, दवाइयों, पानी से संबंधीत पदार्थ में निवेश करने से बचने का प्रयास करें। पूर्व का निवेश अटका हो तो सफेद वस्त्रों का दान करें।

कर्क💮
कर्क राशि का स्वामी स्वयं चन्द्रमा है। इस राशि के लोग व्यवसाय के साथ नौकरी में भी सफल होते हैं। इन लोगों को चांदी, चावल, शकर एवं कपड़ा उत्पाद करने वाली कंपनियों के शेयर, प्लास्टिक, अनाज, लकड़ी, केबल, तार, फिल्मों, खाद्य सामग्रियों, आधुनिक उपकरण, बच्चों के खिलोने, फायनेंस कंपनियों में निवेश करना लाभदायी होता है।
वर्तमान में शेयर एवं वादा बाजार में निवेश से बिल्कुल नहीं करें। जमीन, प्लाट, मकान, दुकान, तेल, सोना, पीतल, वाहन, दूध से बने पदार्थ, पशु, रत्न, फर्टीलाइजर्स, सीमेंट, औषधियों एवं विदेशी दवाई कंपनियों में निवेश सावधानी से करना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो श्रीगणेश को भोग लगाएं।

सिंह🐅
इस राशि का स्वामी सूर्य चंद्रमा का मित्र है। यह लोग स्वयं का कार्य या व्यापार में सफल होते हैं। सामान्यत: इन लोगों को नौकरी पसंद नहीं होती है। इन्हें सोना, गेंहू, कपड़ा, औषधियों, रत्नों, सौन्दर्य सामग्री, इत्र, सेंट, शेयर एवं जमीन जायदाद में निवेश से लाभ होता है।
इन लोगों को तकनीकी उपकरण, वाहन, सौदंर्य सामग्री, फिल्म्स, प्लास्टिक, केबल तार, इलेक्ट्रॉनिक्स, कागज, खाद्य पदार्थ, लकड़ी एवं उससे बने उपकरण, सेना में सप्लाई करने में भी यह लाभ प्राप्त होता है।
इस राशि के जातकों को किसी भी निवेश लाभ-हानि बराबर होती है। पूर्णत: हानि से यह सदैव बचे रहते हैं। पूर्व का निवेश अटका हो तो हनुमानजी को चमेली के तेल का दीपक लगाएं।

कन्या👩
इस राशि का स्वामी बुध है। जो चंद्रमा से शत्रुता रखता है। इन लोगों को शिक्षण संस्थान, सोना, औषधियों, केमिकल, फर्टीलाइजर्स, चमड़े से बने सामान, खेती, खेती के उपकरणों के कार्य करने में सफलता प्राप्त होती है। इन चीजों में निवेश भी लाभदायी होता हैं।
जमीन, चांदी, सीमेंट, ट्रांसपोर्ट, मशीनों का सामान, पशु एवं जल से जुड़े कार्यों में निवेश से बचना चाहिए। वर्तमान समय में शनि का अंतिम ढैय्या होने से शेयर एवं वादा बाजार में अच्छी सलाह के बाद ही निवेश करें। पूर्व में कोई निवेश उलझा हो तो श्रीगणेश को लड्डू का भोग लगाएं।

तुला🌰🌰
इस राशि का स्वामी शुक्र होता है। शनि इस राशि में उच्च का होता है और इस समय शनि तुला में ही है। इस राशि के लोगों को लौहा, सीमेंट, स्टील, दवाइयों, केमिकल, चमड़े, फर्टीलाइजर्स, कपड़ा, तार, इस्पात, कोयला, रत्नों, प्लास्टिक, आधुनिक यंत्रों (कंप्यूटर, कैमरे, टेलीविजन आदि बनाने वाली कंपनी) तेल में निवेश करने से उत्तम लाभ होता है।
जमीन, मकान, खेती, खेती संबंधी उपकरण, वस्त्र, में निवेश करने से बचें। वर्तमान समय में शनि की साढ़ेसाती होने से शेयर एवं वादा बाजार में निवेश नहीं करें। पूर्व में निवेश अटका हो तो सूर्य को दूध अर्पण करें।

वृश्चिक🐉
इस राशि का स्वामी मंगल है। चंद्रमा इस राशि में नीच का होता हैं। मेष राशि की ही तरह इस राशि वालों को जमीन, मकान, दुकान, खेती, सीमेंट, रत्नों, खनिजों, खेती एवं मेडिकल के उपकरण, पूजन सामग्री, कागज, वस्त्र में निवेश से लाभ होता है।
आपकी कुंडली में यदि चंद्रमा पर शनि की नजर हो तो तेल, केमिकल एवं तरल पदार्थों में निवेश करने से बचें। वर्तमान समय में शनि की साढ़ेसाती होने से शेयर, केमिकल, लौहा, चमड़ा, सोना, चांदी, स्टील, लकड़ी, सौंदर्य सामग्री, लौहे के उपकरण, तेल में निवेश बिल्कुल नहीं करें। पूर्व में निवेश अटका हो तो मंगलवार के दिन किसी चौराहे पर तेल डालें।

धनु↗
इस राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं। गुरु व्यापारियों को लाभ देने वाला ग्रह है। विशेषकर सोने एवं अनाज का व्यापार करने वालों के लिए। इस राशि के लोगों को निवेश के लिए भी इन्हीं वस्तुओं पर ध्यान देना चाहिए। आभूषणों, रत्नों, सोना, अनाज, कपास, चांदी, शकर, चावल, औषधियों, सौंदर्य सामग्री, दूध से बने पदार्थ, पशुओं का व्यापार करने एवं उसमें निवेश करने से लाभ होता है।
तेल, केमिकल, खनिज, खदान, कोयला, खाद्य तेल, किराना व्यापार, केबल तार, शीशा, लकड़ी, जमीन, मकान, सीमेंट, लौहे के व्यापार या उसमें निवेश करने से हानि होने की संभावनाएं बनती हैं। पूर्व का निवेश अटका हो तो सरसों का तेल दान करें।

मकर🐊
इस राशि का स्वामी शनि है। शनि चंद्र से शत्रुता रखता है। इस राशि के लोगों को लोहा, इस्पात, केबल, तेल सभी प्रकार के, खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, यंत्र, खनिज पदार्थ, खेती उपकरण, वाहन, चिकित्सा के उपकरण, वस्त्र, इत्र, सेंट, स्टील, सौन्दर्य सामग्री, ग्लेमर वर्ल्ड, फिल्म्स, नाटकों आदि में निवेश करने से लाभ होता है।
जमीन, मकान, सीमेंट, सोना, चांदी, रत्न, पीतल, अनाज, वस्त्र, शेयर आदि में निवेश से बचना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो इमली का दान करें।

कुंभ🍯
इस राशि का स्वामी भी शनि ही है तथा मकर की तरह ही इसके बारे में समझना चाहिए। इस राशि के लोगों को लोहा, इस्पात, केबल, तेल सभी प्रकार के खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, यंत्र, खनिज पदार्थ, खेती उपकरण, वाहन, मेडिकल के उपकरण, वस्त्र, इत्र, सेंट, स्टील, सौन्दर्य सामग्री, ग्लेमर वल्र्ड, फिल्म्स, नाटकों आदि में निवेश करने से लाभ होता है।
जमीन, मकान, सीमेंट, सोना, चांदी, रत्न, पीतल, अनाज, वस्त्र, शेयर आदि में निवेश से बचना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो अदरक का दान करें।

मीन🐋
इस राशि का स्वामी गुरु है। गुरु चंद्र का मित्र है। किसी भी प्रकार के निवेश से इन्हें बचना चाहिए। विशेषकर शेयर एवं वादा बाजार में। इनके निवेश के लिए आभूषणों, रत्नों, सोना, अनाज, कपास, चांदी, शकर, चावल, औषधियों, सौंदर्य सामग्री, दूध से बने पदार्थ, पशुओं का व्यापार करने एवं इन चीजों में निवेश करने से लाभ होता है।
तेल, केमिकल, खनिज, खदान, कोयला, खाद्य तेल, किराना व्यापार, केबल तार, शीशा, लकड़ी, जमीन, मकान, सीमेंट, लौहे के व्यापार या उसमें निवेश करने से हानि होने की संभावनाएं बनती हैं। पूर्व का निवेश अटका हो तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰

Recommended Articles

Leave A Comment