Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM


ज्योतिष शास्त्र में बुध –

ज्योतिष शास्त्र में बुध को रूपवान मीठा बोलने वाला और स्पष्ट बोलने वाला तथा हरे रंग का बताया गया है। इसे कालपुरुष की वाणी की उपाधि दी गयी है। सभी ग्रहों में बुध को युवराज का पद मिला है। बुध के द्वारा पांडिताई वाले काम वाणी की शक्ति कलाकारी गणित विद्या में चतुरता लिखने आदि का विचार किया जाता है। यह त्वचा प्रधान ग्रह है,बुध के कुंडली में अच्छा होने से जातक की त्वचा अच्छी होती है,और बुध का खराब स्थान में बैठने या किसी पापी ग्रह के द्वारा पापाक्रांत होने जातको को त्वचा वाले रोग होते है।यदि जन्म कुंडली में बुध खराब है तो अपनी दशा अन्तर्दशा में वायु कफ़ पित्त से उत्पन्न तीनो प्रकार के रोग देता है,यह शरीर के तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम का अधिकारी है। यदि बुध पीडित होता है तो व्यक्ति के अन्दर की सोचने समझने और महसूस करने की शक्ति कमजोर होती है,जैसे खुशबू बदबू का पता नही चलना,त्वचा का सुन्न हो जाना,चोट लगने या किसी कीडा के काटने का पता नही चलना,त्वचा में कभी कभी काले रंग के चकत्ते पड जाना और अपने आप ही समाप्त हो जाना आदि बाते भी देखने को मिलती है। शरीर में बुध का आधिपत्य छाती और बाजुओं के आगे के भाग का भी मालिक बनाया गया है,जिस जातक की कुण्डली में बुध चन्द्र की युति होती है वह मजाकिया स्वभाव का होता है,अक्सर इस प्रकार के जातक दूसरों को किसी न किसी प्रकार से नुकसान पहुंचाने में अपने आनन्द को बढाना जानते है। बुध के खराब होने पर शुक्र का सहारा लेना पडता है,बुध राहु के दोष से दूर होता है,व्यापार करना इसकी मुख्य पहिचान मानी जाती है,व्यापार में भी उन कामो से जिनके अन्दर बातों से कमाया जाता हो।
जो जातक पूर्व जन्म में न किये जाने वाले कामों को करते है,दूसरों को परेशान करने में जिनको आनन्द आता है,बातों की चालाकी से लोगों को लूटा होता है,बातों को लिखकर कह कर लोगों को परेशान या गुमराह किया होता है,इस प्रकार के जातकों का मुख्य दुख दाम्पत्य जीवन का होता है उनकी शादिया सही समय पर नही होती है,होती भी है तो सम्बन्धों का सुख नही होता है,पति या पत्नी किसी भी प्रकार से सही बात नही करते है घर के अन्दर सभी सदस्य बातों की लडाई में मशूगल हो जाते है,किसने क्या कहा है के प्रति अक्सर बेकार की बहस होती है,पति पत्नी में मनमुटाव कलह और अगर सम्बन्ध बनते भी है तो सम्बन्ध विच्छेद भी करवाने में बुध का बहुत बडा महत्व होता है। बुध अक्सर व्यापार में अपनी गति प्रदान करता है जिन जातकों ने अपने जीवन में अच्छे कर्म किये होते है तो वह व्यापार में काफ़ी बढोत्तरी करता है,और बुरे कर्मों के प्रभाव के कारण चलता हुआ व्यापार अक्समात ही नीचे जाने लगता है और घर के अन्दर भी क्लेश होने के कारण साधनों में कमी होती जाती है। बुद्धिमान होने पर भी कोई बात नही बनती है,और वह अपने चातुर्य को भी बरबाद करता रहता है। अच्छा बुध अच्छा व्यापारी बनाता है,धन और धान्य से पूर्ण करेगा,जीवन पूरा आनन्द में बीतेगा आदि बातें भी समझ में आती हैं। बुधवार बुध का धिन है,पन्ना इसका रत्न है,जिसके धारण करने से यह लाभकारी होता है,पीतल इसकी धातु है,और अन्न में हरी मूंग इसका अनाज है। बुध के नक्षत्रों में अश्लेषा ज्येष्ठा एवं रेवती है,बुध की राशियां मिथुन और कन्या हैं। जिसमे मिथुन सकारात्मक और कन्या नकारात्मक राशि होती है। लेकिन कन्या राशि में यह जातक को मीठी वाणी बोलने वाला और समाज में अपने को मिलाकर चलने वाला माना जाता है,पन्द्रह अंश में यह परम उच्च का होता है और मीन राशि में यह पन्द्रह अंश में परम नीच का होता है।

अंकशास्त्र में बुध –

अंक विद्या में पांच का अंक बुध का अंक है। और जिसका जन्म 5,14,23 तारीख में हुआ होता है उसके लिये बुध का प्रभाव जीवन में महत्वपूर्ण माना जाता है। इन अंकों से सम्बन्धित जातक अधिकतर जल्दबाज होते है,किसी भी बात के निर्णय लेने में देरी नही करते है,और अक्सर इनका दिमाग खोजी होता है,इसी कारण से नयी नयी बातों की खोज को करने के बाद यह जल्दी से धन कमाने के प्रति अपना दिमाग चलाते रहते है। इनका दिमाग बडे से बडा व्यापार चलाने में भी नही घबडाता है और उसका मतलब चाहे लाभ से हो या हानि से इन्हे मतलब नही होता है,लेकिन बुध के अच्छे प्रभाव के कारण इनका व्यापार अक्सर सफ़ल ही होता है। अक्सर व्यापार के कामों के तनाव के होने के बाबजूद भी यह अपने काम को आराम से संभाल ले जाते है। बुधवार और शुक्रवार इनके लिये अच्छा दिन होता है,बुध प्रधान जातकों का स्वभाव शर्मीला और लचीला होता है,इन अदाओं के कारण से भी यह अन्य लोगों का दिल जीत लेते हैं। इन जातकों को बुध का रत्न पन्ना पहिनने से भी आराम मिलता है,और गाय को हरी घास खिलाने से भी इनको जल्दी आराम मिलने लगता है,बुध के बीज मंत्रों का जाप भी इनके लिये लाभकारी होता है। बुध की कृपा से जातक के पास अथाह सम्पत्ति आने लगती है और समाज स्थान में आदर्णीय भी हो जाते हैं।

बुध प्रधान व्यक्ति बुद्धिमान होते है इनके लिये संसार के ज्ञान से बढकर और कोई खजाना इनके पास नही होता है,किसी भी कारण को शोध करने के बाद यह पी एच डी जैसी उपाधियां आराम से लेलेते हैं। यह संगीत प्रिय भी होते है,वाकपटुता का प्रभाव इनके पास होता है,शक्तिशाली विचारवान सौन्दर्य के पुजारी भावना प्रधान विद्यावान और बुद्धिजीवी होते है,लिखने की कला इनकी अच्छी होती है और अक्षर बनाने की कला इनके पास अदभुत होती है,हर काम को सोच समझ कर ही करते है,खुला स्थान इन्हे अधिक पसंद होता है,खर्चा करने के अन्दर इस प्रकार के जातक कंजूस भी होते है,बुद्धि प्रधानता वाले काम जैसे ज्योतिष डाक्टरी वकील दलाल व्यापारी लेखक बाबूगीरी वाले काम और अर्थशास्त्र में निपुणता वाले काम इन्हे अच्छे लाते है।

इस अंक वाले जातकों की कुछ कमियां भी होती है,जो उनकी प्रगति में रुकावट पैदा करती है,जैसे आलस आना जल्दी गुस्सा होना अकारण ही गुस्सा करने लग जाना चिन्ता वाली बातें और अपने या पराये व्यक्ति को शक में डालने वाले काम करना,अधिक बातें करना आदि माने जाते है। असफ़लता के विचार से भय होना शक करना आदि भी दुख पैदा करने वाले कारण होते है,बुद्धि का कार्य करते रहने से भी इनका शरीर कमजोर होता जाता है और शरीर के कमजोर होने से फ़ेफ़डे वाले रोग जुकाम लगा रहना टीबी आदि जैसे रोग पैदा हो जाना एलर्जी वाले रोग होते जाना भी माना जाता है। जीवन साथी को अपने अनुरूप बनाने के कारण भी इस अंक के जातकों के लिये दुखदायी होते है,अक्सर इस अंक के जातकों के जीवन साथी चुप ही रहते है और बिना बुद्धि के काम करने के कारण घर और परिवार में अशांति के कारण भी बनते है। खाने पीने और बोलने पर नियंत्रण नही होने के कारण इस अंक के जातक बिना कारण के ही दुश्मनी या बीमारी भी पाल लेते हैं।

Recommended Articles

Leave A Comment