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बवासीर (पाइल्स) का आयुर्वेदिक इलाज

बवासीर जिसे पाइल्स एवं अर्श रोग भी कहा जाता है, बेहद तकलीफदेह होता है। इस समस्या में रोगी को गंभीर कब्ज तो होता ही है, मलद्वार में असहनीय तकलीफ, कांटों सी चुभन, मस्से एवं घाव, जलन आदि गंभीर समस्याएं हैं, जो रोगी को कमजोर बना देती हैं और मल द्वारा रक्त की भी हानि होती है। ऐसे में इसका सही इलाज ही रोगी को इस समस्या में राहत दे सकता है, अन्यथा तकलीफ बढ़ सकती है।

कब्ज के कारण हो सकती है पाइल्स की बीमारी

पुरानी कब्ज की बीमारी के कारण पाइल्स की समस्या उत्पन्न हो सकती है। पाइल्स निचेले मलाशय में दबाव पैदा होने के कारण होती है। यही वजह है जिसके कारण कब्ज पाइल्स का रूप ले लेती है। कब्ज होने पर व्यक्ति दबाव पैदा करने की कोशिश करता है जिससे मलाशय में सूजन या उभाड़ विकसित होने लगता है। यह पाइल्स का कारण बनता। ऐसे में कब्ज की समस्या होने पर उसे नजर अंदाज न करें और तुंरत उसका इलाज करने की कोशिश करें। एक सप्ताह में कम से कम 3 बार मल त्याग करना जरूरी होता है। अगर आपने पूरे सप्ताह 3 बार से कम मल त्याग किया है तो यह कब्ज का संकेत है।

बवासीर का इलाज कैसे करें?

गर्मपानी से करें सिकाई

बवासीर के मरीजों को 15 मिनट के लिए गर्म पानी में बैठकर सिकाई करने की सलाह देते हैं। ऐसा दिन में कई बार कर सकते हैं। आप चाहें तो, हर बार मल त्यागने के बाद यह सिकाई कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी बड़े टब में हल्का गर्म पानी भरें और उसी में 15 मिनट के लिए बैंठ जाएं। ऐसा करने से बवासीर से होने वाले दर्द में राहत मिलती है।

नारियल तेल

नारियल का` तेल एक प्राकृतिक मॉश्चराइजर का काम करता है। नारियल का तेल लगाने से जलन और सूजन से राहत पाई जा सकती है। परेशानी कम बवासीर का इलाज नारियल तेल से भी किया जा सकता है।

ऐलोवेरा

ऐलोवेरा हर घर में बहुत आसानी से पाया जाता है। बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के शोध के अनुसार, ऐलोवेरा बवासीर के घावों को बहुत जल्दी भर सकता है। इसको गूदे को लगाने से बवासीर होने के कारण होने वाली जलन, खुजली और सूजन से राहत मिल सकती है। इसलिए बवासीर का इलाज के लिए एलोवेरा का प्रयोग किया जा सकता है।

जामुन की गुठली

जामुन की गुठली को सुखाकर पीस लें। रोजाना एक चम्मच की मात्रा में हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ मिलेगा।

किशमिश

100 ग्राम किशमिश को रात को पानी में भिगो दें। सुबह किशमिश को पानी में मसलकर पी लें। रोजाना ऐसा करने से बवासीर की समस्या ठीक हो जाएगी।

अंजीर

रात को 3-4 से अंजीर को भिगोने के लिए रख दें। सुबह उठकर इसको पीसकर खाली पेट खाएं। कुछ दिनों तक लगातार एेसा करने से बवासीर की प्रॉब्लम से राहत मिलेगी।

त्रिफला चूर्ण

बवासीर का एक प्रमुख कारण कब्ज है और कब्ज को दूर करने में त्रिफला चूर्ण बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसलिए बवासीर के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण काफी कारगर है। इसके लिए 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण रोज रात को सोने से पहले, गर्म पानी में लें। कुछ ही दिनों में आपको स्थित में परिवर्तन नजर आएगा।

पीएं अधिक पानी

यह बवासीर को ठीक करने का सबसे आसान व प्रभावी तरीका है। आप अपने वाटर इनटेक पर विशेष रूप से ध्यान दें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से कब्ज दूर होती है और इस तरह से बवासीर से छुटकारा मिलता है। प्रत्येक दिन 8−10 गिलास पानी पीने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।

हींग

हींग को बवासीर के मरीज को अपनी डाइट में जरूर शामिल किया जाना चाहिए। आप इसे सब्जी के तड़के में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर एक गिलास पानी में घोलकर प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं। यह पाचन में सुधार करता है और इसलिए बवासीर के इलाज के लिए प्रभावी माना जाता है।

बवासीर में फायदेमंद सेब का सिरका

सेब का सिरका अपने कषाय गुणों के कारण रक्तवाहिनियों को सिकोड़ने में मदद करता है। खूनी बवासीर में एक गिलास पानी में सेब के सिरके का एक चम्मच डालकर दिन में दो बार पिएं। बादी बवासीर में सेब के सिरके में रुई भिगाकर गुदा में रखें। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।

क्या बवासीर का इलाज केवल #सर्जरी से संभव है?

बवासीर का इलाज केवल सर्जरी ही है, लेकिन यह सच नहीं है। समय पर किए गए उपचार, एवं बेहतर जीवनशैली से इस रोग को ठीक (Bavasir ka upchar) किया जा सकता है।

       

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