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तम्बाकू से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक नुस्खे

तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक है। इसका सेवन करने वाले लोग धीरे-धीरे मौत के दलदल में धसने लगते हैं। अक्सर युवा पहले इन चीजों का इस्तेमाल शौकिया तौर पर करते हैं हालांकि कुछ लोग गलत संगत, तनाव व अन्य परिस्थितियों से पीछा छुड़वाने के लिए इन मादक चीजों का इस्तेमाल करने लगते हैं जो बाद में बुरी लत बन जाती है। धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा जैसे अनेकों उत्पाद तम्बाकू का ही रूप हैं। इसका सेवन आपको बहुत बीमार कर सकता है, यहां तक की यह जान भी ले सकता है। 1 सिगरेट जिंदगी के 11 मिनट और पूरा पैकेट 3 घंटे 40 मिनट छीन लेता है।

अजवाइन
तम्बाकू के नशे से मुक्ति पाने में अजवाइन बेहद कारगर आयुर्वेदिक नुस्खा है। भुनी हुई अजवाइन खाने से तम्बाकू सेवन की बेचैनी धीरे-धीरे ख़त्म होती जाती है। इससे पाचन तंत्र को फायदा होता है और गैस, अपच आदि की समस्याओं में भी राहत मिलती है।

तम्बाकू के नुकसान

तंबाकू Nicotiana tabacum नामक पौधे की पत्तियों से तैयार किया जाता है, जिसमें निकोटीन कैमिकल पाया जाता है। निकोटीन में कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व होते हैं। इसके अलावा इसके लगातार सेवन करने से दिल की बीमारियां, पेट का अलसर, हाई ब्लड प्रैशर, एसिडिटी, अनिद्रा जैसी कई बीमारियां भी संभावना भी काफी अधिक बढ़ जाती है। धूम्रपान, गुटखा एवं तम्बाकू खाने से मुंह ,गले, श्वासनली व फेफड़ों का कैंसर होता है।

  1. नशा छोड्ने का मन से निश्चय करेँ
  2. यदि नशा एक बार मेँ झटके से छोड्ना मुश्किल लगे तो धीरे धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़ें।
  3. सभी मित्रोँ, परिचितों को बता दें कि आपने नशा छोड दिया है ताकि वे आपको नशा करने के लिये बाध्य ना करेँ
  4. डायरी लिखेँ कि आप कब और कितनी मात्रा मे नशा करते हैं क्या कारण है जो आपको नशा करने के लिये प्रेरित होते हैं
  5. अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, एवँ माचिस आदि रखना छोड देँ
  6. खान पान एवं लाइफ स्टाइल में सुधार करें लनशा छोड़ने के आयुर्वेदिक तरीके / आयुर्वेदिक वेज़ तो क्विट तंबाकू

तय करें समय
सबसे पहले गुटखा तंबाकू छोड़ने के लिए समय तय करें। इसके लिए प्लान बनाएं। अगर आप काफी समय से गुटखा खा रहे हैं तो इसके लत को खत्म होने के लिए समय दें और धीरे-धीरे करके छोड़ें। इसके खाने की सीमा कम करें।

इच्छा नियंत्रित करें
गुटखा तंबाकू खाने की इच्छा को पहचानें। कई लोग होते हैं जिन्हें आधी रात के समय, टीवी देखते समय या फिर काम करते समय इसे खाने की आदत होती है। आप इसके लक्षणों को पहचानें और फिर इस समय गुटखा खाने की इच्छा को नियंत्रण में करें। धीरे-धीरे आपकी ये लत छूट जाएगी।

आंवला, सौंफ और इलायची
आंवला, सौंफ और इलायची के चूर्ण का मिश्रण भी नशे की लत से छुटकारा पाने में बेहद उपयोगी है। सिगरेट या तम्बाकू खाने की जब भी इच्छा हो तब इन तीनों के चूर्ण की एक पुड़िया मुंह में रखें और धीरे-धीरे इसे चबाते रहें। कुछ दिन तक ऐसा करने से नशे की तलब ख़त्म हो जायेगी। साथ ही पेट के लिए भी यह फायदेमंद है। खट्टी डकार ,भूख ना लगना, पेट फूलने में आराम मिलता है।

तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्व है। तम्बाकू से छुटकारा पाने में भी यह विशेष उपयोगी है। सिगरेट पीने या तंबाकू खाने का जब भी मन करे तो तुलसी का पत्ता चबाएं। सुबह और शाम तुलसी के 2-3 पत्ते चबाने से नशे की लत से छुटकारा मिल सकता है।

अदरक
तम्बाकू खाने की जब भी इच्छा बलवती हो जाए तब अदरक को मुंह में रखें और धीरे-धीरे उसे चूसते रहें। तम्बाकू खाने या धूम्रपान करने की इच्छा पर विराम लगेगा। इसके लिए अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसमें नींबू का रस और नमक मिलाकर धूप में सुखा लें। अदरक में सल्फर होता है जो इस लत को कम करने में मदद करते है।

शहद और नींबू
नींबू के रस में शहद मिलाकर पीने से तम्बाकू के नशे की तलब दूर होती है। नींबू-पानी से शरीर से नशीले पदार्थ भी बाहर निकलते हैं।

तय करें समय
सबसे पहले गुटखा तंबाकू छोड़ने के लिए समय तय करें। इसके लिए प्लान बनाएं। अगर आप काफी समय से गुटखा खा रहे हैं तो इसके लत को खत्म होने के लिए समय दें और धीरे-धीरे करके छोड़ें। इसके खाने की सीमा कम करें।

इच्छा नियंत्रित करें
गुटखा तंबाकू खाने की इच्छा को पहचानें। कई लोग होते हैं जिन्हें आधी रात के समय, टीवी देखते समय या फिर काम करते समय इसे खाने की आदत होती है। आप इसके लक्षणों को पहचानें और फिर इस समय गुटखा खाने की इच्छा को नियंत्रण में करें। धीरे-धीरे आपकी ये लत छूट जाएगी।

योग और व्यायाम
तम्बाकू की लत पड़ने पर, उसे छोड़ना आसान नहीं होता। इसके लिए जबरदस्त इच्छाशक्ति और मानसिक दृढ़ता की जरुरत होती है। इसके लिए शरीर, मन और आत्मा का एक होना जरुरी होता है। इसके लिए योग से बेहतर कुछ भी नहीं है। शवासन से विशेष फायदा होता है। अनुलोम-विलोम भी उपयोगी है। योगासन के साथ-साथ शारीरिक व्यायाम भी करते हैं तो सोने पर सुहागा। यह तनाव को कम करता है।

   

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