वात पित्त कफ 6 के रहस्य और उपाय
वात पित्त कफ को सम रखने के एव ठीक करने के सरल उपाय:-
जीवन में वात पित्त और कफ के बिगड़ने पर ही रोग आते है
-वात शरीर मे सुबह को बढ़ता है
-पित्त शरीर मे दोपहर को बढ़ता है
-कफ शरीर मे रात में बढ़ता है
-नाभि से लेकर पैरों तक वात कर रोग है
-नाभि से लेकर छाती तक पित्त के रोग है
-छाती से लेकर सिर तक कफ के रोग है
इन तीनो दोषों को सम पर रखने के सरल उपाय, यदि कोई खानपान में थोड़ा सा बदलाव करे तो जीवनपर्यंत निरोगी रह सकता है
वात:-
-तेल शुद्ध खाये,सबसे अच्छा सरसों है
-दूध देशी गाय का शुद्ध खाये
-संतरा, मौसमी, गन्ने का जूस ,टमाटर, अंगूर आदि खाये
पित्त:-
-देशी गाय का घी शुद्ब खाहे
-छाछ का सेवन करे
-दोपहर को भोजन में अजवाइन जरूर डाले
-अजवाइन नही डालते हो तो भोजन के बाद एक चुटकी अजवाइन काले नमक के साथ खाएं
-काले जीरे का प्रयोग करे
हींग का प्रयोग करे
-धनिया का प्रयोग करें, हरा हो या सूखा
कफ:-
-गुड़ खाहे
-शहद खाहे
-सोंठ खाये
-सौंफ खाये
-पान का पत्त्ता खाए
आवंला इन तीनो दोषों को अकेला ही ठीक रखता है
देशी गाय का गौमूत्र वात और कफ के रोग एव कुछ आयुर्ववेदिक उपाय के साथ पित्त के रोग ,इन तीनों दोषों से होने वाले 148 रोगों को अकेला ही ठीक कर देता है