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प्याज एक प्रकार का कंद है, जो जमीन के नीचे उगता है। इसका वानस्पतिक नाम एलियम सेपा होता है। भारत में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में किया जाता है। हम प्याज का निर्यात भी कई देशों में करते हैं। प्याज प्रत्येक मौसम में प्रयोग किया जाता है चाहे वो सब्जी बनाने में हो या सलाद के रूप में। प्याज का तड़का तो दाल के स्वाद को दुगुना कर देता है। चलिए तो फिर जानते हैं प्याज की सही मात्रा और सेवन किस प्रकार शरीर को बीमारियों से लडने में मदद करता है।

  1. मसूड़ों, दांतो या दाड़ में दर्द होने पर प्याज को चबा चबा कर खाने पर मसूड़ों और दांत दर्द में आराम मिलता है और संक्रमण से भी निजात मिलती है।

2.यदि पेशाब रुक रुक कर आ रहा हो तो प्याज के रस से पेट पर मालिश करने पर इसमें राहत मिलती है, हालांकि प्याज की गंध आपको थोड़ा परेशान कर सकती है।

3.प्याज को कद्दूकस करके उसका रस किसी कपड़े से निचोड़कर सुबह खाली पेट 2-3 चम्मच पीने पर कई बीमारियों में लाभ मिलता है जैसे सर्दी, खासी, बलगम, साइनस आदि। इसके अलावा यह कब्ज की समस्या भी दूर करता है और पेट को साफ रखता है। यह रस शरीर में रक्त शोधक का भी कार्य करता है और त्वचा रोगों और फंगल संक्रमण से भी राहत दिलाता है। स्वामी नित्यानंदम जी कहते हैं कि इसका स्वाद खराब लगेगा अतः इसको पानी के साथ या शहद के साथ ले सकते हैं। इसकी सही मात्रा का सेवन आपको कई बीमारियों से लडने की क्षमता प्रदान करता है।

4.प्याज में एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक तत्व पाए जाते हैं। जोकि शरीर के किसी भाग में होने वाले संक्रमण से हमें बचाता है और घावों को जल्दी भरने में मदद करता है।

5.प्याज में फायटो केमिकल पाया जाता है, जोकि शरीर में विटामिन सी की आपूर्ति करता है और हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

6.प्याज में क्रोमियम पाया जाता है, जोकि शरीर में रक्त प्रवाह को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है और शुगर भी नियंत्रित रहता है क्योंकि यह इंसुलिन को उत्पादित करने में मदद करता है।

7.कच्चा प्याज अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बनाता है, जिससे हृदय रोग दूर रहते हैं और हृदय सही तरीके से कार्य करता रहता है।

8.कीड़े मकोड़े जैसे ततैया या मधुमक्खी के काटने पर वहां प्याज का लेपन कर लेना चाहिए, यह जलन, दर्द और सूजन में अच्छी तरह से असर करेगा और जल्द राहत पहुंचाएगा।

9.नाक से रक्त आता हो तो प्याज के 2-3 बूंद रस को नाक में डालने पर रक्त आना बंद हो जाता है, इसके साथ ही कान के दर्द में भी 2-3 बूंदों का प्रयोग करने पर आराम मिलती हैँ।

10.लू लगने के खतरे को कच्चा प्याज काफी हद तक कम कर देता है। कई जगह लू से बचने के लिए लोग कानों में प्याज बांध लेते हैं और उसके ऊपर कोई कपड़ा बांध लेते हैं। यदि लू लग जाए तो हाथो और पैरों के तलवों में प्याज का रस लगा लेने पर बहुत आराम मिलता है।

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