आज हम अश्वगन्धा के बारे में बात करते है
अश्वगन्धा यह एक ऐसी ओषधि है जिसमे एक विशेष प्रकार की गंध आती है
यह गन्ध अश्व अर्थात एक अच्छे अश्व ( घोड़े ) में विशेष प्रकार की गंध आती है वही इस अश्वगन्धा ओषधि में भी आती है अतः इसका नाम अश्वगन्धा पड़ा है कई लोग इसे अश्व के समान तेज काम करने वाली अर्थात जैसे घोड़ा तेज दौड़ता है वैसे ही यह तीव्र गामी होती है ऐसा मानते है
मै एक बात विशेष बताना चाहूंगा जो की जो अश्वगन्धा शमी ( एक वृक्ष जिसे राजस्थान में खेजड़ी कहते है ) के पश्चिम भाग में होने वाली अश्वगन्धा सर्वोत्तम मानी गयी है
अब इसके गुणों के बारे में बात करते है ,
- यह वृद्धावस्था नही आने देती
- क्योकि यह मांस पेशियों को मजबूत बनाती है
3.अश्वगन्धा अनिद्रा को रोकती है
कहने का तातपर्य यह है कि जिसे नींद नही आती उसे अश्वगन्धा का सेवन जरूर करना चाहिए ,
साथ ही यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है ,
हमारे कई चिकित्सको ने तो यहां तक कह दिया कि यह कोरोना से मुकाबला कर सकती है ।
यह कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड्स को भी नियंत्रित करता है ,इसके सेवन से कैंसर का खतरा कम हो जाता है यह कैन्सर को रोकने का काम करती है डिप्रेशन में इसे दिया जाय तो यह बहुत कारगर साबित हो सकती है ,यह तनाव कम करने में मदद करता है
मेरा यह मानना है कि इसे बराबर लेने पर शुगर को भी यह नियंत्रित कर लेता है
इसे बराबर लेने पर चहरे की झुर्रियां समाप्त हो जाती है
मात्रा – 2 से 4 ग्राम चूर्ण के रूप में
इसका अश्वगंधारिष्ट भी आता है
इसका अश्वगन्धा पाक भी मार्किट में उपलब्ध है
यह अश्वगन्धा अवलेह के रूप में भी आता है