Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

दही खाने के 44 बेहतरीन फायदे | Health benefits of Dahi(Curd) in Hindi

Dahi khane ke Fayde Health benefits of Curd
दही खाने के लाभ :Dahi khane ke Fayde
दही के पांच प्रकार :
दही खाने से नुकसान : dahi khane se nuksan in hindi
दही के गुण :
दही का विभिन्न रोगों को दूर करने में उपयोग : Dahi ke Gharelu Ayurvedic Nuskhe
★ दही (Dahi/Curd/Yogurt) में प्रोटीन की क्वालिटी सबसे अच्छी होती हैं। दही जमाने की प्रक्रिया में बी विटामिनों में विशेषकर थायमिन, रिबोफ्लेवीन और निकोटेमाइड की मात्रा दुगुनी हो जाती है।
★ दूध की अपेक्षा दही आसानी से पच जाता है।

दही के पांच प्रकार :

  1. मन्द
  2. स्वादु
  3. स्वाद्वम्ल
  4. अम्ल
  5. अत्यम्ल
  6. मन्द दही : जो दही Dahi/Curd/Yogurt)दूध की तरह अस्पष्ट रस वाला अर्थात आधा जमा हो और आधा न जमा हो, वह मन्द (कच्चा दही) कहलाता है। मन्द (कच्चे दही) का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से विष्ठा तथा मूत्र की प्रवृत्ति, वात, पित्त, कफ तथा जलन आदि रोग पैदा होते हैं।
  7. स्वादु दही : जो दही अच्छी तरह से जमा हुआ हो, मधुर खट्टापन लिए हुए हो उसे स्वादु दही कहा जाता है। स्वादु दही नाड़ियों को अत्यन्त रोकने वाला और रक्तपित्त को साफ करने वाला होता है।
  8. स्वाद्वम्ल दही : जो दही अच्छी तरह जमा हुआ मीठा और कषैला होता है। वह स्वाद्वम्ल कहलाता है। स्वाद्वम्ल दही के गुण साधारण दही के गुणों के जैसे ही होते हैं।
  9. अम्ल दही : जिस दही(Dahi/Curd) में मिठास नहीं होती है और खट्टापन ज्यादा होता है। वह दही अम्ल यानि खट्टा दही कहलाता है। अम्ल दही (खट्टा दही) पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला रक्तपित्त को बिगाड़ने वाला और रक्तपित्त तथा कफ (बलगम) को बढ़ाने वाला होता है।
  10. अत्यम्ल दही : जिस दही को खाने से दांत खट्टे हो जाएं, रोंगटे खडे़ हो जाए और कंठ आदि में जलन हो, वह दही अत्यम्ल कहलाता है। यह दही पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला एवं गैस तथा पित्त (गर्मी) को पैदा करता है।

स्वभाव : दही खाने से शरीर को ठण्डक और शीतलता महसूस होती है।

दही खाने से नुकसान : dahi khane se nuksan in hindi
★ रात्रि में दही के सेवन से बचना चाहिये |
★ भादों और सावन में दही और मठा नहीं खाना चाहिए।
★ खट्टा दही(Dahi/Curd) पित और बलगम को पैदा करता है। ज्यादा खट्टा दही खाने से दांत खट्टे होते हैं और शरीर के रोये खड़े हो जाते हैं, पेट में जलन भी होती है।
परहेज : दमा, श्वांस, खांसी, कफ, सूजन, रक्तपित्त तथा बुखार आदि रोगों में दहीं नहीं खाना चाहिए। रात को दही नहीं खाना चाहिए। दही में चीनी या शहद डालकर खाने से इसके गुण बढ़ जाते हैं।
दोषों को खत्म करने के लिए : दही में नमक, जीरा और कालीमिर्च मिलाकर खाना ज्यादा लाभदायक है।

दही के गुण :
गर्म दिमाग वालों के लिए दही बहुत गुणकारी है। दही प्यास को रोकता है, दही की मलाई को सिर पर मसाज करने से वही फायदा मिलता जो घिया, लौकी के बीज से मिलता है। दही को अगर चेहरे पर लगाया जाये तो चेहरे की झांई, रूखापन और कालापन दूर होता है।

दही का विभिन्न रोगों को दूर करने में उपयोग : Dahi ke Gharelu Ayurvedic Nuskhe

  1. चेहरे की झांई के लिए:–
    • जब त्वचा रूखी और काली हो जाये, जगह-जगह चेहरे पर दाग, धब्बे पड़ जायें और मुंहासों से चेहरा भयानक हो जाये तो चेहरे और पूरे शरीर पर उबटन की तरह दही से मालिश करें। फिर 5 मिनट के बाद नहा लें।
    • दही में बेसन को मिलाकर चेहरे पर लगा लें और सूखने के बाद ठण्डे पानी से धो लें। ऐसा करने से चेहरे का रंग साफ हो जाता है। सूरज की किरणों से चेहरे पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी दही लगाने से दूर हो जाते हैं। चेहरे को साफ करने के लिए दही या नारंगी का रस मिलाकर प्रयोग करे तो यह भी एक अच्छा क्लिंजर (क्लिंजिग मिल्क) की तरह की काम करता है। दही के प्रयोग से त्वचा में रंगत आ जाती है। मुंहासों के लिए दही में चावल का आटा मिलाकर लगाया जाये तो मुंहासे ठीक हो जाते हैं।
  2. खुजली dahi benefits for itching :- शरीर में जहां पर खुजली हो वहां पर दही को लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
  3. उच्चरक्तचाप Hypertension:- दही (Dahi/Curd)में ग्लूकोज मिलाकर खाते रहने से कुछ दिनों में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) ठीक हो जाता है। औषधि सेवन-काल तक और कुछ न खायें। यदि दही खाने से शरीर में अकड़न और आलस्य महसूस हो तो ग्लूकोजयुक्त चाय पी सकते हैं।
  4. हाथ-पैरों की जलन:- दही के तोड़ (खट्टे पानी) से मालिश करने से हाथ-पैरों की जलन समाप्त हो जाती है।Dahi khane ke Fayde
  5. गुल्यवायु हिस्टीरिया:- दही और मट्ठा का सेवन हिस्टीरिया के रोगियों को लाभकारी होता है।
  6. नहरूआ (स्यानु):- दही में कलौंजी को बारीक पीसकर नहरूआ के घाव पर लगाने से रोग नष्ट हो जाता है।
  7. दाद के रोग Ringworm:- दही में बेर के पत्ते पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
  8. होठों की लाली के लिए:- दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर लगाने से होठ लाल हो जाते हैं।
  9. आग से जलने पर On burn: बरगद की कोंपल (मुलायम पत्तियां) को पीसकर दही(Dahi/Curd) में मिलाकर जले हुए भाग पर लगाने से लाभ होता है।
  10. नाभि का हटना (टलना):- 500 ग्राम दही में 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी मिलाकर रोजाना खायें। इस मिश्रण को नाभि के स्थान पर लाकर खाने से नाभि अपना स्थान नहीं छोड़ती है।
  11. फरास:- 1 कप दही में नमक मिलाकर मिला लें। इस दही को बालों में लगाने से सिर की फरास दूर हो जाती है।
  12. फोड़े, सूजन, दर्द जलन:- अगर शरीर में फोड़े, सूजन, दर्द जलन हो तो पानी निकाला हुआ दही बांधे, एक कपड़े में दही डालकर पोटली बांधकर लटका देते हैं। इससे दही का पानी निकल जाएगा। फिर इसे फोड़े पर लगाकर पट्टी बांध देते हैं। 1 दिन में 3 बार पट्टी को बदलने से लाभ होता है।
  13. अनिद्रा Insomnia:- दही में पिसी हुई कालीमिर्च, सौंफ, तथा चीनी मिलाकर खाने से नींद आ जाती है।
  14. भांग का नशा:- ताजा दही खिलाते रहने से भांग का नशा उतर जाता है।
  15. काली खांसी:- 2 चम्मच दही, 1 चम्मच चीनी तथा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कालीमिर्च को शहद में मिलाकर बच्चे को चटाने से बच्चों की काली खांसी मिट जाती है।
  16. बालों का झड़ना Hair fall:- खट्टे दही (Dahi/Curd)को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर मालिश करने के बाद उसे ठण्डे पानी से धो लें। इससे बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
  17. बालों को काला करना dahi benefits for hair in hindi:
    • आधा कप दही में 10 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 नींबू निचोड़ मिला लें और इसे बालों पर लगाकर 20 मिनट तक रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें। इससे बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
    • 100 मिलीलीटर दही में 1 ग्राम बारीक पिसी हुई कालीमिर्च को मिलाकर सप्ताह में एक बार सिर को धोयें और बाद में गुनगुने पानी से सिर को धो डालें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है और बालों में कालापन और सुन्दरता देखने को मिलती है।
  18. गंजेपन का रोग:- दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसको सिर में लगाने से सिर की गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
  19. अपच: – दही में भुना हुआ पिसा जीरा, नमक और कालीमिर्च डालकर रोजाना खाने से अपच (भोजन न पचना) ठीक हो जाता है और भोजन जल्दी पच जाता है।
  20. आधासीसी का दर्द Migraine pain:– यदि सिर दर्द सूर्य के साथ बढ़ता और घटता है तो इस तरह के सिर दर्द को आधासीसी (आधे सिर का दर्द) कहते हैं। आधासीसी (आधे सिर का दर्द) का दर्द दही के साथ चावल खाने से ठीक हो जाता है। सुबह सूरज उगने के समय सिर दर्द शुरू होने से पहले रोजाना चावल में दही मिलाकर खाना चाहिए।
  21. बवासीर:- जब तक बवासीर में खून आता रहे तब तक केवल दही ही खाते रहें बाकी सारी चीजे बंद कर दें। इससे बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
  22. बच्चों का भोजन:- दही, मां के दूध के बाद बच्चे का सबसे अच्छा भोजन होता है। बुल्गोरिया में जिन बच्चों को मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन बच्चों को खाने के लिए दही ही दिया जाता है।
  23. हृदय रोग:-
    • उच्च रक्तदाब, मोटापा तथा गुर्दे की बीमारियों में भी दही खाने से बहुत लाभ होता है।
    • दही हृदय रोग (दिल का रोग) की रोकथाम के लिए बहुत अच्छा है। दही खून में बनने वाले कोलेस्ट्राल नामक घातक पदार्थ को मिटाने की ताकत रखता है। कोलेस्ट्राल नामक सख्त पदार्थ रक्त शिराओं में जमकर रक्त प्रवाह (खून को चलने) से रोकता है और उससे ओटोर ओस क्लीरोसिस नामक हृदय रोग (दिल का रोग) होता है। चिकने पदार्थ खाने वाले इसी के शिकार हो जाते हैं। अत: दही का प्रयोग बहुत ही उत्तम होता है।
  24. बाल गिरने के कारण : जरूरत से ज्यादा दिमाग पर जोर पड़ने से बाल ज्यादा गिरते हैं। औरतों में एक्ट्रोजन हार्मोन की कमी से बाल अधिक गिरते हैं। भोजन में लौह तत्व, विटामिन बी तथा आयोडीन की कमी से उम्र से पहले ही बाल गिरने लगते हैं। बालों को गिरने से रोकने के लिए दही से सिर को धोना चाहिए। दही में वे सभी तत्व होते हैं जिसकी स्वस्थ बालों को अधिक आवश्यकता रहती है। दही को बालों की जड़ों में लगायें और 20 मिनट बाद सिर को धोने से लाभ मिलता है।
  25. फरास:- 1 कप दही में नमक मिलाकर मिला लें। इस दही को बालों में लगाने से सिर की फरास दूर हो जाती है।
  26. अफारा (पेट में गैस का बनना):- दही की छाछ (दही का खट्टा पानी) को पीने से अफारा (पेट की गैस) में लाभ होता है।
  27. रतौंधी: दही के पानी में कालीमिर्च को पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी के रोग में आराम आता है।Health benefits of Dahi(Curd)
  28. जीभ की प्रदाह और सूजन:-
    • दही में पानी मिलाकर रोजाना गरारे करने से जीभ की जलन खत्म हो जाती है।
    • दही के साथ पका हुआ केला सूर्योदय (सूरज उगने से पहले) से पहले खाने से जीभ में होने वाली फुन्सियां खत्म हो जाती है।
  29. कब्ज:- दही का तोड़ (खट्टा पानी) पीने से कब्ज हट जाती है।
  30. सिर की रूसी:- गाय के दही के पानी से बालों की जड़ो में रोजाना मालिश करने से सिर की रूसी कम हो जाती है।
  31. कैंसर कर्कट रोग:- दही के लगातार सेवन करने से कैंसर होने की संभावना नहीं रहती।
  32. मुंह के छाले:- मुंह में छाले होने पर रोज सुबह मुंह के छालों पर दही मलने से लाभ होता है।
  33. दस्त:-
    • 100 मिलीलीटर दही में आधे केले को मिलाकर खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
    • गाय या बकरी के दूध से जमी हुई दही में पकी हुआ बेल का गूदा मिलाकर खाने से पुराने दस्त में लाभ मिलता है।
    • दही में तालमखाने डालकर खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
    • मां के दूध के न पचने के कारण आने वाले दस्त में दही का तोड़ यानी खट्टा पानी पिलाने से लाभ मिलता है।
  34. शरीर की दुर्गन्ध:- शरीर से दुर्गन्ध आने पर दही (Dahi/Curd)और बेसन मिलाकर शरीर पर मलने से शरीर की दुर्गन्ध नष्ट हो जाती है।
  35. खूनी अतिसार:- दही के साथ हंसपदी लेने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) में आराम होता है।
  36. आंव रक्त (पेचिश):- अगर पेचिश पुराना हो गया हो तो उसके लिए बेलपत्थर के गूदों को दही में डालकर खाने से रोगी को लाभ मिलता है।
  37. अग्निमान्द्य (हाजमे की खराबी):- दही और जीरा को नमक और पिसी हुई कालीमिर्च के साथ मिलाकर खाने से अपच (भोजन का न पचना) और अग्निमान्द्य (भूख का कम लगना) ठीक हो जाता है।
  38. प्रदर रोग: दही के साथ हंसपदी खाने से प्रदर रोग ठीक हो जाता है।‘
  39. प्यास अधिक लगना:- दही में गुड़ मिलाकर खाने से बादी की प्यास मिट जाती है तथा भोजन के बाद लगने वाली तेज प्यास कम होती है।
  40. मोटापा को कम करने के लिए:- दही को खाने से मोटापा कम होता है।
  41. जुकाम:- खट्टे दही के अन्दर गुड़ और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नया और पुराना हर तरह का जुकाम ठीक हो जाता है।
  42. नींद न आना (अनिद्रा):- दही में सौंफ, चीनी और पिसी हुई कालीमिर्च मिलाकर खाने से नींद अच्छी आती है।
  43. पेट के कीड़े:- दही में असली शहद मिलाकर 3-4 दिन तक दिन में सुबह और शाम पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  44. नकसीर (नाक से खून आना):-
    • दही की लस्सी बनाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग नहीं होता है।
    • दही और मिश्री को एक साथ मिलाकर उसके अन्दर लाल फिटकरी के चूर्ण को डालकर खाने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।
    • लगभग 125 ग्राम दही को 250 मिलीलीटर पानी में डालकर इसमें 1 ग्राम फिटकरी मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) आना रूक जाता है।
    • दही में 4 कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।

Recommended Articles

Leave A Comment