लौकी के जूस के फायदे :-
लौकी हमारे शरीर के कई
रोगों को दूर करने में सहायक होती है।
इसका उपयोग रोगियों के लिए सलाद, रस निकालकर या
सब्जी के रूप में लंबे समय से किया जाता
रहा है। लौकी को कच्चा भी
खाया जाता है। यह पेट साफ करने में भी
बहुत ही फायदेमंद होता है साथ
ही बॉडी को
हेल्दी और टॉक्सिक फ्री
भी बनाती है।
लौकी से सेहत को होने वाले फायदे
गैस और कब्ज
एसिडीटी, कब्ज, पेट
की बीमारियों एवं अल्सर में
लौकी का रस फायदेमंद होता है। खाने के
बाद अगर पेट में किसी प्रकार
की कोई परेशानी महसूस
हो रही हो तो लौकी का
जूस पिएं।
खांसी
खांसी, टीबी,
सीने में जलन आदि में भी
लौकी बहुत उपयोगी
होती है।
हार्ट डिसीज
खाने के बाद एक कप लौकी के रस में
थोड़ी-सी काली
मिर्च और पुदीना डालकर
पीने से हार्ट डिसीज रोग में
आराम मिलता है।
किडनी रोग
लौकी किडनी के रोगों में
बहुत उपयोगी है और इससे मूत्र
खुलकर आता है।
कोलेस्ट्रॉल
लौकी में मिनरल्स अच्छी
मात्रा में मिलते हैं। लौकी के
बीज का तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता
है तथा हृदय को शांत रखता है। यह ब्लड
की नाडिय़ों को भी स्वस्थ
बनाता है।
कब्ज और पीलिया
लौकी का उपयोग आंतों की
कमजोरी,कब्ज, पीलिया,
हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज,
डायबिटीज, शरीर में जलन या
मानसिक उत्तेजना आदि में बहुत उपयोगी
है।
डायरिया
अगर डायरिया के मरीज को केवल
लौकी का जूस हल्के नमक और
चीनी के साथ मिलाकर पिलाया
जाए तो यह नेचुरली हेल्दी
जूस बन जाता है।
मिर्गी
लौकी का रस मिर्गी में
भी फायदेमंद है।
हैजा
हैजा होने पर 25 मिली
लौकी के रस में आधा नींबू का
रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं।
इससे यूरिन बहुत आता है और लाभ होता है।
लौकी का जूस बनाने की विधि
सबसे पहले लौकी को धो लें फिर उसे
कद्दूकस कर लें। कद्दूकस की हुई
लौकी में तुलसी के सात पत्ते
और पुदीने की पांच पत्तियां
डाल कर मिक्सर में पीस लें। रस
की मात्रा कम से कम 150 ग्राम
होनी चाहिए। अब इस रस में बराबर मात्रा
में पानी मिलाकर तीन चार
पिसी काली मिर्च और थोड़ा
सा सेंधा नमक मिलाकर पिएं।
रस को पीने की विधि- यह
रस किसी भी दिल के
मरीज को दिन में तीन बार
सुबह, दोपहर और शाम को खाने के बाद पिलाना
चाहिए। शुरूआत के दिनों में रस कुछ कम मात्रा में लें
और जैसे ही वह अच्छे से पचने लगे
इसकी मात्रा बढ़ा दें। बाकि अन्य
मरीज सिर्फ सुबह ही
पिए.
विशेष- लौकी का रस पेट के विकारों को मल
के द्वारा बाहर निकाल देता है। जिसके कारण शुरूआत
में पेट में गड़गड़ाहट और खलबली मच
सकती है, इससे घबराएं
नहीं कुछ समय बाद यह अपने आप
ठीक हो जाएगा। इस रस को
पीने के साथ मरीज का
अपनी पहले से चल रही
दवाईयों को भी चालू रखना चाहिए।