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पुरानी से पुरानी गैस की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिये घर पर ही बनायें गैसहर चूर्ण…
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👉🏻 सामग्री…
छोटी हरड़ (बाल हरड़).. एक किलो लेकर..
इन्हें साफ करके..
दही की छाछ में रात में भिगोकर फुला लीजिये…
दूसरे दिन सुबह इनको छाछ मे से निकालकर पानी से साफ करके..
कपड़े पर डालकर छाया में सुखा लीजिये..
जब सूख जाएं तब पुन: छाछ में डालिये..
छाछ में डालकर सुखाने को छाछ.. की भावना‘ देना कहते हैं..
इस प्रकार इन हरड़ को छाछ की 3-4-6 (छ: तक ) भावनाएं दीजिये…
भावना देने के बाद..
सूख जाने पर..
इन्हें महीन पीसकर..
बारीक छलनी से छान लीजिये..
👉🏻इस प्रकार बनाये गए एक किलो छोटी हरड़ के चूर्ण में..
पाव भर अजवाइन.. पीसकर मिला लीजिये..
फिर इस चूर्ण में काला नमक रुचि अनुसार मिला लीजिये..
बस उत्तम गैसहर चूर्ण तैयार है…
👉🏻 सेवन विधि…
भोजन के बाद सेहत के अनुसार, आधा से 1 चम्मच तक यह चूर्ण गुनगुने पानी से लें.. (ताजा पानी से भी ले सकते है.. )
👉🏻 इसके सेवन से…
👉🏻 पेट गैस और दर्द की तकलीफ कभी नहीं होगी..
👉🏻 तकलीफ होने पर इसे लेने से 5-6 मिनिट मे ही आराम होता है..
👉🏻पाचन शक्ति भी बढ़ती है..
दस्त साफ होते हैं..
गैस का दर्द दूर करने के लिये यह अचूक, शर्तिया दवा है..
👉🏻 चूर्ण बनाने की दूसरी विधि…
एक किलो हरड़.. लेकर..
इनको रेत में भून लीजिये..
भुनने पर यह खूब फूलती है..
फूलने पर इन्हें पीस लीजिये..
जल्दी ही पिस भी जाती है..
बस चूर्ण तैयार हो गया…
👉🏻 तीसरी विधि…
इस चूर्ण में..
60 ग्राम सनाय की पत्ती.. को हलका भुनकर चूर्ण बनाकर डालने से पुराने से पुराना कब्ज.. भी सप्ताह भर में ठीक हो जाता है..
सनाय की पत्ती, बिना भूने डालने से, पेट में मरोड़ हो सकती है..
इसलिए भूनकर ही डालें..
👉🏻 नोट:- पेट की गैस की बीमारी यदि पुरानी न हो तो निम्नलिखित पेट की गैस-निवारक चटनी के सेवन से भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है…
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मुनक्का (बीज निकालकर) 30 ग्राम..
अदरक……..6 ग्राम..
सौंफ बड़ी….6 ग्राम..
काली मिर्च…3 ग्राम..
सेंधा नमक…3 ग्राम.. (या स्वादानुसार)…
👉🏻इन पांचों वस्तुओं को थोड़े से पानी में पीसकर चटनी बना लें..
👉🏻इसे दोनों समय.. भोजन के साथ.. रोटी या भात के साथ आवश्यकतानुसार..
1 से 2 चम्मच.. चटनी की भांति चाटें..
आपको पेट की गैस और पेट की अन्य खराबी में आराम मिलेगा…
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