🌻 सप्तामृत लौह 🌻
नेत्र ज्योति बढ़ाने में वरदान
भैषज्य रत्नावली में वर्णित यह औषधि नेत्र रोगियो के लिए वरदान से कम नही है।
किसी भी प्रकार का नेत्र रोग हो, आंखों की रोशनी कम हो, आंखों में लाली हो, जलन होती हो या आंखों के आगे अंधेरा छा जाता हो, ऐसी किसी भी समस्या के समाधान के लिए सप्तामृत लौह उत्कृष्ट औषधि है।
लगातार 6 से 8 महीने के सेवन से आंखों का चश्मा उतर जाता है।
इसके साथ ये दवा शरीर में खून की कमी को दूर करती है, पेट की कब्ज दूर करती है पुरानी मंदाग्नि की समस्या को दूर करके जठराग्नि को प्रदीप्त (तेज) करती है।
ये दवा बालों का झड़ना और असमय सफेद होना भी रोकती है।
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सप्तामृत लौह बनाने की विधि:
हरीतिकी 100 ग्राम
विभितिकी 100 ग्राम
आमलकी 100 ग्राम
मुलेठी 100 ग्राम
इन चारों का महीन मैदा के जैसा चूर्ण बना कर इसमें
लौह भष्म 100 ग्राम
मिला कर किसी कांच के बर्तन में सुरक्षित रख लें।
दवा तैयार है।
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सेवन विधि:
नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए:
आधा चम्मच दवा 1 चम्मच शहद मिला कर सुबह शाम खाएं ऊपर से दूध पियें।
बालों के लिए:
एक चम्मच दवा दिन में एक या दो बार पानी से लें।