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क्या सिखाता है भगवान कृष्ण का स्वरूप ……….?

कभी सोचा है भगवान कृष्ण का स्वरूप हमें क्या सिखाता है?
क्यों भगवान जंगल में पेड़ के नीचे खड़े बांसुरी बजा रहे हैं, मोरमुकुट पहने, तन पर पीतांबरी, गले में वैजयंती की माला, साथ में राधा, पीछे गाय। कृष्ण की यह छवि हमें क्या प्रेरणा देती है। क्यों कृष्ण का रूप इतना मनोहर लगता है।
दरअसल कृष्ण हमें जीवन जीना सिखाते हैं, उनका यह स्वरूप अगर गहराई से समझा जाए तो इसमें हमें सफल जीवन के कई सूत्र मिलते हैं।
आइए जानते हैं कृष्ण की छवि के क्या मायने हैं।

1. मोर मुकुट
भगवान के मुकुट में मोर का पंख है। यह बताता है कि जीवन में विभिन्न रंग हैं। ये रंग हमारे जीवन के भाव हैं। सुख है तो दुख भी है, सफलता है तो असफलता भी, मिलन है तो बिछोह भी। जीवन इन्हीं रंगों से मिलकर बना है। जीवन से जो मिले उसे माथे लगाकर अंगीकार कर लो। इसलिए मोर मुकुट भगवान के सिर पर है।

2. बांसुरी
भगवान बांसुरी बजा रहे हैं, मतलब जीवन में कैसी भी घडी आए हमें घबराना नहीं चाहिए। भीतर से शांति हो तो संगीत जीवन में उतरता है। ऐसे ही अगर भक्ति पानी है तो अपने भीतर शांति कायम करने का प्रयास करें।

3. वैजयंती माला
भगवान के गले में वैजयंती माला है, यह कमल के बीजों से बनती है। इसके दो मतलब हैं कमल के बीच सख्त होते हैं, कभी टूटते नहीं, सड़ते नहीं, हमेशा चमकदार बने रहते हैं।

भगवान कह रहे हैं जब तक जीवन है तब तक ऐसे रहो जिससे तुम्हें देखकर कोई दुखी न हो।
दूसरा यह माला बीज की है और बीज ही है जिसकी मंजिल होती है भूमि। भगवान कहते हैं जमीन से जुड़े रहो, कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ, हमेशा अपने अस्तित्व की असलियत के नजदीक रहो।

4. पीतांबर
पीला रंग सम्पन्नता का प्रतीक है। भगवान कहते हैं ऐसा पुरुषार्थ करो कि सम्पन्नता खुद आप तक चल कर आए। इससे जीवन में शांति का मार्ग खुलेगा।

5. कमरबंद
भगवान ने पीतांबर को ही कमरबंद बना रखा है। इसका अर्थ है हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहें। धर्म के पक्ष में जब भी कोई कर्म करना पड़े हमेशा तैयार रहें।

6. राधा
कृष्ण के साथ राधा भी है। इसका अर्थ है जीवन में स्त्रीयों का महत्व भी है। उन्हें पूर्ण सम्मान दें। वे हमारी बराबरी में रहें, हमसे नीचे नहीं।

क्षमा करें लेख में अगर कही त्रुटी हो तो।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवा।
पित मात स्वामी सखा हमारे हे नाथ नारायण वासुदेवा।।
राजाधिराज महाराज द्वारिकाधीश भगवान की जय
श्री भगवान के शुद्ध भक्तों की जय 🙏

आपका हर पल मंगलमय हो।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवा।
जय श्री कृष्ण
प्रेम से बोलो “जय श्री कृष्ण
विनम्र निवेदन …एक बार श्रीमद्भगवद्गीता अवश्य पढ़े अपने जीवन में । 🙏
परम भगवान श्री कृष्ण सदैव आपकी स्मृति में रहें
श्री कृष्ण शरणं मम
ये महामंत्र नित्य जपें और खुश रहें। 😊
सदैव याद रखें और व्यवहार में आचरण करें। ईश्वर दर्शन अवश्य होंगे।
*जय श्री राधे 🙏🙏

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