चना(GRAM)
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परिचय-
चना शरीर में ताकत लाने वाला और भोजन में रुचि पैदा करने वाला होता है। सूखे भुने हुए चने बहुत रूक्ष और वात तथा कुष्ठ को नष्ट करने वाले होते हैं। उबले हुए चने कोमल, रुचिकारक, पित्त, शुक्रनाशक, शीतल, कषैले, वातकारक, ग्राही, हल्के, कफ तथा पित्त नाशक होते हैं।
विभिन्न रोगों में सहायक :
- जुकाम :
50 ग्राम भुने हुए चनों को एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इस पोटली को हल्का सा गर्म करके नाक पर लगाकर सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और सांस लेने में परेशानी नहीं होती है।
गर्म-गर्म चने को किसी रूमाल में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है। चने को पानी में उबालकर इसके पानी को पी जायें और चने को खा लें। चने में स्वाद के लिए कालीमिर्च और थोड़ा-सा नमक डाल लें। चने का सेवन करना जुकाम में बहुत लाभ करता है। - खूनी बवासीर: सेंके हुए गर्म-गर्म चने खाने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।
- वीर्य का पतलापन: 1 मुट्ठी सेंके हुए चने या भीगे हुए चने और 5 बादाम खाकर दूध पीने से वीर्य का पतलापन दूर होकर वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
- कब्ज:
1 या 2 मुट्ठी चनों को धोकर रात को भिगो दें। सुबह जीरा और सोंठ को पीसकर चनों पर डालकर खाएं। घंटे भर बाद चने भिगोये हुए पानी को भी पीने से कब्ज दूर होती है।
अंकुरित चना, अंजीर और शहद को मिलाकर या गेहूं के आटे में चने को मिलाकर इसकी रोटी खाने से कब्ज मिट जाती हैं।
रात को लगभग 50 ग्राम चने भिगो दें। सुबह इन चनों को जीरा तथा नमक के साथ खाने से कब्ज दूर हो जाती है। - रूसी: 4 बड़े चम्मच चने का बेसन एक बड़े गिलास पानी में घोलकर बालों पर लगायें। इसके बाद सिर को धो लें। इससे सिर की फरास या रूसी दूर हो जाती है।
- श्वास नली के रोग: रात को सोते समय एक मुट्ठी भुने या सेंके हुए चने खाकर ऊपर से एक गिलास दूध पीने से श्वास नली (सांस की नली) में जमा हुआ बलगम निकल जाता है।
- जलोदर:
40 ग्राम चने को 250 मिलीलीटर पानी में डालकर उबाल लें, जब पानी आधा रह जाये, तब इसको ठंडा करके रोगी को पिलाने से जलोदर रोग (पेट में पानी भरना) मिट जाता है।
50 ग्राम चने की दाल को थूहर के दूध में भिगोकर सुखा दें, ऐसा लगभग 3 बार करें। फिर सुखाकर कुछ दिन तक लगतार 2 दाने दाल खाने से दस्त आकर जलोदर ठीक हो जाता है। - शरीर में दर्द : कमर, हाथ-पैर जहां कहीं भी दर्द हो, उस जगह पर बेसन डालकर रोजाना मालिश करें। एक बार मालिश किये हुए बेसन को दुबारा मालिश के काम में ला सकते हैं। इस तरह से मालिश करने से दर्द ठीक हो जाता है।
- धातु पुष्टि: भीगी हुई चने की दाल में शक्कर मिलाकर रात को सोते समय खाएं। इससे धातु पुष्ट होती है। इसे खाकर पानी न पिये।
- दाद-खुजली: चने के आटे की रोटी बिना नमक की लगभग 2 महीने तक लगातार खाने से दाद, खुजली और रक्तविकार (खून के रोग) नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ घी भी ले सकते हैं।