सबसे मुश्किल काम:- बच्चों का लालन पालन
हर माँ बाप का पहला और आखरी सपना सुशील संस्कारी सभ्य कुशाग्रबुद्धि व स्वस्थ बच्चा
राष्ट्रगुरु अमर शहीद भाई राजीव दीक्षित जी व आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार
14 वर्ष की उम्र तक बच्चे कफ के प्रभाव में होते हैं।
हृदय से ऊपर मस्तिष्क के आखरी बिंदु कफ का क्षेत्र है। बच्चों में ज्यादा तर सर्दी खाँसी जुकाम बुखार आँख नाक कान के रोग ही होते हैं।
कफ जब नियंत्रण में होता है तो प्रेम व कल्पनाशीलता प्रदान करता है। कफ अधिक होने पर चिड़चिड़ापन, क्रोध,उदंडता आती है।
कफ नियंत्रण करने हेतु घरेलू उपाय
1. अच्छी नींद (10 से 12 घंटे)
2. मालिश कम से कम दो बार (सर , कान , छाती व सम्पुर्ण शरीर) तेल से सरसो,जैतून,तिल या नारियल से (आप अपने क्षेत्र के अनुकूल पाए जाने वाले तेल) मालिश तब तक करनी है जब तक सर याबगल(कांख) में पसीना न आ जाये आंखों में देशी घी डाले या काजल लगाए साथ ही कान में तेल डाले।
3. मालिश के बाद स्नान ( उबटन से- मुलतानी मिट्टी, चने या मसूर या मूंग गेहूं के मोठे आटे से या चन्दन पाउडर से) साबुन भूल कर भी न लगाएं।
4.खान पान में (गुड़,मख्खन, दूध,दही,छाछ,घी,शुद्ध तेल व हर मोटा अनाज ) व सामान्य भोजन मैदा से बनी खाद्य पदार्थ भूल कर भी न दें। मौसम के फल ही दें नियमित व कम मात्रा में ।
5. प्रतिदिन नियमित सुबह शाम नाक व नाभि पर देशी गाय का घी या पंचगव्य नासिका धृत की एक एक बूंद डाले
6. नियमित जीरे के बराबर चुना दूध छोड़कर किसी भी तरल पेय में मिलाकर दें
बच्चो के हर रोग के इलाज हेतु(दुष्यन्त कुमार सिंह MD पञ्चगव्य, naturopathist)स्वादेशी, घरेलू एवम पंचगव्य आयुर्वेद चिकित्सा के योग से समस्त वात, पित्त और कफ दोषों के संतुलन के द्वारा पूर्ण अहिंसात्मक और सात्विक इलाज*
आयुर्वेद कहता है आपका भोजन जो पच जाए सर्वोत्तम है अन्यथा जहर अगर आप अपने बच्चों को बाजार के विभिन्न पोष्टिकता वाले दे रहे हैं इस बात का ख्याल जरूर रखे कि वो पच रहा है या नहीं। आजकल सभी माँ बाप अपने बच्चों को स्वस्थ शक्तिशाली बुद्धिमान बनाने हेतु न जाने कितने शक्तिबर्धक चूर्ण,सिरप या अन्य पदार्थ का सेवन करा रहे हैं भाई राजीव दीक्षित जी के अनुसार मिक्स हर चीज नुकसान दायक है ।*
बच्चों को रात के दूध मे हल्दी,दालचिनी, इलायची,सौठ,छुहारे,किशमिश,मुन्नका, बादाम,काजू,पिस्ता, मखाना ,अश्वगंधा, घी इत्यादि मेसे किसी एक को निम्न मात्रा में मिलाकर सेवन कराये
5.बच्चों को सूर्यास्त के 2 घण्टे बाद ही सो जाएं ऐसा माहौल बनाये।
6. उनकी कल्पनाओं को बढ़ाने वाली कहानी सुनाये लम्बी करके। सुनते सुनते सो जाएं तो बहुत अच्छा।
7.अपने बच्चों को जैसा बनना चाहते हैं वैसी ही कहानी सुनाए।
8. बच्चों के सवाल का गलत जबाब कभी न दें।
9. कोशिशें ही कामयाब होती है।
10. आज से 30 साल से पहले के बच्चों को देखे और आज के बच्चों को अंतर समझ मे आजायेगा।
भारतवर्ष के उज्ज्वल भविष्य हेतु इस संदेश को हर घर मे पहुचाये।
बच्चो को स्वस्थ रखने के उपाय ।
*1 मुँह में पानी भरकर नहाने से कभी जुखाम नहीं होता ।
2 नहाने से पहले नाक , कान , नाभि और अंगूठो के नाखूनों पर सरसों का तेल लगाने से कभी आँखे खराब नहीं होती ।
3 उल्टी गिनती करने से याददाश्त तेज होती है ।
4 बच्चो को जंक फूड , चिप्स , मैदा , कभी न दे
5 बच्चो को नाश्ते के साथ दूध ना दे , यदि दूध देना है तो नाश्ता ना दे व सिर्फ दूध न दें दूध के साथ आँवला पाउडर दें ।
6 गर्मियों में बाहर जाने से पहले पानी जरूर पिलाये ।
7 बच्चो को शौच में ज्यादा देर ना बैठने दे ।
8 खाने से पहले हाथ जरूर धुलवाए ।
9 खाने के बाद मूत्र त्याग जरूर करे , इससे कभी मूत्र रोग नहीं होता ।
10 सेंधा नमक , देसी गाय का घी और सरसों के तेल का ही प्रयोग करे ।
11 आटे में चना और जौ का आटा जरूर मिलाये ।
12 कब्ज का ख्याल रखे , बच्चो को कब्ज ना होने दे , अगर उन्हें कब्ज है । तो शाम के समय सूर्यास्त से पहले उन्हें रोज पपीता फूट खिलाये या सलाद दें, और उन्हें कभी सुबह के समय गर्म दूध ना दे ।
13 आँखे हर 6 महीने बाद चैक करवाते रहे व हमेशा सुबह की लार लगाएं।
14 बच्चो के सामने कोई भी नेगेटिव बाते ना करे , ना लड़े उनके सामने ।
15 अगर आपका बच्चा अचानक से उदास रहने लगे तो उससे बात करते रहे कही उसके साथ दोस्त , टीचर , स्कूल में कुछ गलत तो नही हो रहा ।
16 बच्चो को हर समय डांटे मत ।
17 दुपहर खाने के बाद बच्चो को पानी में मिलाकर थोड़ा सा गुड़ जरूर दे । ।
18 दुपहर के खाने के बाद थोड़ा सा चावल के दाने के बराबर चुना जरूर दे । पानी , सब्जी किसी में भी मिलाकर दे । इससे उनकी लंबाई भडेगी , दिमाग तेज होगा , फिट रहेंगे । बस जिन्हें पथरी रहती है उन्हें मत दे ।
19 जिन बच्चो को ज्यादा पसीना आता है , स्किन ऑयली हो , कब्ज रहती है । उन्हें सुबह के समय बादाम , गरम दूध ना दे ।
20 बच्चों को साहस , पोसिटिव बाते करके उनमे पॉसिटिवेटी डालते रहे ।
अमर शहीद राष्ट्रगुरु, आयुर्वेदज्ञाता, होमियोपैथी ज्ञाता स्वर्गीय भाई राजीव दीक्षित जी को जाने व इनके ज्ञान को ग्रहण कर इनके व अपने सपनो (स्वस्थ व समृद्ध भारत) को पूरा करने हेतु अपना समय दान दें
मेरी दिल की तम्मना है हर इंसान का स्वस्थ स्वास्थ्य के हेतु समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से ज्ञान दें।
आप अपने सगे संबंधियों व जाने अनजाने दोस्तों अर्थात हर इंसान तक इस संदेश को पहुँचाये।