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सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुका। दुकान पर नौकर था, उसने मुझे गोली का पत्ता दिया तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ गए हैं, तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था सो सामने वाली दुकान में कॉफी पीने गये हैं अभी आते होंगे!
मैं अपने हाथ मे लिए उस दवाई के पत्ते को देख रहा था ?
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माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था, सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गया, क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा।
कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक आये और माँ का चेकअप करने लगे। उन्होंने मम्मी से कहा आपकी दवाइयां बढ़ानी पड़ेंगी और एक पर्चे पर करीब 5 या 6 दवाइयों के नाम लिखे। उन्होंने माँ को दवाइयां रेगुलर रूप से खाने की हिदायत दी। बाद में मैंने उत्सुकता वश उनसे पूछा कि क्या आप बहुत समय से योग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल से वो योग कर रहे हैं और ब्लड प्रेशर व अन्य बहुत सी बीमारियों से बचे हुए हैं!

मैं अपने हाथ मे लिए हुए माँ के उस पर्चे को देख रहा था जिसमे उन्होंने BP और शुगर कम करने की कई दवाइयां लिख रखी थी?
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अपनी बीवी के साथ एक ब्यूटी पार्लर गया। मेरी बीवी को हेयर ट्रीटमेंट कराना था क्योंकी उनके बाल काफी खराब हो रहे थे। रिसेप्शन में बैठी लड़की ने उन्हें कई पैकेज बताये और उनके फायदे भी। पैकेज 1200 से लेकर 3000 तक थे कुछ डिस्काउंट के बाद मेरी बीवी को उन्होंने 3000 रु वाला पैकेज 2400रु में कर दिया। हेयर ट्रीटमेंट के समय उनका ट्रीटमेंट करने वाली लड़की के बालों से अजीब सी खुशबू आ रही थी मैंने उससे पूछा कि आपने क्या लगा रखा है कुछ अजीब सी खुशबू आ रही है, तो उसने कहा उसने तेल में मेथी और कपूर मिला कर लगा रखा है इससे बाल सॉफ्ट हो जाते हैं और जल्दी बढ़ते हैं।
मैं अपनी बीवी की शक्ल देख रहा था जो 2400 रु में अपने बाल अच्छे कराने आई थी।
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मेरी रईस कज़िन जिनका बड़ा डेयरी फार्म है उनके फार्म पर गया। फार्म में करीब 150 विदेशी गाय थी जिनका दूध मशीनों द्वारा निकाल कर प्रोसेस किया जा रहा था। एक अलग हिस्से में 2 देसी गैया हरा चारा खा रही थी। पूछने पर बताया उनके घर उन गायों का दूध नही आता जिनका दूध उनके डेयरी फार्म से सप्लाई होता है, बल्कि परिवार के इस्तेमाल के लिए इन 2 देसी गायों का दूध, दही व घी इस्लेमाल होता है।

मै उन लोगों के बारे में सोच रहा था जो ब्रांडेड दूध को बेस्ट मानकर खरीदते हैं।
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एक प्रसिद्ध रेस्टुरेंट जो कि अपनी विशिष्ट थाली और शुद्ध खाने के लिए प्रसिद्ध है हम खाना खाने गये।
निकलते वक्त वहां के मैनेजर ने बडी विनम्रता से पूछा सर खाना कैसा लगा, हम बिल्कुल शुद्ध घी तेल और मसाले यूज़ करते हैं, हम कोशिश करते हैं बिल्कुल घर जैसा खाना लगे।
मैंने खाने की तारीफ़ की तो उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देने को अपने केबिन में गये। काउंटर पर एक 3 डब्बों का स्टील का टिफिन रखा था। एक वेटर ने दूसरे से कहा “सुनील सर का खाना अंदर केबिन में रख दे, बाद में खाएंगे”। मैंने वेटर से पूछा क्या सुनील जी यहां नही खाते तो उसने जवाब दिया “सुनील सर कभी बाहर नही खाते, हमेशा घर से आया हुआ खाना ही खाते हैं”

मैं अपने हाथ मे 1670 रु के बिल को देख रहा था।
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ये कुछ वाकये हैं जिनसे मुझे समझ आया कि हम जिसे सही जीवन शैली समझते हैं वो हमें भृमित करने का जरिया मात्र है। हम कंपनियों के ATM मात्र हैं जिसमें से कुशल मार्केटिंग वाले लोग मोटा पैसा निकाल लेते हैं।

अक्सर जिन चीजों को हमे बेचा जाता है उन्हें बेचने वाले खुद इस्तेमाल नही करते……. 🌺 डेंगू और अन्य बुखार के लिए
🌻1. गिलोय : गिलोय को चिकनगुनिया, डेंगू या नॉर्मल सभी तरह के बुखार की रामबाण औषधि माना जाता है, जिससे आप प्राकृतिक रूप से कई रोगों का इलाज कर सकते हैं। गिलोय का सेवन वाइट ब्‍लड सेल्‍स को रेगुलेट करने में मदद करता है। क्या शिशुओं और बच्चों को गिलोय दिया जाना चाहिए शिशुओं के लिए यह उचित नहीं है यह केवल 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है। बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम तक ही देना चाहिए।
🌼2. मेथी के पत्ते : डेंगू और अन्य कई प्रकार बुखार से बचाव और बुखार को ठीक करने में मेथी के पत्ते बहुत फायदेमंद होते हैं। मेथी से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे डेंगू के वायरस भी खत्म होते हैं। मेथी के पत्ते पीड़ित का दर्द दूर कर, उसे आसानी से नींद में भी मदद करते हैं। इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीने से प्लेटलेट्स भी बहुत जल्दी बढ़ती हैं। मेथी के पत्तों को पानी में उबालकर हर्बल चाय के रूप में इसका प्रयोग भी किया जा सकता है।
🌼3. पपीते का जूस : डेंगू, जीका वायरस और अन्य कई प्रकार बुखार में पपीते का जूस बड़ा फायदेमंद होता है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को ये बीमारी हो जाए, तो उन्हें ये जूस नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद पॉवरफुल एनजाइम पपेन गर्भधारण तक करा सकता है। लेकिन, आम व्यक्ति अगर इसका सेवन करे, तो इम्यून सिस्टम तो अच्छा होगा ही, साथ ही ये ब्लड प्लेटलेट्स काउंट को भी बढ़ाएगा। पपीते के फल और पत्तों का रस, दोनों ही लाभकारी माने गए हैं.
🌾4. हल्दी : आयुर्वेद में हल्दी को शक्तिशाली औषधि माना गया है। इसमें कई एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जिससे कई रोगों का इलाज संभव है। डेंगू, जीकाऔर अन्य कई प्रकार बुखार में इसका सेवन करने से इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलता है।
🌷5. अदरक : अदरक का सेवन करने से पाचन संबंधित समस्याओं से राहत मिलती है। अदरक में एंटी अल्सर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जीका के लक्षणों जैसे जुकाम, बुखार , खांसी आदि से लड़ते हैं।
🍃6. लहसुन : जीका वायरस जैसी खतरनाक बीमारी में लहसुन का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद एलीसीन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है साथ ही वायरस के लक्षणों को नष्ट करने में भी सक्षम होता है।
🍂7. काली मिर्च ( Kali Mirch ) : सर्दी जुकाम , खांसी से बचाव करती है, मलेरिया व वायरल बुखार में इसके सेवन से आराम मिलता है। भूख बढाती है व पाचन में सहायक होती है। इसका सेवन आँखों के लिए फायदेमंद है। दो-दो काली मिर्च दिन में तीन बार मुंह में रखकर धीरे धीरे चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है।
🌺 8. टाइफाइड बुखार : पान का रस, अदरक का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से टाइफाइड बुखार में आराम मिलता है। • तुलसी और सूर्यमुखी के पत्तों का रस पीने से भी टायफायड बुखार ठीक होते हैं। करीब तीन दिन तक सुबह-सुबह इसका प्रयोग करें।
🥀9. जुकाम या सर्दी-गर्मी में बुखार : तुलसी, मुलेठी, गाजवां, शहद और मिश्री को पानी में मिलाकर काढा बनाएं और पीएं। इससे जुकाम सही हो जाता है और बुखार भी जल्द ही उतर जाता है।
🌹10. जलवायु परिवर्तन की वजह से बुखार होने तुलसी की चाय पीने से आराम मिलता है। इसके लिए 20 तुलसी की पत्तियां, 20 काली मिर्च, थोड़ी सी अदरक, जरा सी दालचीनी को पानी में डालकर खूब खौलाएं। अब इस मिश्रण को आंच से उतारकर छानें और इसमें मिश्री या चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीएं।
🌺11. चिरायता : कैसा भी बुखार हो चिरायता एक ऐसी देहाती जड़ी-बूटी मानी जाती है, जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। 100 ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण, 100 ग्राम सूखे चिरायते का चूर्ण लीजिए। इन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर, एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए। यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें। मात्र दो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा। यह एक कारगर एंटीबॉयोटिक भी है. बुखार ना होने की स्थिति में भी यदि इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें, तो यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी, चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। इसके सेवन से खून साफ होता है तथा धमनियों में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से संचालित होता है।
🌺12. प्रभावशाली दवा है बकरी का दूध : बकरी का दूध बहुत से लोगों को भले ही पसंद न हो लेकिन इसके फायदे बहुत हैं। डेंगू बुखार के लिए बकरी का दूध एक और बहुत ही प्रभावशाली दवा है। बकरी के दूध में गिरते हुए प्‍लेटलेट्स को तुरंत बढ़ाने की क्षमता होती है। डेंगू के उपचार के लिए रोगी को बकरी का कच्चा दूध थोड़ा-थोड़ा करके पिलाएं, इससे प्लेटलेट्स बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा।
🍂13. अमरुद :
अमरुद का सेवन मलेरिया में लाभप्रद होता है। यदि किसी को मलेरिया हो जाए तो उसे रोज दिन में तीन बार उसे अमरूद अवश्य खिलाएं। बहुत प्रभावी रहेगा। अमरूद के मुकाबले इसके छिलके में विटामिन ‘सी’ बहुत अधिक होता है। इसलिए अमरूद को छिलका हटाकर कभी न खाएं।
मौसमी और अनार का रस भी कमजोरी को दूर करने में सहायक होता है.
तरल पदार्थों को कुछ-कुछ समय के अंतराल में लेते रहना चाहिए। खासकर नींबू पानी।
1🌻4. शरीर में पानी की कमी न होने दें – खूब पानी, फलों का रस और तरल पदार्थ लें :
वायरल की हालत में आपको खूब पानी पीना चाहिये। इसके अलावा, जूस और कैफीन रहित चाय का सेवन करें। फलों का सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। अगर,आपको डायरिया या उल्‍टी की शिकायत है तो इलेक्‍ट्रॉल का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, नींबू, लैमनग्रास, पुदीना, साग, शहद आदि भी आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
🌹15. कुछ घरेलू जड़ी-बूटियां और रसोई के मसाले :
🍃लहसुन की कली पांच से दस ग्राम तक काटकर तिल के तेल में या घी में तलकर सेंधा नमक डालकर खाने से सभी प्रकार का बुखार ठीक होता है। 🍃• तेज बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें तो बुखार उतर जाता है,और बुखार की गर्मी सिर पर नहीं चढ़ती है। 🍃• फ्लू में प्याज का रस बार-बार पीने से बुखार उतर जाता है,और कब्ज में भी आराम मिलता है। • 🍃पुदीना और अदरक का काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है। काढ़ा पीकर घंटे भर आराम करें, बाहर हवा में न जाएं। • 🍃रोजाना 8-10 बादाम, अंगूर के दाने, या किशमिश भिगोकर खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। 🍃 तुलसी के पत्तों का सेवन हर तरह के बुखार, सर्दी-जुकाम, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए उत्तम है. तुलसी, कालीमिर्च, अदरक के काढ़े, या चाय का सेवन कई बिमारियों से बचाये रखता है.
🌺चेतावनी :
ये सब कुदरती उपाय चिकित्‍सीय परामर्श का विकल्‍प नहीं हैं। आपको चाहिये, कि जरूरी दवाओं का सेवन अवश्‍य करते रहें।

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