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सर्वोत्तम साधना – ध्यान

            **  मौनम सर्वार्थ साधनम **   
ज्यादातर ध्यान और समाधि की प्रक्रिया सिखाई जातीहै यम नियम आसन प्रत्याहार प्राणायाम... ये यौगिक प्रक्रिया तो है पर क्या सिर्फ इतना काफी है ? अगर ऐसा होता तो हजारो लोग सालो से ध्यान समाधि केलिए प्रयत्न कर रहे है । कुछ थोड़े उपासको को बाद करके ज्यादातर असफल रहते है । सतत आंखे बंद करके देखते रहने से कोई न कोई चित्र विचित्र दृश्य या कल्पित दृश्य दिखना वो ध्यान नही है । निराकार ब्रह्म के शाश्वत स्वरूप पूर्ण प्रकाश में रत होना और सम्पूर्ण निर्विकार , निष्काम , चिदानंद भाव प्रकट होना वो ध्यान है । अनेक समस्याओं से घिरे लोग ओर अध्यात्म उन्नति प्राप्त करने की इच्छा से योगमार्ग से ध्यान प्राप्त करने अनेक लोग प्रयत्न करते है । पर सबसे पहले जरूरी है मन को शांत करना । 

प्रतिमास कोई एक तिथि निश्चित करे जब बिल्कुल निवृत होकर पुरेदीन घर पर रहो तब मौन व्रत रखो । अपने इष्टदेव का पूजन करो और शांत चीतसे मनमे उनका स्मरण करते रहो । बाह्य प्रवृति या घर संसार की प्रवृति के विषय मे भी कुछ मत सोचो । बहोत आवश्यक हो तो ही किसी बात का लिखकर जवाब दीजिये । पुरेदीन मौन रहे हो उनकी अनुभूति रात्रि में जब शयन करेंगे तब शुरू होगी । 24 घंटे के बाद जब सुबहे उठेंगे तब आपको पता चलेगा आपने क्या पाया । अगर आपका मन शांत हो रहा है और आत्म अनुभूति हो रही है तो आप हर सप्ताह में एक दिन ये प्रयोग करते रहे । धीरे धीरे आपमे ये शक्ति आजायेगी की आप जब चाहे तब उपास्य देव , मंत्र , जाप , ध्यान करेंगे तब एकाग्रता से उन दिव्य शक्ति का अनुभव करेंगे । कुत्रिमता से कही अधिक फल पाओगे । स्वयं दिव्य शक्ति के साथ ओतप्रोत है इसका अनुभव होगा । हरेक समस्याओ का अपनेआप ही निवारण होगा और दिव्य सिद्धिया प्राप्त होगी । 

मौन बैठने से बदल सकता है आपका जीवन 

                 मौन के लाभ

मौन की शुरुआत जुबान के चुप होने से होती है। धीरे-धीरे जुबान के बाद आपका मन भी चुप हो जाता है। मन में चुप्पी जब गहराएगी तो आंखें, चेहरा और पूरा शरीर चुप और शांत होने लगेगा। तब आप इस संसार को नए सिरे से देखना शुरू कर पाएंगे। बिल्कुल उस तरह से जैसे कोई नवजात शिशु संसार को देखता है। जरूरी है कि मौन रहने के दौरान सिर्फ श्वांसों के आवागमन को ही महसूस करते हुए उसका आनंद लें। मौन से मन की शक्ति बढ़ती है। शक्तिशाली मन में किसी भी प्रकार का भय, क्रोध, चिंता और व्यग्रता नहीं रहती। मौन का अभ्यास करने से सभी प्रकार के मानसिक विकार समाप्त हो जाते हैं। आइये जानते हैं मौन के सात महत्वपूर्ण फायदों के बारे में।

                       संतुष्टि

कुछ न बोलना, यानि अपनी एक सुविधा से मुंह मोड़ना। जी हां, बोलना आपके लिए एक बहुत बड़ी सुविधा ही होती है। जो आपके मन में चल रहा होता है उसे आप तुरंत बोल देते हैं। लेकिन, मौन रहने से चीजें बिल्कुल बदल जाती हैं। मौन अभाव में भी खुश रहना सिखाता है।

                       अभिव्यक्ति

जब आप सिर्फ लिखकर बात कर सकते हैं तो आप सिर्फ वही लिखेंगे जो बहुत जरूरी होगा। कई बार आप बहुत बातें करके भी कम कह पाते हो। लेकिन ऐसे में आप सिर्फ कहते हो, बात नहीं करते। इस तरह से आप अपने आपको अच्छी तरह से व्यक्त कर सकते हैं।

                           प्रशंसा

हमारे बोल पाने की वजह से हमारा जीवन आसान हो जाता है, लेकिन जब आप मौन धारण करेंगे तब आपको ये अहसास होगा कि आप दूसरो पर कितना निर्भर हैं। मौन रहने से आप दूसरों को ध्यान से सुनते हैं। अपने परिवार, अपने दोस्तों को ध्यान से सुनना, उनकी प्रशंसा करना ही है।

                         ध्यान देना

जब आप बोल पाते हैं तो आपका फोन आपका ध्यान भटकाने का काम करता है। मौन आपको ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर करता है। इससे किसी एक चीज या बात पर ध्यान लगाना आसान हो जाता है।

                           विचार

शोर से विचारों का आकार बिगड़ सकता है। बाहर के शोर के लिए तो शायद हम कुछ नहीं कर सकते, लेकिन अपने द्वारा उत्पन्न शोर को मौन जरूर कर सकते हैं। मौन विचारों को आकार देने में हमारी मदद करता है। हर रोज अपने विचारों को बेहतर आकार देने के लिए मौन रहें।

                             प्रकृति

जब आप हर मौसम में मौन धारण करना शुरू कर देंगे तो आप जान पाएंगे कि बसंत में चलने वाली हवा और सर्दियों में चलने वाली हवा की आवाज भी अलग-अलग होती है। मौन हमें प्रकृति के करीब लाता है। मौन होकर बाहर टहलें। आप पाएंगे कि प्रकृति के पास आपको देने के लिए काफी कुछ है।

                                शरीर

मौन आपको आपके शरीर पर ध्यान देना सिखाता है। अपनी आंखें बंद करें और अपने आप से पूछें, “मुझे अपने हाथ में क्या महसूस हो रहा है?” अपने शरीर को महसूस करने से आपका अशांत मन भी शांत हो जाता है। शांत मन स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।

हमने ऐसे कही सिद्ध महात्माओं के दर्शन किये है जो सालोंसे मौन साधनामे लीन है । इसका ज्यादा वर्णन सम्भव नही , बस एकबार करके देखिए । आप स्वयम ही मौन साधना की शक्ति से अनुभूत होकर उनका दिव्य लाभ उठा सकोगे ।

       

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