सही पाचन होने के लिए यह सरल नियमों का पालन करें…
ताकि कब्ज, एसिडिटी या गैस से मुक्ति पायें..
ग्यारह सामान्य-सरल नियमों का पालन जरूरी है….
1) खाने से पहले 48 मिनट की अवधि में पानी न पीयें।
2) खाते समय सिर्फ एक दो घुंट ही पानी पीयें..
खाने में रोटी सब्जी खतम होने के बाद और चावल खाने से पहले बीच में एक दो घुंट पी सकते।
खाने के समय उधरस या खांसी आने से एक दो घुंट जरूर पीयें।
खाने के अंत में मुह साफ करते समय एक दो घुंट ही पानी पीयें..
3) खाने के बाद एक से डेढ़ घंटे (60-90 मिनट) के बाद पानी पीयें, उसी के बाद जी चाहे ईतना पानी पीयें..
जब भी पेट खाली हो तब याद करके पानी पीयें।
खाली पेट (जठर) होने से आंतों का गेस उपर उठकर सिर तक जाने से सिरदर्द होता है।
तो उपवास के दिन पानी यादकर के पानी पीयें तो सिरदर्द नहि होगा।
4) सादा पानी या मटके का पानी पीयें परन्तु फ्रिज का पानी गलती से भी न पीयें।
सुबह को वासी मुंह जरूर पानी पीये ताकि एसिडीटी से बच पायें।
5) पानी जब भी पीयें तो घुंट घुंट आराम से नीचें बैठकर पीयें, घटाघट कभी पानी न पीयें।
6) खाना हमेशा जमीन पर बैठकर खाये। दो भोजन के बीच चार घंटे का समय स्वस्थ व्यक्ति को रखना चाहिए…
7) खाना आराम से चौबीस मिनटों तक चबा चबाकर खाएं। खाते समय नही टीवी, नही मोबाईल, नही बातें।
8) खाने का जथ्था/अनुपात सुबह, दोपहर और शाम का 3:2:1 रखें। ( उदाहरण के लिए सुबह 3 रोटी, दोपहर 2 रोटी तो शाम को एक रोटी)।
9) फलों सुबह (दोपहर के पहले) खाएं,
दही, लस्सी, छाश को दोपहर पीयें और
दुध शाम को ही लेंगे तो पाचन अच्छा होकर संपूर्ण फायदा मिलेगा।
10) सुबह के भोजन के बाद कार्य प्रवृत्ति करें।
दोपहर के खाने के बाद 45 मिनट नींद लें।
शाम के खाने के बाद तुरंत न सोयें। खाने के बाद डेढ़ दो घंटे के बाद सोयें।
शाम के भोजन के बाद 500-1000 कदमें (पग) जरूर चले।
हर खाने के बाद 5-10-15 मिनटें वज्रासन करें ताकि पाचन शक्ति बढें।
11) नींद के समय बालक, संत और संन्यासी पूर्व दिशा में शिर रखें। ताकि दिमागी शक्ति बढे।
सांसारिक लोगों नींद के समय दक्षिण दिशा में शिर रखें। ताकि धन वधे।
👏🏼💐👏🏼💐👏🏼💐👏🏼