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🌻दिल का तेज धड़कना
🌷परिचय :
हृदय की धड़कने की क्रिया से ही हमारे पूरे शरीर में रक्त का संचालन होता है। यदि किसी दोष या बीमारी के कारण यह धड़कन सामान्य से तेज हो जाती है तो उसे बीमारी का रूप माना जाता है। इसमें सीने में भारीपन, दर्द एवं घबराहट का अनुभव होता है।
🌻🌻कारण :
मानसिक उत्तेजना, स्नायु में किसी प्रकार की बीमारी, उत्तेजित पदार्थों को खाना, डर, बहुत ज्यादा परिश्रम, शोक, हस्तमैथुन और अधिक संभोग यानी सहवास आदि कारणों से दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
🌹लक्षण :
इस रोग में दिल बड़ी तेजी से धड़कने लगता है जिसके कारण शरीर में रूखापन, प्यास अधिक लगना, भूख की कमी, हाथ-पांव ठंडे से हो जाते हैं, दिल जैसे बैठा जा रहा हो और सांस लेने में परेशानी होती है।
🏵️भोजन तथा परहेज:
गेहूं की रोटी, हरी सब्जी, दलिया, फलों में सन्तरा, मौसमी, अनार, अनान्नास, सेब और सेब का मुरब्बा लाभकारी है।
इसके साथ ही तेल, गुड़, मिर्च, पान या पान मसाला, तम्बाकू, चाय, गैस बनाने वाली चीजे, खजूर, बादाम, पपीता, काजू, पिस्ता, चिलगोजे और अखरोट आदि गर्म मेवे नहीं देने चाहिए।
भोजन के साथ प्याज, अदरक तथा लहसुन का प्रयोग अवश्य करें।
🥀विभिन्न औषधियों से उपचार-
🌺1. मुलेठी: मुलेठी का चूर्ण 4 ग्राम सुबह-शाम घी या शहद के साथ सेवन करने से हृदय के समस्त रोगों में लाभ होता है।
🥀2. अनार: अनार के ताजे पत्तों को 10-50 ग्राम की मात्रा में पीसकर 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर, उस पानी को छानकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से धड़कन सामान्य हो जाती है।
🌹3. लहसुन:
लहसुन की तीन कलियों का रस एक गिलास पानी में डालकर रोगी को देने से दिल की बढ़ी हुई धड़कन में लाभ होगा।
लहसुन को आग में भूनकर चूर्ण बना लें। उसमें 5 ग्राम सत गिलोय और 2 चुटकी प्रवाल पिष्टी मिलाकर रख लें। इसके बाद इसमें से एक चुटकी चूर्ण के साथ रोगी को सेवन करायें।
4🌹. सर्पगंधा: हृदय की धड़कन में छोटी चन्दन (सर्पगन्धा) चूर्ण रोज 1-2 ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले सेवन करने से लाभ होता है।
🏵️5. देवदारू: देवदारू चूर्ण 3 से 6 ग्राम को सोंठ के साथ पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से हृदय रोग नष्ट होते हैं।
6🥀. छोटी इलायची: छोटी इलायची का चूर्ण 1 से 2 ग्राम पिप्पलीमूल के साथ घी मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
🌻7. जटामांसी:
हृदय की धड़कन में जटामांसी के बारीक चूर्ण का घोल 30 मिलीलीटर से 50 मिलीलीटर प्रतिदिन 3 बार सेवन करने से पूर्ण लाभ होता है।
जटामांसी का चूर्ण 500 मिलीग्राम से लेकर 1 ग्राम की मात्रा में नौसादर के साथ सुबह-शाम देने से दिल की तेज धड़कन, सिर का भारीपन और कमजोरी दूर होती है।
🌻8. बेल:
बेल की जड़ का काढ़ा सुबह-शाम सेवन करने से हृदय की धड़कन नियन्त्रित हो जाती है।
पके हुए बेल का गूदा लगभग 100 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह के समय मलाई के साथ खाने दिल की धड़कन की बीमारी में आराम मिलता है।
बेल-पत्र का 10 मिलीलीटर रस लेकर गाय या भैंस के शुद्ध घी में मिलाकर सेवन करें।
9💐. नागबला: नागबला की जड़ की छाल का बारीक चूर्ण 5 से 10 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से पूर्ण लाभ होता है।
🌸10. सफेद गुलाब: सफेद गुलाब की पंखुड़ियों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम सेवन करने से हृदय की धड़कन में लाभकारी होता है।स्नेहा समूह
🍂11. अर्जुन की छाल :
अर्जुन की छाल का चूर्ण 10 ग्राम को 500 मिलीलीटर दूध में उबालकर खोया बना लें। उस खोये के वजन के बराबर मिश्री का चूरा मिलाकर, प्रतिदिन 10 ग्राम खोया खाकर दूध पीने से हृदय की तेज धड़कन सामान्य होती है।
5 ग्राम से 10 ग्राम की मात्रा में अर्जुन की छाल को दूध में पकाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
🌾12. फालसा:
फालसा के फलों का शर्बत बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
फालसे 30 ग्राम, कालीमिर्च के पांच दानों का चूर्ण और स्वाद के अनुसार सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से दिल की तेज धड़कन में आराम मिलता है।
🌼13. शहतूत: शहतूत का शर्बत बनाकर पीने से हृदय की तीव्र धड़कन सामान्य होती है।
🌷14. बरगद :
बरगद के कोमल हरे पत्तों को 10 ग्राम की मात्रा में पीसकर 150 ग्राम पानी में मिलाकर, छानकर थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से तेज धड़कन सामान्य होती है।
बरगद के 10 ग्राम कोमल हरे रंग के पत्तों को 150 मिलीलीटर पानी में खूब पीसकर छानकर उसमें थोड़ी मिश्री को मिलाकर सुबह-शाम 15 दिनों तक सेवन करने से फायदा होता है।
🌸15. ब्राह्मी: ताजी ब्राह्मी का 20 मिलीलीटर रस और 5 ग्राम शहद को मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से दिल की कमजोरी नष्ट होकर तेज धड़कन की समस्या में भी आराम मिलता है।
1🌸6. अर्जुन की छाल: अर्जुन की छाल 500 ग्राम को कूट-पीसकर उसमें 125 ग्राम छोटी इलायची को पीसकर 20 ग्राम की मा

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