: आयुर्वेदिक उपचार
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पीलिया ठीक करने के सरल उपचार👇🏻👇🏻
उचित भोजन और नियमित व्यायाम पीलिया की चिकित्सा में महत्वपूर्ण हैं। लेकिन रोगी की स्थिति बेहद खराब हो तो पूर्ण विश्राम करना जरूरी है। पित्त वाहक नली में दबाव बढने और रूकावट उत्पन्न होने से हालत खराब हो जाती है। ऐसी गंभीर स्थिति में ५ दिवस का उपवास जरूरी है। उपवास के दौरान फलों का जूस पीते रहना चाहिये। संतरा, नींबू ,नाशपती, अंगूर , गाजर ,चुकंदर ,गन्ने का रस पीना फायदेमंद होता है।
रोगी को रोजाना गरम पानी का एनीमा देना कर्तव्य है। इससे आंतों में स्थित विजातीय द्रव्य नियमित रूप से बाहर निकलते रहेंगे और परिणामत: आंतों के माध्यम से अवशोषित होकर खून में नहीं मिलेंगे।
५ दिवस के फलों के जूस के उपवास के बाद ३ दिन तक सिर्फ फल खाना चाहिये। उपवास करने के बाद निम्न उपचार प्रारंभ करें-
सुबह उठते ही एक गिलास गरम पानी में एक नींबू निचोडकर पियें।
नाश्ते में अंगूर ,सेवफल पपीता ,नाशपती तथा गेहूं का दलिया लें । दलिया की जगह एक रोटी खा सकते हैं।
मुख्य भोजन में उबली हुई पालक, मैथी ,गाजर , दो गेहूं की चपाती और ऐक गिलास छाछ लें।
करीब दो बजे नारियल का पानी और सेवफल का जूस लेना चाहिये।
रात के भोजन में एक कप उबली सब्जी का सूप , गेहूं की दो चपाती ,उबले आलू और उबली पत्तेदार सब्जी जैसे मैथी ,पालक ।
रात को सोते वक्त ऐक गिलास मलाई निकला दूध दो चम्मच शहद मिलाकर लें।
: 💊डायबिटीज के मरीज को क्या खाना चाहिए, जब भूख लगे तो💊
👉डायबिटीज अब उम्र, देश व परिस्थिति की सीमाओं को लांघ चुका है। इसके मरीजों का तेजी से बढ़ता आंकड़ा दुनियाभर में चिंता का विषय बन चुका है। जानते हैं कुछ देशी नुस्खे मधुमेह रोगियों के लिए –
👉नीबू: मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नीबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है।
👉खीरा: मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।
👉गाजर-पालक : इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
👉शलजम : मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं।
👉जामुन : मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में खूब करना चाहिए।
👉जामुन खाने के बाद की गुठली संभालकर एकत्रित कर लें। इसके बीजों में जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। गुठली को सुखाकर उस का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती