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दर्दनिवारक लाल तेल बनाने की सरल सुलभ विधि जनहित हेतु:-

कई बार हमारे घुटनों,कमर, पीठ,नसों, और पंसलियों आदि में दर्द हो जाता है। ऐसे ही दर्द को ठीक करने के लिए बाजार में कई प्रकार के Ayurvedic तेल मिलते हैं जिनसे मालिश करने से दर्द ठीक हो जाता है। आज ऐसा ही तेल बनाने कि विधि आपको बताने जा रहा हूँ जो सस्ता, असान और अचूक है और घर पर आराम से बनाया जा सकता है।

सबसे पहले 40 grams पुदीना सत, 40 grams अजवायन सत और 40 grams भीमसेनी कपूर लें। साफ़ बोतल में पुदीना अजवॉयन कपूर डाल दें ढक्कन लगाकर हिला दें और रख दें। कुछ देर बाद तीनों चीजें मिलकर द्रव्य रूप में बदल जायेगी और इसे ही अमृतधारा कहते हैं।

अब 200 grams लहसुन लिजिएं और उसके छिलके उतार लें तथा लहसुन कि कलियों के छोटे छोटे बारीक टुकड़े कर लिजिएं। अब 1 लीटर सरसों या तिल का तेल या अरण्ड तेल कड़ाही में डालकर आंच पर गर्म होने के लिए रख दें। जब तेल पूरी तरह से गर्म हो जाए तो तेल को निचे उतार लें तथा ठंडा होने के लिए रख दें। जब तेल पूरा ठंडा हो जाए तो उसमें लहसुन के टुकड़े डालकर उसको फिर आंच पर चढाकर तेज और मंदी आंच में गर्म कीजिए। तेल को इतना पकाए कि लहसुन कि कलियाँ जलकर काली हो जाए। तेल के बर्तन को आंच पर से उतार लें तथा निचे रखे और उसमें गर्म तेल में ही 80 grams रतनजोत ( रतनजोत एक वृक्ष कि छाल होती है जिससे सभी चर्म रोग घाव फोड़े फुंसी ठीक होते हैं व किसी भी औषधि के बाहरी उपयोग से एलर्जी होने नहीं देती ) का बारीक चूर्ण डाल दें इससे तेल का रंग लाल हो जाएगा।

तेल के ठंडा होने पर कपडे से छान लें और किसी साफ़ बोतल में भर लिजिएं। अब इस पकाए हुए तेल में अमृतधारा और 400 grams तारपीन का तेल मिलाकर अच्छी प्रकार से हिला दें। बस मालिश के लिए दर्दनाशक लाल तेल तैयार हो गया जिसका सेवन आप जब चाहे कर सकते हैं।

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