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क्या आप भी रात का खाना देर से खाते हैं? तो हो सकती हैं ये 5 गंभीर समस्याएं


1 पाचन शक्ति – अगर आप देर रात को भोजन करते हैं तो इसका असर आपकी पाचन शक्ति पर पड़ता है। इससे आपकी पाचन शक्ति क्षीण होती है और भोजन ठीक से नहीं पचता जिससे कब्ज, पेट साफ न होना, बवासीर एवं कोलोन व आंतों की बीमारियां हो सकती हैं।
2 मोटापा – देर रात खाना खाने के बाद सोना एवं भोजन का सही पाचन न होने से शरीर में बिना पचा भोजन कोलेस्ट्रॉल के रूप में जमा हो जाता है। यह मोटापे की सबसे बड़ी वजह बनता है।
3 अनिंद्रा – देर रात भोजन करने से न तो भोजन का पाचन होगा और ना ही आप चैन से सो पाएंगे। आपको पर्याप्त और चैन की नींद के लिए भोजन का ठीक से पाचन बेहद जरूरी है।
4 चिड़चिड़ापन – अगर आप पर्याप्त मात्रा में सुकून की नींद नहीं ले पाते, तो इसका असर आपकी मानसिक सेहत पर भी पड़ता है। दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, नतीजतन चिड़चिड़ापन पैदा होता है।
5 देर रात किया जाने वाला भोजन एसिडिटी और पेट व सीने में जलन पैदा कर सकता है, जिसका असर हृदय एवं आपके ब्लडप्रेशर पर भी पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि रात को समय पर भोजन करें और इन बीमारियों से बचें।

अधिक नींद आना
(Too Much Sleeping)

परिचय :

असमय भोजन करने और अनिश्चित समय पर घूमने से अधिक नींद आती है। जिन लोगों को अधिक नींद आती हो उनका मन बाहरी वातावरण में होने वाली घटनाओं और कर्मेन्द्रियों के द्वारा किए जाने वाले कार्यों को ग्रहण नहीं कर पाता है और उनका मन सो जाता है। जिस व्यक्ति को अधिक नींद आती है उसे बहुत आवाज लगाने पर भी वह नहीं जागता है जबकि एक सामान्य नींद वाला व्यक्ति तुरन्त ही जाग जाता है और उसकी ज्ञानेन्द्रियां और कर्मेन्द्रियां क्रियाशील रहती है।
उपचार :

लगभग 10 ग्राम सौंफ को लगभग 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब यह पानी चौथाई रह जाए तो इसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे अधिक नींद आना कम होकर सुस्ती दूर होती है।
बच को बारीक पीसकर आंखों में लगाने और सूंघने से नींद की बीमारी दूर हो जाती है।
लगभग 25 ग्राम पिसी हुई भांग को पानी या दूध के साथ सुबह-शाम लेने से नींद का अधिक आना बन्द हो जाता है।
अधिक नींद आने के रोग से पीड़ित रोगी को सिरका सूंघाना चाहिए।
सोंठ, बच, छोटी पीपल और सेंधानमक को बराबर भाग में लेकर बारीक पीसकर सूंघने से नींद की बीमारी खत्म हो जाती है।
कटेरी, गिलोय, पोहकरमूल, सोंठ, भारंगी और हरड़ बराबर मात्रा लेकर 20 ग्राम की मात्रा बना लें और इसे खूब बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छानकर आंखों में लगाने से नींद और सुस्ती दूर हो जाती है।
सहजना के बीज, सेंधानमक, सरसों और कूठ 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर महीन पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को बकरी के मूत्र में घोटकर रोगी को सूंघने से नींद अधिक आने की बीमारी ठीक हो जाती है।

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