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Mind Power

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☆ Life ☆ Changing ☆Tips ☆

   *【09】●【05】●【19】*

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✎…… जब कोई कार्य प्रेमभाव के साथ किया जाता है तो उसमें तत्काल सफलता मिलती है |

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✎…… यदि मैं अपनी प्रशंसा सुनकर खुश होता हूँ तो निन्दा से मुझे दु:ख भी अवश्य होगा |

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✎…… सृष्टि रूपी रंगमंच पर हर व्यक्ति का अपना-अपना अनुपम पार्ट है – यह समझ लेने से सहनशक्ति निश्चित ही बढ़ाई जा सकती है |

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“”खुश रहिये सदा मुस्कुराते रहिये””

आप सभी का हर एक दिन शुभ और मंगलमय हो

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-सांस ,  कुंडलनी  और निर्माण

-प्रेम एक शक्ति है ।

-हर शक्ति  नियमों पर चलती है ।

-ऐसे ही प्रेम भी  नियमों पर चलता  है ।

-प्रेम का  नियम है यह  विपरीत चलता  है ।

-इस का  मतलब है कि  अगर हम चाहते  है कि कोई व्यक्ति हमें प्यार करे तो वह व्यक्ति प्यार नही करेगा । उल्टा वह सोचेगा हम उस से प्यार करे ।

–इस के बजाय आप सोचो मै इस की  क्या मदद करूं । इस के जीवन में किस चीज़ की  कमी है, जिस की मै पूर्ति कर दूं तो इसे खुशी मिलेगी । यह आगे बढेगा । उस में क्या गुण है । उसे देखने लगो । मन में कहो  आई लव यू  आई लाइक यू । तब वह व्यक्ति भी सोचने लगेगा आप के लिये वह क्या करे जिस से आप खुश रहने लगे । आप के गुण देखने लगेगा और आप से प्यार करने लगेगा ।

-आप के जीवन  में चाहे कितनी भी  कमी हो, ज़रूरत हो,  निर्धनता हो और वह चाहे कितना भी साधन सम्पन्न हो, जिस से आप प्रेम चाहते  है, उसे पहले आप को प्यार करना होगा ।

-आज लोग महसूस करने लगे   है,  उनके पास साधन है, पर्याप्त धन है परंतु प्यार नही है । क्योंकि वे  अधिकार से प्रेम मांगते  है । मेरी पत्नी है, मेरा बेटा है, मेरा कर्मचारी है, इसलिये वह मेरे से प्यार करे यह उसका फर्ज है । ऐसे दूसरा पक्ष सोचता है ये मेरा पति है! मेरे पापा है, मेरा मालिक है इसलिये इसे मुझ से प्यार करना चाहिये ।

-आप को प्यार आप से जो छोटे  है या आप पर निर्भर है ,  वह लोग करेगें  या जो आप को पसंद करते है वह प्यार करेगें । जो आप से हैसियत में बहुत बड़े है वह आप से प्रेम नही करेगें । वह आप से काम लेगें । जब तक आप काम करते है वह प्यार करेगें । जिस दिन काम छोड़ दिया  प्यार भी  ख़त्म हो जायेगा ।

-हमें परेशानी तब होती है जब घर में पति पत्नी, बच्चे की  मम्मी या पापा या बड़े भाई या बहिन  से  अनबन हो जाती है ।

-मान लो  पति पत्नी में अनबन हो जाये, तो उनमे प्यार कैसे हो ।

-आप पत्नी है और आप समझते है आप मै कोई कमी नही है । पति दबंग वृत्ति का है, आप की इन्सलट  करता है । अपशब्द बोलता है । उसमे कोई  चारित्रिक या अन्य खास  कमी है परंतु डांट डपट आप को करता है । आप  उस को ना  छोड़ सकते है ना समझा सकते है । आपसी संघर्ष में मन में तनाव रहता है ।

  • ऐसी स्थिति में कोई भी  एक व्यक्ति जिसे आप दिल से प्यार करते है, ममी, पापा, बेटा, बेटी, सहेली या कोई और  आप सदा  उसे कल्पना में देखते रहो । खासतौर  पर जब विरोधी/पति  सामने हो, कुछ  बोल रहा  हो, उस समय मन में स्नेही को देखते रहो और मन में उसे स्नेही को  कहते रहो आप स्नेही है, मन से उसे प्रेम करते  रहो ।  आप की ये प्यार की तरंगे आप का पति भी  सुन रहा  है । उस में भी  प्रेम पैदा  हो जायेगा  । मन के स्नेह के  संकल्प एक मधुर संगीत है जैसे कोई मधुर गीत बजता  है तो सब प्रभावित होते है ।  इसलिये मन से सदा  मधुर संगीत ही बजाते  रहो ।

-अगर आप भगवान  को मानते है तो स्नेही के बजाय अपने ईष्ट  को देखते रहो या ब्रह्मा  बाबा या शिव बाबा को देखते रहो । भगवान  को कहते रहो आप प्यार के सागर है

-ऐसे ही पति  भी पत्नी  के प्रति ऐसी ही विधि अपनाए अगर वह दबंग है  ।

-अगर  बोस के साथ अनबन है या और कहीँ संघर्ष है तो  इसी ढंग से उसे  तरंगे दो । सब कुछ  ठीक हो जायेगा ।


-परिवार  और जन्म

-आत्मा,  परमात्मा और प्राकृति के नियम अटल होते हैं ।

-कुछ  बीज ऐसे होते हैं जिनके देखने से    यह   पता नहीँ लगता   क़ि यह किस पौधे या पेड़  का  है ।

  • आप उस बीज को धरती में बो दे  ।  जब बीज उपजे तॊ उस पौधे को  देख कर बता  सकते हैं क़ि यह किस  वनस्पति का बीज था ।

-ऐसे ही  हरेक    मनुष्य की  आत्मा का    रंग,  रूप और आकार  एक जैसा  होता  है ।  उसे देखने से पता नहीं चलता क़ि  उसका पिछला जन्म कैसा था ।

-आत्मा जब जन्म लेती है और किस घर में जन्म लेती हैं तॊ उस परिवर का जैसा रहन सहन   होता हैं । उस आत्मा का भी पिछले जन्म  ऐसा ही था जैसे इस  घर के लोग है जिस में इसने जन्म लिया है ।

-क्या आप के   घर के सभी सदस्य प्यार  से रहते हैं ।  एक दूसरे का सम्मान करते हैं ।  धन दौलत से संपन्न हैं ।  तॊ आप भी पिछले जन्म ऐसे ही   सम्पन्न थे ।  ये  सभी परिवार के लोग आप से खुश थे । इसलिए इस समय आप को खुश रख रहें हैं ।

-अगर आप के परिवार के लोग गरीब हैं तॊ आप भी पिछले जन्म में  गरीब थे ।

-अगर परिवार के  लोग पढे  लिखे हैं तॊ समझो  आप भी पढे लिखे थे ।

-अगर किसी का जन्म  राजनेता के घर  होता है  तॊ वह  पिछले जन्म   राजनेता था  ।

-आप को जीवन साथी  कैसा मिला  है । क्या वह  आप को प्यार करता या करती  हैं,  सम्मान देता है,  मधुरता से पेछ आता है तॊ समझो आप ने पिछले जन्म उस से ऐसा ही व्यवहार किया था ।

-आप को कमजोर जीवन साथी  मिला है,  आप को अपमानित करता रहता है   या करती रहती हैं तॊ समझो आप ने पिछले जन्म उस के साथ ऐसा ही किया था ।

-एक पुरुष जो इस समय आप का पति है वह पिछले जन्म आप की  पत्नी था ।

-जो इस समय आप की  पत्नी है वह  पिछले जन्म आप का पति था ।

-एक पुरुष ज़्यादा से ज़्यादा दो जन्म तक पुरुष बन सकता है  उसका तीसरा जन्म महिला का होगा ।

-एक महिला ज़्यादा से ज्यादा दो जन्म महिला बनेगी ।  उसका तीसरा जन्म पुरुष का होगा । 

-एक पुरुष या एक महिला दो जन्म तक पुरुष या महिला बन  सकते हैं अभी यह सिद्वांत  विश्वास  पर आधारित है ।  इस पर शोध की जरूरत है  ।

-आप का पति आप को परेशान रखता है,  अपमानित करता है?   अत्याचार करता है,  कुछ भी ऐसा व्यवहार करता है  जिस से आप आहत होते है ।  इनके साथ जीना  मुश्किल लगता है ।

-आप के साथ यह   व्यवहार कुछ तॊ पिछले जन्म के कारण कर रहा  है परंतु ज्यादातर ऐसा व्यवहार अज्ञानता के कारण कर रहा है ।  उसे पता ही नहीँ क़ि  ऐसा करने से आप को कष्ट हो रहा है ।

-पति या पत्नी दोनों में एक समझदार हो तॊ गृहस्थी जीवन को स्वर्ग बनाया जा सकता है । अगर दोनों ही बे समझ है तॊ समस्या  विकराल रूप ले लेती है । 

-बहिनें अगर समझदार बन जाएँ तॊ पुरुष को बदलना मुश्किल नहीँ  है । 

-किसी भी व्यक्ति को बदलने के दो ही ढंग है ।

-हम जितना ज़्यादा भगवान को याद  करेगें दूसरां  व्यक्ति अपने आप बदलता  जाता है ।  भगवान महा  शक्ति है ।  उसका कहना सब मानते है ।

-किसी को भी हम प्यार से बदल सकते है ।  प्यार भी एक महान बल है यह सभी को बदल देता है ।

-अगर बहने मन में यह कहती रहें मैं स्नेही हूं ,  परमात्म आप प्यार के सागर है और पतिदेव के लिये कहती रहें आप भी स्नेही हो  तॊ ऐसा करने से आप में अथाह बल पैदा होगा और आप का पति बदलता जाएगा ।

-पति को भी यही अभ्यास करना है ।

-ऐसा करने से  आप के अगले जन्म में वर्तमान पति  आप की  पत्नी बनेगा और आप को बहुत पसंद करेगा और आप भी उसे प्यार से रखेंगे ।

-अगर आप वर्तमान समय दूसरे को नहीँ बदलेंगे तॊ  आप के मन में बदले की भावना भरती  जाएगी ।  आप अगले जन्म पति बनेगी और अपनी पत्नी को जो इस समय पति है इसी तरह तंग करेंगीं,  पीटेंगे जैसे वह आप के साथ करता है ।

-इसलिए समझदार वनों और अपने जीवन साथी के साथ अभी से श्रेष्ट  संबंध बनाए  ।

-पति को सामने कल्पना में देखो ।  उसके और अपने बीच परमात्म के बिंदू रूप या अपने ईष्ट को देखो ।  परमात्मा या ईष्ट को कहो आप प्यार के सागर है ।  इसे मंत्र की  तरह मन में सिमरन करते रहो ।  ऐसा करने से दोनों के जन्म जन्म के पुराने हिसाब किताब खत्म  हो जाएंगे और भविष्य में आप आदर्श पति या  पत्नी बनेंगे ।  ऐसे लगेगा जैसे क़ि आप स्वर्ग में रह रहें है ।

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