सैंकड़ो बीमारियों का इलाज-प्रातः जल सेवन
नयी तथा पुरानी अनेकों प्राणघातक बीमारियाँ दूर करने का एक ही सरल उपाय है – प्रातःकाल में जल-सेवन। प्रतिदिन प्रभात काल में सूर्योदय से पूर्व उठकर, ताँबे के पात्र में रात का रखा हुआ 2 से 4 बड़े गिलास (आधा से सवा लीटर) पानी पी ले। पानी भरकर ताँबे का पात्र हमेशा विद्युत की कुचालक वस्तु (प्लास्टिक, लकड़ी या कम्बल) के ऊपर रखें। खड़े होकर पानी पीने से आगे चलकर पिण्डलियों में दर्द की तकलीफ होती है। अतः किसी गर्म आसन अथवा विद्युत की कुचालक वस्तु पर बैठकर ही पानी पीयें। पानी में चाँदी का एक सिक्का डालकर रखने से पानी और अधिक शक्तिदायक हो जाता है। तदनंतर 45 मिनट तक कुछ खायें-पीयें नहीं। प्रयोग के दौरान नाश्ता या भोजन करने के दो घंटे बाद ही पानी पीयें।
प्रातःकाल नियमित रूप से जल सेवन करने से निम्निलिखित नयी एवं पुरानी बीमारियों में लाभ होता हैःकब्ज,मधुमेह (डायबिटीज),ब्लडप्रेशर,लकवा (पेरालिसिस),कफ, खाँसी, दमा (ब्रोंकाइटिस),यकृत (लीवर) के रोग,स्त्रियों का अनियमित मासिक स्राव,गर्भाशय का कैंसर,बवासीर (मस्से),कील-मुहाँसे एवं फोड़े-फुंसी,वृद्धत्व व त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ना,एनीमिया (रक्त की कमी), मोटापा,क्षयरोग (टी.बी.), कैंसर,पेशाब की समस्त बीमारियाँ (पथरी, धातुस्राव आदि),सूजन, बुखार, एसिडिटी (अम्लपित्त),वात-पित्त-कफ जन्य रोग,सिरदर्द, जोड़ों का दर्द,हृदयरोग व बेहोशी,आँखों की समस्त बीमारियाँ,मेनिंजाइटिस, प्रदररोग,गैस की तकलीफ व कमर से संबंधित रोग,मानसिक दुर्बलता,पेट के रोग आदि।
इस अनुभूत प्रयोग से बहुतों को लाभ हुआ है। आप भी लाभ उठाइये। मंदाग्नि, वायुरोग व जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगी गुनगुने पानी का प्रयोग करें।
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