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हाथों के वर्गीकरण के साथ ही, हस्तरेखा विशेषज्ञों द्वारा हाथ की कुछ सामान्य विशेषताएं भी निर्धारित की गई है, जिनका कि हस्त परीक्षण करते वक्त, ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है।

1- लचीला हाथ—
हाथ किसी भी वर्ग का हो, अगर वह लचीला है तो व्यक्ति के विचारों में लचीलापन होता है। लचीला हाथ की पहचान यह है कि हथेली की ओर देखने से ऐसे हाथ की केशिकायों के पैटर्न बहुत महीन होते हैं। ये पैटर्न बिना मैग्नीफाइंग गिलास के स्पष्ट दिखाई नहीं देते हैं। लचीले हाथ वाले जातक में मानसिक शक्ति अधिक होती है। वह रूढ़िवादी नहीं होता है। नए विचारों को वह शीघ्र स्वीकार कर लेता है।
2- सख्त हाथ—
सख्त हाथ की पहचान है उसकी मोटी व कड़ी त्वचा। मोटी त्वचा पर बने केशिकाओं के पैटर्न काफी मोटे होते हैं। यह बिना मैग्निफाइंग गिलास के नंगी आँखों से ही स्पष्ट दिखाई देते हैं। ऐसा जातक अच्छा वर्कर सिद्ध होता है। सख्त हाथ के व्यक्ति नई बातों को तुरंत ही स्वीकार नहीं करते। न तो जल्दी मित्र बनाते हैं और न ही जल्दी शत्रु बनाते हैं। जिनके साथ एक बार मित्रता या शत्रुता का भाव रखते हैं उसे काफी समय तक निभाते भी हैं।
3- ठोस हाथ—
हाथ की त्वचा लचीली हो किंतु भीतर से हाथ सख्त हो, तो ऐसे हाथ ठोस हाथ कहे जाते हैं। ठोस हाथ वाले व्यक्ति में विचार शक्ति और कार्य शक्ति का अनूठा संगम होता है। ठोस हाथ के व्यक्ति गहरा विचार करके ही किसी परिणाम तक पहुंच हैं। उसे अपनी क्रिया शक्ति द्वारा अंत पहुंचाते भी हैं।
4- पिलपिला हाथ—
यदि हाथ की त्वचा लचीली हो किंतु भीतर से हाथ सख्त होने की बजाय बहुत मुलायम हो, इतना मुलायम कि उसे दबाते समय ऐसा लगे, जैसे- कोई स्पंज हाथ में आ गया हो, तो ऐसे हाथ को पिलपिला हाथ कहते हैं। पिलपिले हाथ वाला व्यक्ति आराम पसंद होता है।
5- पतला व मुलायम हाथ—
यदि हथेली पतली के साथ मुलायम हो, तो व्यक्ति को धन से बहुत अधिक मोह तथा लगाव होता है। ऐसे व्यक्ति के मन की थाह पाना आसान नहीं होता है।
6- भारी हाथ—
(क) भारी हथेली के जातक में कार्य शक्ति अधिक होती है। भारी हथेली की त्वचा लचीली हो, तो ऐसे हाथ वाला जातक अपने विचार व निश्चय पर अटल होता है।
(ख) भारी हथेली यदि पिलपिली हो तो जातक परिश्रम से घबराता है। उसके विचारों में कामुकता तथा लंपटता अधिक होती है। वह खाने – पीने, मौज – मजे मनाने में अधिक आनंद लेता है।
(ग) मोटा व खुरदरा भारी हाथ वाला जातक, कला प्रेमी नहीं होता है। उसका कलात्मक चीजों में कोई लगाव नहीं होता है। ऐसे हाथ वाले व्यक्ति का अंगूठा मोटा व साथ ही छोटा भी हो, तो उसका अपने मस्तिष्क पर कोई भी नियंत्रण नहीं होता है। वह हिंसक स्वभाव होता है। ऐसे व्यक्ति पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है। ज्यादा गुस्सा आने पर वह खून – खराबे पर भी उतर सकता है।

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