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🌷अल्सर

🌹परिचय :
खान-पान में गड़बड़ी के कारण पेट में जख्म बन जाता है जिसे अल्सर कहते हैं। चाय, कॉफी, सिगरेट व शराब का अधिक सेवन करने से अल्सर होता है। अधिक खट्टे, मसालेदार, गर्म चीजों का सेवन करने से अल्सर होता है। चिन्ता, ईर्ष्या गुस्सा, काम का बोझ, मानसिक परेशानी, बैचेनी आदि कारणों से भी यह रोग होता है। कभी-कभी पेट में जहरीला रोग पैदा होकर दूषित द्रव्य एकत्रित होकर आमाशय और पक्वाशय में जख्म बना देता है। इस तरह आमाशय में घाव होने से पाचक रसों का बनना रुक जाता है और अल्सर उत्पन्न हो जाता है।
💐लक्षण :
🍃अल्सर के रोग में अक्सर पेट में जलन होती है, खट्टी डकारे आती हैं, उल्टी होती है, सिर चकराता है, भोजन अच्छा नहीं लगता, कब्ज की शिकायत होती है, दस्त के साथ खून आता है, शरीर में कमजोरी आ जाती है और मन बैचेन रहता है।
🌼भोजन और परहेज :
🍁अल्सर में आराम मिलने पर भोजन में दूध, सब्जियों का सूप, मसाले, कस्टर्ड और दलिया लेना चाहिए।
🏵️सब्जियां मिलाकर बनाया गया दलिया, चपाती और पका चावल का सेवन करना रोगी के लिए लाभकारी होता है।
अल्सर से पीड़ित रोगी को बीच-बीच में थोड़े समय के बाद कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।
🏵️शारीरिक और मानसिक कार्य से बचना चाहिए ताकि पेट का सिकुड़न कम होकर अल्सर ठीक हो जाए।
🏵️अल्सर रोग में रोगी को हर 2 घंटे के अंतर पर ठंडा दूध, पका केला, चीकू, शरीफा और उबला हुआ सेब खाना चाहिए।
🌺अल्सर के रोगी को तले हुए और मसालेदार मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे श्लैष्मिक झिल्ली में जलन होती है।
🌹चाय, कॉफी, शराब और धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
खट्टे फल और फलों का रस सेवन नहीं करना चाहिए।
रेशे वाले पदार्थो का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से अल्सर से उत्पन्न पेट की जलन शांत होती है।
अधिक मीठे और खट्टे पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए।
🍃अनन्नास, , अमरूद और टमाटर खाना रोगी के लिए हानिकारक होता है।
🏵️दूध, पका हुआ केला, चीकू, शरीफा और सेब खाना चाहिए।
💐मैदा, कार्नफलोर, पेस्ट्री, केक, जैम और जैली का सेवन नहीं करना चाहिए।
🌹कच्ची सब्जियां, अंकुरित दाल और पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए।
🌸विभिन्न औषधियों से उपचार :

2.🍂 आंवला :
एक चम्मच आंवले का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट में दूषित द्रव्य जमा होने के कारण उत्पन्न अल्सर ठीक होता है।
आंवले का चूर्ण एक चम्मच, सोंठ का चूर्ण आधा चम्मच, जीरे का चूर्ण आधा चम्मच और मिश्री एक चम्मच को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से पेट का जख्म ठीक होता है और दर्द व उल्टी में आराम मिलता है।
3.🥀 केले : केले में अम्ल की मात्रा कम करने और घाव को भरने की शक्ति होती है। पेट में जख्म होने पर प्रतिदिन 3 केला खाना खाने के बाद खाना चाहिए।
🏵️4. पान : पान के हरे पत्तों का आधा चम्मच रस प्रतिदिन पीने से पेट का घाव व दर्द शांत होता है।
5🌸. हरड़ : 2 छोटी हरड़ और 4 मुनक्के को पीसकर सुबह खाने से पेट की जलन व उल्टी समाप्त होती है।
6.💐 एरण्ड : 2 चम्मच एरण्ड का तेल गौमूत्र या दूध में मिलाकर सेवन करने से आंतों का अल्सर ठीक होता है।
7. 💐देवदारु :
देवदारू, ढाक, आम की जड़, गजपीपल, सहजन और असगंध को गाय के ताजे मूत्र में पीसकर पेट पर लेप करने से पेट का जख्म ठीक होता है।
देवदारु, सहजन और बिजौरा नींबू बराबर मात्रा में लेकर गौमूत्र में मिलाकर रोगी को सेवन करना चाहिए।
🌾8. सोंठ : 1 चम्मच चव्य और 1 चम्मच सोंठ को पीसकर गाय के पेशाब में मिलाकर सेवन करने से पेट का जख्म व दर्द ठीक होता है।
9.🌼 असगंध : पेट जख्म से परेशान रोगी को 4 ग्राम असगंध को गौमूत्र में पीसकर सेवन करना चाहिए।
10. 🏵️मुलहठी : पेट और आंत के घाव में मुलहठी की जड़ का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से अल्सर कुछ सप्ताह में ही ठीक हो जाता है। ध्यान रखें कि मिर्च-मसालों का प्रयोग खाने में बिल्कुल न करें।
11🌷. दूध : अल्सर से पीड़ित रोगी को बार-बार दूध पीना चाहिए और अनार का रस और आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए।
12.🌷 मूली : पुरानी कब्ज, तीखे व जलन पैदा करने वाले पदार्थों का सेवन करने से आन्तों का घाव होता है। मीठे मूली का 100 मिलीलीटर रस दिन में 2-3 बार सेवन करने से अल्सर ठीक होता है।
13🌼. गाजर : गाजर के 150 मिलीलीटर रस, 100 मिलीलीटर पालक का रस और 50 मिलीलीटर गोभी का रस मिलाकर कुछ महीने तक पीने से अल्सर में बहुत लाभ मिलता है।
14.🥀 घी : हल्दी और मुलेठी का चूर्ण पानी में उबालकर ठंडा करके पेट पर लगाने से अल्सर रोग में आराम मिलता है।
15💐. केला : अल्सर की बीमारी में दूध और केला एक साथ खाने से लाभ होता है।
16.🌸 निर्गुण्डी : 50 ग्राम निर्गुण्डी के पत्ते को आधा लीटर पानी में धीमी आग पर पकाकर चौथाई भाग शेष बचे तो 10-20 मिलीलीटर दिन में 2 से 3 बार पीएं। इससे पेप्टिक अल्सर के रोग से छुटकारा मिलता है।
🌼पेट में अल्सर होना सिर्फ तकलीफदेह ही नहीं बल्कि बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस समस्या का पता चलते ही तुरंत इसका उपचार शुरू करना बेहद जरूरी है अन्यथा यह आंतों में कैंसर भी पैदा कर सकता है। जानिए इसके बारे में –
🌻पेट का अल्सर यानि पेट में होने वाले छाले या फिर ऐसे घाव जो फफोले बनने के बाद हुए हों। इस तरह की समस्या अक्सर खान-पान में गलत बदलाव के कारण पैदा होती है जो कभी-कभी घातक भी साबित हो सकती है।

🌾सामान्यत: अल्सर, शरीर के अंदर छोटी आंत के शुरुआती स्थान पर या म्यूकल झिल्ली पर होने वाले छाले या घाव होते हैं। इस तरह का अल्सर पेप्ट‍िक अल्सर या फिर गैस्ट्रिक अल्सर कहलाता है। इसका मुख्य कारण पेट में अम्ल का बढ़ना, धूम्रपान एवं नशीले पदार्थों का सेवन, अत्यधि‍क स्टीरॉयड्स का सेवन, अनुवांशिक कारण, अत्यधिक तनाव या खान-पान में गड़बड़ी का होना है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक जीवाणु का संक्रमण भी पेट में अल्सर होने का एक प्रमुख कारण है।
🏵️अल्सर के लक्षण🌼पेट में अल्सर होना सिर्फ तकलीफदेह ही नहीं बल्कि बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस समस्या का पता चलते ही तुरंत इसका उपचार शुरू करना बेहद जरूरी है अन्यथा यह आंतों में कैंसर भी पैदा कर सकता है। जानिए इसके बारे में –
🌻पेट का अल्सर यानि पेट में होने वाले छाले या फिर ऐसे घाव जो फफोले बनने के बाद हुए हों। इस तरह की समस्या अक्सर खान-पान में गलत बदलाव के कारण पैदा होती है जो कभी-कभी घातक भी साबित हो सकती है।

🌾सामान्यत: अल्सर, शरीर के अंदर छोटी आंत के शुरुआती स्थान पर या म्यूकल झिल्ली पर होने वाले छाले या घाव होते हैं। इस तरह का अल्सर पेप्ट‍िक अल्सर या फिर गैस्ट्रिक अल्सर कहलाता है। इसका मुख्य कारण पेट में अम्ल का बढ़ना, धूम्रपान एवं नशीले पदार्थों का सेवन, अत्यधि‍क स्टीरॉयड्स का सेवन, अनुवांशिक कारण, अत्यधिक तनाव या खान-पान में गड़बड़ी का होना है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक जीवाणु का संक्रमण भी पेट में अल्सर होने का एक प्रमुख कारण है।
🏵️अल्सर के लक्षण – यूं तो शुरुआती चरण में अल्सर की पहचान करना जरा मुश्किल है, लेकिन अगर आपको इस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सही हैं, तो यह अल्सर के लक्षण हो सकते हैं –

1🌸 कई लोगों को बार-बार डकार आने की समस्या होती है। यह पेट के अल्सर का एक लक्षण भी हो सकता है, इसलिए जरा संभलकर !
2🌷 पेट में किसी प्रकार के जख्म या दर्द का एहसास होना एवं आंतों में जलन की शिकायत होना।

3 🌾पेट में सूजन, सीने में जलन एवं गैस की समस्या होना।
4 🥀पेट के ऊपरी भाग में दर्द एवं जलन होना एवं गर्म पेय पीने के बाद असहजता का अनुभव होना।
5 🥀मल में खून आना या मल का रंग गहरा होना।
🥀6 खांसी होने पर खून आना या खून की उल्टी होना।
7 🥀वजन का कम होना और भूख न लगना।

घरेलू उपाय – 🌾1 गुड़हल के लाल फूलों को पीसकर, पानी के साथ इसका शर्बत बनाकर पिएं। पेट के अल्सर के लिए यह एक उत्तर दवा है।
2🍃 गाय के दूध में हल्दी की कुछ मात्रा मिलाकर इसे रोजाना पीने से भी पेट के अल्सर में लाभ होता है।
3🥀 बेल का जूस या बेलपत्र को पीसकर इसे पानी में घोलकर बनाए गए पेय का सेवन करने से भी पेट के अल्सर में लाभ होता है।

4🍂 बादाम को रातभर पानी में भिगोकर सुबह इसे चबाते हुए खाएं जिससे इसका दूध पेट के छालों तक पहुंचे। आप चाहें तो बादाम को दूध में पीसकर इसका प्रयोग कर सकते हैं।
🍂5 केले, नारियल, पत्तागोभी, गाजर, मेथीदाना और सहजन का किसी भी रूप में सेवन, अल्सर के रोगियों के लिए लाभकारी है।
सावधानी – अल्सर से बचने के लिए अत्यधिक तेल, मिर्च-मसाले या जंकफूड व कोल्ड्रिंक का सेवन न करें। तनाव लेने से बचें एवं पैदल चलना या व्यायाम करना शुरू करें।को इस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सही हैं, तो यह अल्सर के लक्षण हो सकते हैं –

1🌸 कई लोगों को बार-बार डकार आने की समस्या होती है। यह पेट के अल्सर का एक लक्षण भी हो सकता है, इसलिए जरा संभलकर !
2🌷 पेट में किसी प्रकार के जख्म या दर्द का एहसास होना एवं आंतों में जलन की शिकायत होना।

3 🌾पेट में सूजन, सीने में जलन एवं गैस की समस्या होना।
4 🥀पेट के ऊपरी भाग में दर्द एवं जलन होना एवं गर्म पेय पीने के बाद असहजता का अनुभव होना।
5 🥀मल में खून आना या मल का रंग गहरा होना।
🥀6 खांसी होने पर खून आना या खून की उल्टी होना।
7 🥀वजन का कम होना और भूख न लगना।

घरेलू उपाय – 🌾1 गुड़हल के लाल फूलों को पीसकर, पानी के साथ इसका शर्बत बनाकर पिएं। पेट के अल्सर के लिए यह एक उत्तर दवा है।
2🍃 गाय के दूध में हल्दी की कुछ मात्रा मिलाकर इसे रोजाना पीने से भी पेट के अल्सर में लाभ होता है।
3🥀 बेल का जूस या बेलपत्र को पीसकर इसे पानी में घोलकर बनाए गए पेय का सेवन करने से भी पेट के अल्सर में लाभ होता है।

4🍂 बादाम को रातभर पानी में भिगोकर सुबह इसे चबाते हुए खाएं जिससे इसका दूध पेट के छालों तक पहुंचे। आप चाहें तो बादाम को दूध में पीसकर इसका प्रयोग कर सकते हैं।
🍂5 केले, नारियल, पत्तागोभी, गाजर, मेथीदाना और सहजन का किसी भी रूप में सेवन, अल्सर के रोगियों के लिए लाभकारी है।
🌼सावधानी – अल्सर से बचने के लिए अत्यधिक तेल, मिर्च-मसाले या जंकफूड व कोल्ड्रिंक का सेवन न करें। तनाव लेने से बचें एवं पैदल चलना या व्यायाम करना शुरू करें।

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