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(1) कुछ लोग अपने पूर्व जन्मों के संस्कारों के कारण अच्छाई से जीवन जीते हैं। वे अच्छे लोग कहलाते हैं। और कुछ लोग अपने पूर्व जन्म के बुरे संस्कारों के कारण बुराई से ही जीवन जीते हैं । अपनी बुराई को छोड़ने में मेहनत नहीं करते। यदि वह मेहनत करें तो बुराई से छूट सकते हैं, अथवा बुराई को छोड़ सकते हैं , तथा वे भी एक अच्छे इंसान बनकर जी सकते हैं ।
परंतु ऐसे लोग बहुत कम देखे जाते हैं । अधिकतर लोग आलसी होते हैं , और अपने बुरे संस्कारों से युद्ध नहीं करते , उन्हें दूर नहीं करते ।
इसलिये सब लोगों का परीक्षण करते रहें। जो अच्छे लोग दिखाई दें , अच्छे संस्कार वाले हों, चरित्रवान ईमानदार देशभक्त ईश्वरभक्त हों, ऐसे लोगों से अधिक संबंध रखें। वे आपको , आपके लक्ष्य प्राप्ति में अधिक सहयोग करेंगे ।
और जो दुष्ट प्रवृत्ति के हों, अपनी दुष्टता को छोड़ने में कोई विशेष मेहनत नहीं करते, उनसे जरा बचकर रहें । उनसे भी घृणा तो ना करें , लेकिन अपना बचाव अवश्य करें । तभी आप ठीक प्रकार से जी पाएंगे और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ पाएंगे
(2) संसार में ऐसे कोई भी दो व्यक्ति नहीं दिखते , जिनके विचार सौ प्रतिशत एक जैसे हों। विचारों में कहीं न कहीं अंतर या टकराव होता ही है ।
इसका कारण है सब लोगों के पूर्व जन्मों के संस्कार एक समान नहीं हैं। सबकी इच्छाएं एक समान नहीं हैं। सबकी बुद्धि का स्तर अर्थात आई क्यू लैवल एक जैसा नहीं है, इत्यादि कारणों से सबके विचारों में अंतर आता है । सबकी रूचि में अंतर आता है। सबके कर्मों में भी अंतर आता है। फिर भी हमें एक दूसरे के साथ व्यवहार तो करना ही होता है ।
हम अपनी बातें दूसरों को समझाते हैं , दूसरे लोग अपनी बातें हमें समझाते हैं। इस सारी व्यवस्था में जब कोई व्यक्ति ईमानदारी से दूसरे व्यक्ति को अपनी बात समझाता है और दूसरा व्यक्ति भी ईमानदारी से उसे समझना चाहता है, तब तो वह पहले व्यक्ति की बात स्वीकार कर लेता है ।
और जब दूसरे व्यक्ति में ईमानदारी नहीं होती, हठ दुराग्रह स्वार्थ अविद्या आदि दोष होता है, तब आप उसे कितना ही समझा लें , उसको आपकी बात समझ में नहीं आती। और वह आप की बात नहीं मानता ।
तब वह झगड़े करता है, स्वयं दुखी रहता है और दूसरों को भी दुख देता है। इसलिए जो जो लोग आपके संपर्क में आते हैं, उन सब व्यक्तियों को पहचानें, उनमें से जो बुद्धिमान और सत्यग्राही हों, ऐसे व्यक्तियों से व्यवहार करें। तथा हठी बेईमान स्वार्थी लोगों से बचकर रहें।

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