आज का विचार
गन्ने में जहाँ गाँठ होती है वहां रस नहीं होता,जहाँ रस होता है वहाँ गाँठ नहीं होती,बस जीवन भी ऐसा ही है,यदि मन में किसी के लिये नफरत की गाँठ होगी तो हमारा जीवन भी बिना रस का बन जाये गाऔर जीवन का रस बनाये रखना हो तो नफरत की गाँठ को निकालना ही होगा,अच्छाई एक न एक दिन अपना असर जरूर दिखाती है,भले ही थोड़ा वक्त ले ले बस सब्र का दामन थाम कर रखें, वक्त आपका ही होगा,बात इतनी मीठी रखो की,कभी वापिस लेनी पड़ जाए तो ख़ुद को भी कड़वी ना लगे।
संपन्नता मन की हीअच्छी होती है,धन की नहीं क्यों कि धन की संपन्नता तो अहंकार देती है,और मन की संपन्नता संस्कार,सुख बाहर की नहीं,भीतर की संपदा है,यह संपदा धन से नहीं धैर्य से प्राप्त होती है,हमारा सुख इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने धनवान है,अपितु इस बात पर निर्भर करता है,कि हम कितने धैर्यवान है,सुख और प्रसन्नता आपकी सोच पर निर्भर करती है,कोहरे से एकअच्छी बात सीखने को मिली,कि जब जीवन में कोई रास्ता न दिखाई दे रहा हो तो बहुत दूर तक देखने कि कोशिश व्यर्थ है,धीरे धीरे एक एक कदम चले रास्ता खुलता जायेग,इंसान अपना घमण्ड अपने अच्छे वक़्त में दिखाता है,लेकिन उसका अंजाम उसके बुरे वक़्त में दिखता है,गलत व्यक्तियों का चयन हमारे जीवन को प्रभावित करे या न करे,लेकिन एक सही व्यक्ति की उपेक्षा हमें जीवन भर पछताने पर मजबूर कर सकती है।