मनुष्य जन्म बहुत कठिनाई से मिलता है। कितने ही शुभ कर्म करने पड़ते हैं , तब जाकर मनुष्य जन्म मिलता है। संसार में लाखों योनियाँ हैं। इन सबमें से एक ही प्राणी मनुष्य सबसे अधिक भाग्यशाली है। उसके पास उत्तम बुद्धि, बोलने के लिए भाषा, कर्म करने के लिए दो हाथ , 24 घंटे की स्वतंत्रता , और चार वेदों का ज्ञान है । अन्य गधे घोड़े आदि प्राणियों के पास ये सुविधाएं नहीं हैं।
आप सोचिए कितने शुभ कर्मों के करने से यह सुविधाएं मिली होंगी। इन सुविधाओं का दुरुपयोग न करें , बल्कि सदुपयोग करें। एक एक मिनट बहुत मूल्यवान है । इसे झूठ चोरी छल कपट आदि अशुभ कर्मों में व्यर्थ नष्ट न करें ।
इस छोटे से जीवन में यदि आप सेवा परोपकार दान दया यज्ञ ईश्वर की उपासना आदि अच्छे-अच्छे कर्म कर जाएंगे , तो इस अर्थ यह होगा , कि आपने इस मनुष्य जीवन का पूरा लाभ उठाया।
यदि आपने शुभ कर्म नहीं किए, पाप कर्मों में या इधर घर के फालतू कर्मों में अपना जीवन खर्च कर दिया, तो वृद्धावस्था में सिर्फ पश्चाताप ही करना पड़ेगा , कि “हमने इतना मूल्यवान जीवन खो दिया.”
इसलिए इस जीवन में शुभ कर्म करें तथा सदा प्रसन्न रहें। अपने इस मनुष्य जीवन को सफल बनाएं ।
समस्याएं तो सबके जीवन में आती ही हैं। उनसे संघर्ष करें और उन्हें पार करें। इसके लिए आप ईश्वर , ऋषियों और उत्तम आर्य विद्वानों से सहायता ले सकते हैं ।
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