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पायरिया

पायरिया दांतों का रोग है, जो मसूढ़ों को भी प्रभावित करता है। इस रोग से ग्रस्त होने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए इसके कारण और लक्षणों को जानना भी बेहद जरूरी है। जानिए पायरिया के कारण, लक्षण और उपाय

कारण : 1 पायरिया की शुरुआत, दांतों की ठीक से देखभाल न करने, अनियमित ढंग से जब-तब कुछ-न-कुछ खाते रहने के कारण तथा भोजन के ठीक से न पचने के कारण होता है।

2 लि‍वर की खराबी के कारण रक्त में अम्लता बढ़ जाती है। दूषित अम्लीय रक्त के कारण दांत पायरिया से प्रभावित हो जाते हैं।

अन्य गरिष्ठ भोज्य पदार्थों का सेवन, पान, गुटखा, तम्बाकू आदि पदार्थों का अत्यधिक मात्रा में सेवन, नाक के बजाए मुंह श्वास लेने का अभ्यास, भोजन को ठीक से चबाकर न खाना, अजीर्ण, कब्ज आदि पायरिया होने के प्रमुख कारण हैं।

लक्षण : पायरिया से ग्रस्त होने पर दांत ढीले होकर हिलने लग जाते हैं। मसूढ़ों से मवाद और रक्त निकलने लगता है। दांतों पर कड़ी पपड़ियां जम जाती हैं। मुंह से दुर्गंध आने लगती है। उचित चिकित्सा न करने पर दांत कमजोर होकर गिर सकते हैं।

उपाय : पायरिया से बचने के लिए जानिए यह बेशकीमती उपाय

🔴दांतों की प्रतिदिन नियमित रूप से अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। भोजन करने के बाद मध्यमा अंगुली से अच्छे मंजन द्वारा दांतों को साफ करें। नीम या बबूल की दातौन खूब चबाकर उससे ब्रश बनाकर दांत साफ करने चाहिए।

🔴सरसों के तेल में नमक मिलाकर अंगुली से दांतों को इस प्रकार मलें कि मसूढ़ों की अच्‍छी तरह मालिश हो

🔴शौच या लघुशंका के समय दांतों को अच्छी तरह से भींचकर बैठें। ऐसा करने से दांत सदैव स्वस्थ रहते हैं।

🔴रात को सोते समय 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण जल के साथ तथा दिन में 2 बार अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करें।

🔴जामुन की छाल के काढ़े से दिन में कई बार कुल्ले करें।

🔴नीम का तेल मसूढ़ों पर अंगुली से लगाकर कुछ मिनट रहने दें, फिर पानी से दांत साफ कर लें।

🔴फिटकरी को भूनकर पीस लें। इसका मंजन पायरिया में लाभप्रद है। फिटकरी के पानी का कुल्ला करें।

🔴भोजन के बाद दांतों में फंसे रह गए अन्न के कण को नीम आदि की दंतखोदनी द्वारा निकाल लें।

🔴सुबह-शाम पानी में नींबू का रस निचोड़कर पिएं।

🔴 पालक, गाजर और गेहूं के जवारे का रस नित्य प्रति पिएं। यह अपने आप में स्वत: औ‍षधि का कार्य करता है।

🔴जटामांसी 10 ग्राम, नीला थोथा 10 ग्राम, कालीमिर्च 5 ग्राम, लौंग 2 ग्राम, अजवाइन 2 ग्राम, अदरक सूखी 5 ग्राम, कपूर 1 ग्राम, सेंधा नमक 5 ग्राम तथा गेरू 10 ग्राम- इन वस्तुओं का समान मात्रा में महीन चूर्ण बनाकर रख लें। इससे दिन में 3 बार अंगुली से रगड़-रगड़कर देर तक अच्छी तरह से मंजन करें। यह मंजन पायरिया की अनुभूत औषधि है।

🔴अजीर्ण और कब्ज न हो- यह ध्यान रखते हुए हल्का सुपाच्य भोजन लें। रात को सोते समय हर्रे खाकर गरम दूध पीयें। सुबह 2 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण पानी के साथ लें। मिर्च-मसाला, चाय-कॉफी का प्रयोग न करें।

पायरीया के आयुर्वेदिक उपचार

🔴नीम के पत्ते सॉफ कर के छाया मे सूखा ले. सुख जाए तब एक बर्तन मे रखकर जला दे और बर्तन को तुरंत ढक दे. इसे पीसकर छान ले. जितनी पत्ते की राख है उतना सेंधा नमक उसमे डाल दे. इस चूर्ण से 3-4 बार मंजन कर ले. भोजन के बाद दातों की अछी तरह सफाई करनी चाहिए.
चुटकी भर सादा नमक चुटकी भर हल्दी मे 4-5 बूँद सरसो का तेल मिला कर उंगली से दातों पर लगाकर 20 मिनट तक रखे लार आए तो थूकते रहे. इससे पायरीया जल्द ही ठीक हो जाएगा. रोज करने से जिंदगी भर वापस नही आएगा. साथ मे त्रिफला गुग्गल 1 से 3 दिन मे तीन बार ले और रात मे 1 से 3 ग्राम त्रिफला का सेवन करे.
अपने दात नीम के दातुन से ब्रश करे.

🔴कच्चे अमरूद पर थोड़ा सा नमक लगाकर खाने से भी उपचार मे सहायता मिलती है. क्योकि इसमे विटामिन सी होता है जो दातों के लिए लाभकारी होता है.

🔴घी मे कपूर मिलाकर दातों पर मले. और काली मिर्च के चुरे मे थोड़ा सा नमक मिलाकर दातों पर मलने से भी पायरीया से छुटकारा पाने के लिए बोहत मदत मिलती है.

🔴आंवला जलाकर सरसो के तेल मे मिलाए, इसे मसूड़ों पर धीरे धीरे मले. खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों मे लगाए.

🔴जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा मे ले, इसे बंद बर्तन मे जलाकर पीस ले, इस मंजन का नियमित प्रयोग करे.

दशना संस्कार चूर्ण पायरिया के उपचार के लिए बहुत ही प्रचलित औषधि है. यह पाउडर मसूड़ों से रक्त निकलना और पस के निर्माण पर नियंत्रण रखता है, और मूह से दुर्गंध हटाने मे भी सहायता करता है.
बादाम के छिलके तथा फिटकरी को भूनकर फिर इनको एक साथ मिलाकर एक शीशी मे भर ले. इस मंजन को दातों पर रोजाना मलने से पायरीया रोग जल्दी ठीक होता है.
पायरिया होने पर कपूर का टुकड़ा पॅयन मे रखकर खूब चबाने और लार या रस को बाहर निकालने से पायरीया रोग ख़त्म होता है.

🔴नीम की पत्‍तियों को धो कर छाया में सुखा लें और फिर उसे एक बत्रन में रख कर जला लें। जब पत्‍तियां जल जाएं तब बर्तन को ढंक दें और फिर कुछ देर के बाद राख में सेंधा नमक मिला लें। इस मिश्रण को शीशी में भर कर लख लें और चूर्ण बना कर तीन चार बार मंजन करें।

🔴चुटकी भर सादा नमक चुटकी भर हल्दी में चार पांच बुंद सरसों का तेल मिला कर उंगली से दांतों पर लगाकर 20 मिनट तक रखें और लार आने पर थूकते रहें।

🔴कच्चे अमरुद पर थोडा सा नमक लगाकर खाने से भी पायरिया के उपचार में सहायता मिलती है, क्योंकि यह विटामिन सी का उम्दा स्रोत होता है जो दाँतों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।

🔴घी में कपूर मिलाकर दाँतों पर मलने से भी पायरिया मिटाने में सहायता मिलती है।

🔴काली मिर्च के चूरे में थोडा सा नमक मिलाकरदाँतों पर मलने से भी पायरिया के रोग से छुटकारा पाने के लिए काफी मदद मिलती है।

🔴आंवला जलाकर सरसों के तेल में मिलाएं, इसे मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।

🔴जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा में लें, इसे बंद बर्तन में जलाकर पीस लें,इस मंजन का नियमित प्रयोग करें।

🔴प्याज के टुकड़ों को तवे पर गर्म कीजिए और दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लीजिए। इस प्रकार 10-12 मिनट में लार मुंह में इकट्ठी हो जाएगी। उसे मुंह में चारों ओर घुमाइए फिर निकाल फेंकिए। दिन में 4-5 बार 8-10 दिन करें, पायरिया जड़ से खत्म हो जाएगा, दांत के कीड़े भी मर जाएंगे और मसूड़ों को भी मजबूती प्राप्त होगी।

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