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श्री गणेशाय नमः

राहु गोचर 2019,,,,,,,केतु गोचर 2019 पोस्ट पूरी पढ़े जय श्री राम!!

वैदिक ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह कहा गया है। यदि कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में है तो यह व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान और राजनीतिक सफलताएं प्रदान करता है। इसके विपरीत यदि कुंडली में राहु की स्थिति प्रतिकूल है तो यह अनेक प्रकार की शारीरिक व्याधियां पैदा करता है। इसे कार्य सिद्धि में बाधाएं उत्पन्न करने वाला तथा दुर्घटनाओं का कारक माना जाता है। इसके अतिरिक्त राहु मानसिक तनाव, धन हानि और झूठ बोलने आदि का कारक भी होता है।

7 मार्च 2019 को राहु मिथुन राशि में रात्रि 02:48 बजे गोचर करेगा और फिर 23 सितंबर 2020 को सुबह 05:28 बजे यह मिथुन से वृषभ राशि में जाएगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु का गोचर बहुत ही अहम माना जाता है। तो आइये राहु गोचर 2019 के माध्यम से जानते हैं राहु के राशि परिवर्तन से अन्य सभी राशियों पर क्या होगा असर?

मेष
राहु आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में तीसरा भाव पराक्रम के साथ-साथ सहजता का भाव होता है। राहु के तीसरे भाव में स्थिति आपके लिए शुभ संकेत की ओर इशारा कर रही है इसलिए गोचर की अवधि में आपको नौकरी में सफलता मिलेगी। यदि आप जॉब में परिवर्तन करना चाहते हैं तो आपकी यह मुराद भी पूर्ण होगी। इस गोचर की अवधि में आपको आर्थिक लाभ मिलने की प्रबल संभावना है। कार्यक्षेत्र में अधीनस्थ कर्मियों द्वारा आपको पूरा सहयोग प्राप्त होगा। लंबी दूरी की बजाय छोटी यात्रा आपके लिए ज़्यादा लाभकारी रहेगी। आपकी संवाद कला आपको जीवन में आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इस दौरान आपके दोस्तों की फेहरिस्त लंबी होगी और समय-समय पर वे आपकी मदद करेंगे। आपका साहस और मनोबल मजबूत होगा। करियर में प्रमोशन के योग बन रहे हैं। इसके साथ-साथ आप विदेश यात्रा की योजना भी बना सकते हैं।

उपायः बुधवार की शाम को तिल का दान करें।

वृषभ
राहु आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेगा। कुंडली में दूसरा भाव जीवन में धन की विवेचना करता है। इस भाव में राहु का स्थित होना आपके लिए कष्टकारी हो सकता है। इस दौरान आर्थिक क्षेत्र में आपको संभलकर क़दम बढ़ाने होंगे। क्योंकि इसमें धन हानि हो सकती है। कड़वे शब्दों का प्रयोग या फिर बढ़ाचढ़ाकर बातचीत करना आपके लिए उचित नहीं होगा। किसी ग़लतफ़हमी के कारण घर का माहौल बिगड़ सकता है। इस दौरान धैर्य का परिचय दें और क्रोध पर नियंत्रण करें। गोचर के दौरान आपके ख़र्च में वृद्धि होगी और आपका मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। धन की बचत के लिए धन का ख़र्च सोच समझदारी के साथ करें। ऐसे में अपनी सेहत पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि गोचर के दौरान आपके स्वास्थ्य में कमी आ सकती है। इसके अलावा इस अवधि में लोन लेने से बचें और न ही किसी को उधार दें।

उपायः रविवार को भैरव देव के मंदिर में काले रंग का ध्वज चढ़ाएं।

मिथुन
राहु आपकी राशि में प्रवेश करेगा और यह आपके लग्न भाव में स्थित होगा। ज्योतिष के अनुसार लग्न भाव हमारे जन्म का भाव होता है। इस भाव में राहु का स्थित होना आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस अवधि में आपको संभलकर चलना होगा। सेहत की दृष्टिकोण से आप थोड़े सजग रहें क्योंकि इस दौरान आपकी सेहत कमज़ोर रह सकती है। कोई पुरानी बीमारी पुनः जन्म ले सकती है। ज़रुरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह अवश्य लें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। राहु का गोचर बौद्धिक रूप से आपके लिए उत्तम रहेगा। छात्रों को पढ़ाई में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। आप गोचर के दौरान जल्दबाज़ी में निर्णय लेंगे और कई बार ये निर्णय आपके लिए उचित नहीं होंगे। दोस्तों के साथ किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है। राहु के प्रभाव के कारण आप दूसरों पर राज करने की कोशिश भी करेंगे, जो आपकी छवि को नकारात्मक बना सकता है।

उपायः काले रंग का कंचा अपनी पॉकेट में रखें।

कर्क
राहु आपकी राशि से बारहवें भाव में संचरण करेगा। कुंडली में यह भाव व्यय का होता है इसलिए राहु के इस भाव में होने से आपके ख़र्चों में अधिक वृद्धि होगी। इस अवधि में आपके बेवजह के ख़र्चों की संख्या बढ़ जाएगा। हालाँकि गोचर के दौरान आप किसी विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। राहु के प्रभाव से आपके पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव भरा समय आएगा। घर में बच्चों की सेहत में कमी देखी जा सकती है इसलिए उनकी सेहत पर अवश्य ध्यान दें। इसके अलावा उनके स्वभाव में भी परिवर्तन देखा जा सकता है। ग़ैर क़ानूनी कामों से दूर रहें अन्यथा आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे- आपके कार्य में किसी प्रकार की रुकावट आ सकती है या सीनियर्स के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। ऐसे में घबराएं नहीं और अपना काम ठीक ढंग से समय पर करें। वहीं चुनौतियों का हिम्मत से सामना करें। आपको मानसिक तनाव भी रह सकता है।

उपायः महाकाली एवं भैरव देव की आराधान करें।

सिंह
राहु आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में जाएगा। कुंडली में यह भाव इनकम और लाभ का भाव होता है। इस भाव में राहु की स्थिति आपके लिए सुखद परिणाम कारक रहेगी। आपके जीवन में ख़ुशियाँ आएंगी। करियर में न केवल ग्रोथ बल्कि सुनहरे अवसर भी प्राप्त होंगे। इस दौरान आपको किसी प्रकार की उपलब्धि हासिल हो सकती है। कार्य में सफलता मिलेगी और विभिन्न क्षेत्रों से आपको लाभ प्राप्त होने की संभावना है। बच्चों को लेकर आप थोड़े परेशान रह सकते हैं। उनके स्वभाव में बदलाव आ सकता है। छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दोस्तों के साथ मौज मस्ती होगी। उनके साथ कहीं घूमने या फिर मूवी के लिए जा सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र में आपका रुतबा और मान-सम्मान बढ़ेगा, परंतु अपने सीनियर्स से थोड़ा सावधान रहें, कोशिश करें आपका रिश्ता उनके साथ बेहतर बना रहेगा। उनके निर्देशों का ठीक तरह से पालन करें।

उपायः कुत्तों को खाना खिलाएं।

कन्या
राहु आपकी राशि से दसवें भाव में गोचर करेगा। कुंडली में यह भाव कर्म एवं पद-प्रतिष्ठा का भाव होता है। इस भाव में राहु का स्थित होना आपके लिए शुभ संकेत नहीं है। हालाँकि आर्थिक क्षेत्र में आपको इस गोचर का फायदा होगा। आपके धन की बचत होगी और विविध स्रोतों से आपके पास धन आएगा। अपने लक्ष्य को जल्दी हासिल करने के लिए आप शोर्ट कट का पैंतरा आज़मा सकते हैं। शोर्ट का रास्ता भले ही आपको क्षणिक लाभ पहुँचा सकता है, परंतु दीर्घ अवधि के लिए यह आपके लिए ठीक नहीं होगा। राहु के प्रभाव से माताजी की सेहत में कमी आ सकती है इसलिए उनके स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखें। ऑफिस में कार्य की अधिकता रह सकती है जिसके कारण आप बिजी रहेंगे और आपके निजी जीवन पर भी इसका असर पड़ेगा, क्योंकि व्यस्तता के कारण आपके अपने निजी जीवन को कम समय दे पाएंगे।

उपायः श्री राम रक्षा स्तोत्र का जाप करें।

तुला
राहु आपकी राशि से नौवें भाव में गोचर करेगा। कुंडली में नौवां भाव भाग्य और धर्म के बारे में बताता है। इस भाव में राहु की स्थिति आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस दौरान आपके भाग्य का सितारा नहीं चमकेगा और इस कारण आपको आशानुरूप परिणाम नहीं मिल पाएंगे। इस दौरान आपको आर्थिक क्षेत्र में नुकसान हो सकता है। धन की लेनदेन में बड़ी सावधानी बरतें अन्यथा आपको धन की हानि हो सकती है। इस अवधि में तीर्थ यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं और वहां आप किसी पवित्र नदी में डुबकी लगा सकते हैं। राहु आपके पारिवारिक जीवन को प्रभावित करेगा। इस दौरान आपके पिताजी की सेहत में गिरावट आने की संभावना है इसलिए उनके स्वास्थ्य की देखभाल करें अथवा पिता जी के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। गोचर के दौरान आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं।

उपायः इस मंत्र का जाप करें: ॐ दुं दुर्गाय नमः !

वृश्चिक
राहु आपकी राशि से आठवें भाव में प्रवेश करेगा। कुंडली में आठवां भाव आयु का भाव होता है। राहु के इस भाव में उपस्थिति आपके लिए अनुकूल नहीं है। वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का ध्यान रखें अथवा तेज़ गति या फिर नशे आदि वाहन न चलाएं, अन्यथा किसी दर्घटना के कारण चोट लग सकती है। गोचर के दौरान अपनी सेहत का ख़्याल रखें। इस दौरान आपकी आय में कमी देखी जा सकती है। राहु का गोचर आपके आर्थिक क्षेत्र को भी प्रभावित करेगा। इस दौरान आपकी आय में कमी और ख़र्च में वृद्धि होने हो सकती है। सोच-समझकर धन ख़र्च करें। अनावश्यक वस्तुओं पर धन ज़ाया न करें। पारिवारिक जीवन में अपने लोगों का रुख़ा व्यवहार आपको तनाव दे सकता है। इस तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें, क्योंकि इसका असर आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। दोस्तों में भी आपका विरोध हो सकता है।

उपायः शनिवार को दोपहर 12 बजे से पहले नीले वस्त्र दान करें।

धनु
राहु आपकी राशि से सातवें भाव में संचरण करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में सातवां भाव वैवाहिक जीवन की विवेचना करता है। राहु का इस भाव में होना आपके लिए अच्छे संकेत नहीं है। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी के साथ रिश्तों में खटास आने की संभावना है। इस परिस्थिति से बचने के लिए लाइफ़ पार्टनर पर किसी भी तरह का दबाव न बनाएं और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें। जीवनसाथी पर शक न करें बल्कि उनपर विश्वास करें। उधर, काम-धंधे राहु का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बिजनेस पार्टनर के साथ भी आपका मतभेत हो सकता है और कार्य में भी बाधाएं नज़र आ रही है। पारिवारिक जीवन में धन अथवा पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद सामने आ सकता है।

उपायः राहु-केतु की शांति के लिए अनुष्ठान करें।

मकर
राहु आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा। कुंडली में छठा भाव रोग, भय और क्षति का होता है। राहु के इस भाव में होना आपके लिए अच्छा है। इस दौरान आपको शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। जीवन में ख़ुशियों का आगमन होगा। करियर में आपको सफलता मिलेगी। नौकरी में प्रमोशन और आय में बढ़ोत्तरी की प्रबल संभावना है। अपने विरोधियों पर आप भारी रहेंगे। छात्रों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। यदि आप किेसी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आपको सफलता मिलने की प्रबल संभावना रहेगी। यदि आपने बैंक में लोन के लिए आवेदन किया है तो आपका लोन पास हो जाएगा। पुरानी बीमारियों से भी आपको छुटकार मिलेगा और आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। राजनीति क्षेत्र में प्रबल सफलता मिलने के योग हैं। क़ानूनी मामलों में भी आप सफल रहेंगे।

उपायः “ॐ राम रहावे नमः!” मंत्र का जाप करें।

कुंभ
राहु आपकी राशि से पाँचवे भाव में जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में पाँचवा भाव बुद्धि, विद्या एवं संतान को दर्शाता है। राहु ग्रह के इस भाव में उपस्थिति आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं है। इस दौरान आपको आर्थिक क्षेत्र में आपको नुकसान हो सकता है। पैसों लेनदेन अथवा निवेश बहुत सोच-समझकर करें अन्यथा आपको धन हानि हो सकती है। प्रेम जीवन में प्रियतम के साथ विवाद हो सकता है। इस परिस्थिति से बचने के लिए लव पार्टनर की भावनाओं को समझें और उन्हें उनके हिस्से का पूरा समय दें। बौद्धिक रूप से भी आपको इसका ज़्यादा लाभ नहीं मिलेगा। छात्रों को पढ़ाई में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। परीक्षा में सफलता पाने के लिए उन्हें कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।

उपायः सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) को चिड़ियों को खिलाएं।

मीन
राहु आपकी राशि से चौथे भाव में संचरण करेगा। कुंडली में चौथा भाव माता, सुख, वृद्धि और बंधु के संबंध को बताता है। राहु के इस भाव में होना आपके लिए कष्टकारी हो सकता है। पारिवारिक जीवन में राहु का प्रभाव आपकी माताजी के स्वास्थ्य को कमज़ोर कर सकता है। इस दौरान आपको उनकी सेहत का विशेष ख़्याल करना होगा। कार्यक्षेत्र में आपको काम का बोझ रहेगा। काम की व्यस्तता के कारण आपको निजी जीवन के लिए थोड़ा कम समय मिलेगा। अनेक चुनौतियों और परेशानियों के कारण आपको मानसिक तनाव भी रह सकता है। किसी चीज़ पर ध्यान लगाने में भी आपको कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। आमदनी की अपेक्षा ख़र्चा अधिक रहेगा। धन का प्रयोग सोच-समझकर करें।

उपायः शनिवार के दिन ज़रुरतमंद लोगों को कंबल दान

श्री गणेशाय नमः

केतु गोचर 2019

हिंदू ज्योतिष शास्त्र में केतु को पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है। हालांकि यह शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल देता है। यह तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य और कल्पना आदि का कारक है। केतु के शुभ प्रभाव से मनुष्य के अंदर आध्यात्मिक गुणों का विकास होता है। वहीं यदि कुंडली में केतु अशुभ भाव में हो तो उस व्यक्ति को कष्टकारी परिणाम मिलते हैं। इस अवस्था मे व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है। इसके अलावा इसकी प्रतिकूलता से दाद, खाज तथा कुष्ट रोग होते हैं।

07 मार्च 2019 को केतु ग्रह रात्रि 02:48 बजे धनु राशि में गोचर करेगा और 23 सितंबर 2020 को सुबह 05:28 बजे यह धनु राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। तो आइये केतु गोचर 2019 के माध्यम से जानते हैं केतु के राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर क्या होगा असर?

मेष
केतु आपकी राशि से नौवें भाव में गोचर करेगा। कुंडली में नौवां भाव भाग्य और धर्म की विवेचना करता है। इस भाव में केतु की उपस्थिति आपके लिए कष्टकारी रह सकती है इसलिए इस समय आपको संभलकर क़दम बढ़ाने होंगे। आर्थिक क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है। धन की लेनदेन एवं निवेश में सावधानी बरतें अन्यथा आपको धन हानि हो सकती है। गोचर के दौरान आप पुराने ख़्यालात या फिर रुढ़िवादी विचारों के हो सकते हैं, आपके व्यवहार में भी इसका असर दिखाई पड़ेगा। कभी आप धार्मिक स्वभाव के होंगे तो कभी इसके विपरीत आपका स्वभाव होगा। गोचर के दौरान आप किसी तीर्थस्थल पर जा सकते हैं। केतु का प्रभाव आपके घरेलू जीवन पर देखने मिलेगा। घर में पिताजी की सेहत में कमी देखी जा सकती है अथवा उनके साथ आपका वैचारिक मतभेद हो सकता है। उनके प्रति अपने मन में हमेशा आदर का भाव रखें। लंबी दूरी की यात्रा आपके योग में दिखाई दे रही है।

उपायः काले तिल दान करें।

वृषभ
केतु आपकी राशि से आठवें भाव में प्रवेश करेगा। कुंडली में आठवां भाव आयु का भाव होता है। केतु की आठवें भाव में उपस्थिति आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं है। इस दौरान आध्यात्मिक एवं गूढ़ विषयों में आपकी रुचि बढ़ेगी। स्वास्थ्य जीवन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रहेगा। आपकी सेहत में कमी देखी जा सकती है। स्वास्थ्य के प्रति किसी तरह की लापरवाही न बरतें बल्कि स्वास्थ्य कमज़ोर होने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। वहीं वाहन चलाते समय पूरी सावधानी बरतें। नशे में गाड़ी न चलाएं, अन्यथा आपको चोट आदि लग सकती है। आर्थिक क्षेत्र में केतु का असर दिखाई पड़ेगा। इस दौरान आपकी आय में कमी हो सकती है। निजी जीवन में अपने लोगों का बुरा बर्ताव आपको तनाव की ओर धकेल सकता है। दोस्तों में भी किसी प्रकार का मनमुटाव हो सकता है।

उपायः तिल का तेल दान करें।

मिथुन
केतु आपकी राशि से सातवें भाव में संचरण करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में सातवां भाव वैवाहिक जीवन के बारे में बताता है। इस भाव में केतु का होना आपके लिए प्रतिकूल रहेगा। वैवाहिक जीवन में आपको कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी से मनमुटाव, मतभेद या फिर विवाद हो सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए उनका सम्मान करें और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें। इसके अलावा उनपर बेवजह का शक न करे बल्कि उन पर भरोसा जताएं। आर्थिक क्षेत्र में केतु अपनी क्रूर दृष्टि बनाए हुए है इसलिए संपत्ति से संबंधित विवाद पैदा हो सकते हैं। पैृतक संपत्ति को लेकर विवाद होने की संभावना है। व्यापार में भी आपको इस गोचर के दुष्परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। बिजनेस पार्टनर के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं। कार्य में भी आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपायः गणेश की स्तुति करें और उन्हें दुरुव (घास) घास चढाएं।

कर्क
केतु आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा। कुंडली में छठा भाव रोग, भय और क्षति का होता है। केतु के इस भाव में होना आपके लिए समस्या कारक रहेगा। इस दौरान आपको कई प्रकार की समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। आपके कार्य में रुकावटें आएंगी और सफलता पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। स्वास्थ्य जीवन में भी कई प्रकार की दिक्कते आएंगी। सेहत को लेकर आपके सचेत रहें और क्योंकि केतु के प्रभाव के कारण आपकी सेहत में गिरावट आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। गोचर की अवधि में आपका ख़र्च बढ़ेगा। बेवजह और अनावश्यक वस्तुओं पर आपका धन ख़र्च हो सकता है। इस दौरान धन का ख़र्च सोच-समझकर करें अन्यथा आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा किसी से बात करते समय शालीनता दिखाएं। किसी को अपशब्द न कहें अन्यथा किसी से आपका झगड़ा हो सकता है। इस समय अनावश्यक विवाद भी सामने आ सकते हैं।

उपायः हनुमान जी की आराधना करें।

सिंह
केतु आपकी राशि से पाँचवे भाव में जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में पाँचवां भाव बुद्धि, विद्या एवं संतान को दर्शाता है। केतु के इस भाव में होना आपके लिए शुभ संकेत नहीं है। इस अवधि में आपको आर्थिक क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए धन के मामले में सावधान रहें। किसी शख़्स पर ज़रुरत से ज़्यादा भरोसा जताना आपके लिए उचित नहीं है। प्रेम जीवन में आपको विवाद का सामना करना पड़ सकता है। लव पार्टनर को ऐसी कोई बात नहें जिससे उनका दिल दुखे। क्योंकि यह समय प्रेम के मामलों के लिए कमज़ोर है। प्रियतम की भावनाओं का समझने का प्रयास करें। यदि साथी रूठ जाता है तो उसे प्यार सा तोहफ़ा देकर मनाने की कोशिश करें और ग़लतफहमी को तुरंत दूर करें। केतु के प्रभाव से आपको बौद्धिक क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है। छात्रों को पढ़ाई में ध्यान लगाना थोड़ा मुश्किल होगा। वहीं स्वास्थ्य जीवन में आपको प्रतिकूल परिणाम मिलेंगे। इस दौरान आपका स्वास्थ्य गिर सकता है। वहीं घर में बच्चों की सेहत मे कमी देखी जा सकती है। स्वस्थ्य शरीर के लिए स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहें और बच्चों की देखभाल करें।

उपायः भैरव देव के मंदिर में काला ध्वज चढ़ाएं।

कन्या
केतु आपकी राशि से चौथे भाव में संचरण करेगा। कुंडली में चौथा भाव माता, सुख, वृद्धि और बंधु के संबंध को बताता है। इस भाव में केतु का होना आपके लिए अनुकूल नहीं है। केतु आपके पारिवारिक जीवन में अपनी बुरी नज़र बनाए हुए है। घर में अशांति का वातावरण रह सकता है और इस दौरान माता जी की सेहत में भी कमी आ सकती है। इसके अलावा अन्य प्रकार के भी गृह क्लेश संभव है। कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का बोझ रहेगा और आप अधिक व्यस्त दिखाई देंगे। काम के चलते आप अपने निजी जीवन को कम समय दे पाएंगे। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आप घर की ख़ुशियों से नदारद रहेंगे। मानसिक तनाव भी आपको अपने साये में ले सकता है। मन में एक असंतोष का भाव पैदा हो सकता है। आय की अपेक्षा ख़र्चा ज़्यादा है।

उपायः नीले पुष्प दान करें।

तुला
केतु आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में तीसरा भाव पराक्रम के साथ-साथ सहजता का होता है। इस भाव में केतु का होना आपके लिए शुभ है। इस अवधि में आपको विविध क्षेत्रों में सुखद परिणामों की प्राप्ति होगी। नौकरी में प्रमोशन के योग बन रहे हैं। अच्छा अवसर मिलने आप अपनी जॉब में परिवर्तन भी कर सकते हैं। आर्थिक क्षेत्र में आपको ज़बरदस्त लाभ मिलने के योग है। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी और आपकी तिजोरी में धन आएगा। कार्यक्षेत्र में आपके अधीनस्थ कर्मी आपको सपोर्ट करेंगे। इस अवधि में आपकी संवाद शैली सबको प्रभावित करेगी। इसके ज़रिए आप दूसरों को इंप्रेस करेंगे। छोटी यात्रा आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इस अवधि में आपका साहस बढ़ेगा और आप चुनौतीपूर्ण कार्य को करने में पीछे नहीं हटेंगे। आप इस समय विदेश जाने की योजना बना सकते हैं।

उपायः केतु बीज मंत्र का जाप करें : ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः!

वृश्चिक
केतु आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेगा। कुंडली में दूसरा भाव जीवन में धन की विवेचना करता है। केतु के इस भाव में होना आपके लिए अशुभ संकेत है। इस ग्रह की क्रूर नज़र आपके आर्थिक क्षेत्र में होगी जिससे आपको धन की हानि संभव है। अपशब्दों के कारण आपका किसी से झगड़ा हो सकता है। पारिवारिक जीवन में भी चुनौतियांँ आएंगी। किसी ग़लतफहमी के कारण घर में विवाद हो सकता है। किसी कारण से परिजनों से दूर रहना पड़ सकता है। अचानक आपके ख़र्चों में वृद्धि होगी इससे धन की बचत में समस्या पैदा हो सकती है। जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर आपको मानसिक तनाव भी हो सकता है। हालाँकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होगा इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखें। इस दौरान किसी से पैसे उधार न लें और न ही किसी को पैसा उधार दें।

उपायः नीले पुष्प दान करें।

धनु
केतु आपकी राशि में प्रवेश करेगा और यह आपके लग्न भाव में स्थित होगा। ज्योतिष के अनुसार लग्न भाव हमारे जन्म का भाव होता है। आपके इस भाव में केतु के होने से मिश्रित परिणाम मिलेंगे। इस दौरान अपनी सेहत का अवश्य ध्यान रखें। कोई पुराने समय से चली आ रही बीमारी पुनः जन्म ले सकती है। समय-समय पर अपने स्वास्थ्य का चेकअप अवश्य कराएं। आध्यात्म की ओर आपकी रुचि बढ़ेगी। आध्यात्म से आपको मानसिक सुकून प्राप्त होगा। इस दौरान आपके आसपास के लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आप अपने वैवाहिक जीवन से दूर जा सकते हैं।

उपायः महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें

मकर
केतु आपकी राशि से बारहवें भाव में संचरण करेगा। कुंडली में यह भाव व्यय का होता है। केतु का इस भाव में होना आपके लिए कष्टकारी हो सकता है। आर्थिक क्षेत्र में आपको हानि हो सकती है। आपके ख़र्चों में तेज़ी से वृद्धि होगी। इस दौरान आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। बच्चों का स्वास्थ्य कमज़ोर हो सकता है इसलिए उनकी सेहत का ख्याल रखें। यह आपके लिए शुभ नहीं होगा। इस अवधि शुभ कार्यों को टाला जा सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके सामने चुनौतियाँ बाधाएँ बनकर सामने आएंगी। ध्यान रखें, इस समय किसी ग़ैर क़ानूनी काम में न पड़े, अन्यथा आपको जेल हो सकती है। परेशानियों के कारण आपको मानसिक तनाव भी रह सकता है। इस तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें।

उपायः विविध रंगों के कंबल दान करें।

कुंभ
केतु आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में जाएगा। कुंडली में यह भाव इनकम और लाभ का भाव होता है। आपकी कुंडली के इस भाव में केतु उपस्थिति शुभकारक है। इस अवधि में आपको अनेक प्रकार की ख़ुशियों का अनुभव होगा। करियर में सफलता मिलेगी। नई नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है अथवा नौकरी में प्रमोशन के योग बन रहे हैं। व्यापार में उन्नति होगी और व्यापार को बढ़ाने के लिए आपके पास सुनहरे अवसर आएंगे। केतु के आशीर्वाद से आपको अनेक माध्यमों से धन की प्राप्ति होगी। पारिवारिक जीवन में बच्चों की सेहत में कमी आ सकती है। ऐसी स्थिति में आप उनकी सेहत का ख़्याल रखें। वहीं छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। उच्च शिक्षा के किसी संस्थान में दाखिला पाना आपके लिए कठिन होगा। दोस्तों के साथ आप जमकर मस्ती करेंगे। आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा। सीनियर्स से सावधान रहें और अपने काम से ही मतलब रखें।

उपायः लहसुनिया रत्न धारण करें।

मीन
केतु आपकी राशि से दसवें भाव में गोचर करेगा। कुंडली में यह भाव कर्म एवं पद-प्रतिष्ठा का भाव होता है। केतु की इस भाव में उपस्थिति आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं है। हालाँकि इस दौरान आपको आर्थिक क्षेत्र में लाभ मिलने के योग हैं। धन की बचत में आप सफल रहेंगे और कई स्त्रोतों से जीवन में धन का आगमन होगा। कार्यक्षेत्र में कभी-कभार आपका मन दुःखी हो सकता है। इस दौरान आपके मन में निराशा का भाव छा सकता है। हालाँकि इस बीच आपके ऊपर काम का दबाव भी रहेगा। कार्य की अधिकता के कारण आप अपने निजी जीवन को कम समय दे पाएंगे। पारिवारिक जीवन में माता जी की सेहत में कमी आ सकती है इसलिए उनके स्वास्थ्य का ख़्याल रखें।

उपायः तिल का तेल दान करें।।

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