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1. त्राटक क्या है – What is Tratak?

त्राटक का अर्थ होता है – किसी एक विशेष वस्तु पर एकाग्रता से ध्यान लगाना या टकटकी लगाए रखना।
इस क्रिया में हम किसी विशेष वस्तु पर अपना सम्पूर्ण ध्यान या उस वस्तु पर एकाग्रता से टकटकी लगाने का अभ्यास करते है। इस प्रक्रिया को त्राटक कहा जाता है।

2. त्राटक ध्यान क्या होता है – What is Tratak Meditation?

त्राटक ध्यान का मूल उद्देश्य हमारी एकाग्रता को बढ़ाना और बुद्धि को तीक्ष्ण करना होता है। त्राटक ध्यान एक बहुत ही शक्तिशाली और विशेष प्रकार की ध्यान साधना है। त्राटक ध्यान साधना हमारे ऋषियों – मुनियों द्वारा बनाई गयी एक विशेष ध्यान साधना है। इसके जरिये हम किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति से जुड़ सकते है। इसे कई बार टेलीपैथी या मन की बातों को जानने के लिए उपयोग में लिया जाता है। त्राटक को हठ योग की श्रेणी में रखा गया है। इस प्रक्रिया को त्राटक ध्यान कहा जाता है।
त्राटक को हम कई नाम से जानते है, जैसे की त्राटक ध्यान (Tratak Dhyan), त्राटक साधना (Tratak Sadhana) व त्राटक योग (Tratak Yoga).

3. त्राटक ध्यान के प्रकार – Types of Tratak Meditation

त्राटक ध्यान तीन प्रकार का होता है –

अन्तः त्राटक (Inner Tratak)

इस त्राटक में हम आँखों को बंद कर के अपने मन में किसी भी विशेष वस्तु और विशेष व्यक्ति पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते है। या फिर हम अपने दोनों आँखों के बीच में अपना ध्यान लगाते है। शुरुआत में इस ध्यान साधना से आँखों में दर्द या सिर में दर्द का अनुभव हो सकता है परन्तु नियमित अभ्यास से आपको इस स्तिथि का अनुभव होना बंद हो जाएगा।

मध्यम त्राटक (Middle Tratak)

इस त्राटक में हम अपने आँखों से कुछ दुरी पर मोमबत्ती रख कर या किसी बिंदु पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते है। इस क्रिया में हम अपने आँखों से एक फिट की दुरी पर और आँखों के बिलकुल समांतर रख कर एकाग्रता से टकटकी लगाते है। इसके अलावा हम किसी सफेद पेपर पर काला बिंदु बनाकर भी इस का अभ्यास कर सकते है।

बाह्य त्राटक (Outer Tratak)

इस त्राटक में हम किसी बिंदु, ज्योति, सूर्य, चन्द्रमा, तारों व किसी तस्वीर पर अपना ध्यान लगाते है। यह एक उच्च श्रेणी का त्राटक है जिसे नियमित अभ्यास से प्राप्त किया जाता है। आप इन सब के करने के तरिके व सावधानियों को निचे पढ़ सकते है।

4. त्राटक ध्यान की विभिन्न विधिया – Various Methods of Tratak Meditation

सभी प्रकार के त्राटको में बिना पलक झपकाए बिलकुल एकाग्रता से ध्यान लगाना होता है।

  1. बिंदु त्राटक साधना (Bindu Tratak Sadhana):- इसको करने के लिए आपको सफ़ेद दीवार पर व एक सफ़ेद कागज पर 3-4mm काला व गोल बिंदु बना लीजिये। फिर उसकर बिना पालक झपकाए एकाग्रता से देखते रहे। यह बहुत आसान व कही भी किया जा सकने वाला है। शुरुआत में हमे इसी से त्राटक से शुरुआत करनी चाहिए। इसको हम कही भी कभी भी कर सकते है। इसलिए इसको सबसे अच्छा मन जाता है।

सावधानी – दीवार के पीछे या कागज़ का रंग बिलकुल सफेद, बिंदु का रंग काला और आकार बिलकुल गोल होना चाहिए।

  1. चंद्र त्राटक साधना (Moon Tratak Sadhana):- इसमें हम रात्रि के समय चन्द्रमा को लगातार देखकर त्राटक करते है। यदि आपका मन अशांत है तो आप चंद्र त्राटक का अभ्यास करे। क्योकि चन्द्रमा का सम्बन्ध हमारे मन से होता है।

सावधानी – इसको बदल रहित साफ़ मौसम में करना चाइये। अन्यथा हम सही तरिके से नहीं कर पाएंगे।

  1. सूर्य त्राटक साधना (Sun Tratak Sadhana):- इसमें हम उगते व ढलते (अस्त) सूर्य को देखते है।

सावधानी – यदि सूर्य त्राटक को सही तरिके व सही समय पर नहीं किया गया या तो सूर्य की तेज रोशनी में मौजूद UV किरणे हमारी आँखों की पुतलियों को हानि पहुंचा सकती है। इसलिए हम यह त्राटक केवल सूर्य उदय के तुरंत 10-15 मिनट के अंदर व सूर्य अस्त से 10-15 मिनट पहले सूर्य की रोशनी कम होती है जिससे की हमारी आँखे को कई हानि न हो।

  1. ज्योति त्राटक साधना (Deepak Tratak Sadhana):- इसमें हम जलते हुए दीपक व मोमबत्ती को 3-4 फिट दूरी पर रख कर उसकी लो पर ध्यान को एकाग्र करते है। बाकी की जानकारी आप निचे त्राटक करने का तरीका में पढ़ सकते है।

सावधानी – यदि आप कर सके तो दीपक को जलाने के लिए तेल का इस्तेमाल न करे बल्कि शुद्ध घी का इस्तेमाल करे। क्योकि तेल के दिए में से काला धुआँ निकलता जो की हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक हो सकता है।

  1. मूर्ति त्राटक साधना (Picture Tratak Sadhana):– यह किसी भी विशेष मूर्ति (तस्वीर) पर ध्यान केंद्रित करके किया जाता है, यह आपके विश्वास या धर्म से संबंधित कुछ तस्वीर हो सकती है।

सावधानी – ऐसी तस्वीर का इस्तेमाल न करे जो की आपको पसंद न हो।

Note:- यदि आप त्राटक की शुरुआत कर रहे है तो आप बिंदु या फिर ज्योति त्राटक से कर सकते है।

5. त्राटक करने का तरीका – Technique of Tratak

त्राटक करने के लिए हमे दृढ़ता से नियमित अभ्यास करना चाहिए। जानिए त्राटक कैसे करते है।

ज्योति त्राटक के लिए अँधेरे कमरे का चुनाव करे और जिसमे शोर ना हो।
फिर जमीन पर चटाई बिछाए और अपने रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा करके सुखासन में बैठ जाएँ।
अब अपनी आँखों से 1 से 2 फिट की दुरी पर मोमबत्ती को रख ले जो आँखों के बिलकुल समांतर हो।
अब बिना पालक झपकाए इस मोमबत्ती पर टकटकी जमाये। शुरुआत में करना कठिन होगा पर समय के साथ साथ आप इस में सक्षम हो जायेंगे।
शुरुआत में सिर्फ 15 या 20 सेकंड तक होगा पर निरंतर अभ्यास से इसे बढ़ाया जा सकता है।
एक बार आपकी आँखे बंद हो जाए तब आँखों को 30-40 सेकेंड का आराम दे। फिर दोबारा से यही प्रक्रिया शुरू करे।
यदि आपकी आँखों से पानी आता है तो आप आपने पास नरम व सूती कपडा रखे और आराम से आँखों को साफ़ करे।
इसके अलावा आप किसी बिंदु पर ध्यान लगा सकते है।
त्राटक में कुशल होने के बाद आप बाह्य त्राटक का अभ्यास कर सकते हैं।
सावधानी – त्राटक को शुरुआत में ज़बरदस्ती न करे इससे आपकी आँखों में दर्द हो सकता है।

Note:- यदि आप त्राटक की शुरुआती चरण में है तो आप 5-10 मिनट के अभ्यास से शुरू करे। धीरे-धीरे आपने सामर्थ्य के हिसाब से समय को बढ़ाए, और 30 मिनट तक ले जाए।

6. त्राटक के लाभ – Benefits of Tratak

त्राटक से हमारा मस्तिष्क तीक्ष्ण (Acute) होता है।
इस क्रिया से हमारी एकाग्रता शक्ति अत्यधिक बढ़ जाती है।
आँखों के रौशनी अत्यधिक बढ़ जाती है।
आँखों से जुडी हर प्रकार की बीमारी दूर हो जाती है।
इस अभ्यास से हम किसी अन्य व्यक्ति के मन में चल रही बातों को भी पढ़ सकते है।
इसका उपयोग टैलीपैथी में भी किया जाता है।
इसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान करने में भी सक्षम हो जाते है।
मन की चंचलता दूर हो जाती है।
हमारा फोकस बढ़ जाता है।
आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि के लिए दरवाजे खोलता है।
इच्छा शक्ति को बढ़ता है।
याद रखने की क्षमता (यादास्त) को बढ़ता है।

7. त्राटक के लिए कुछ सावधानियाँ – Precautions of Tratak

त्राटक को शुरुआत में कम समय के लिए करे ताकि आपकी आँखों पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।
मोमबत्ती की दुरी अत्यधिक न करे।
आँखों के रोगी इसका प्रयोग न करे।
सूर्य त्राटक को दिन में न करे।
बिना सम्पूर्ण जानकारी के त्राटक न करे।
यदि आप इस क्रिया को सही से नहीं पर पा रहे है तो जबरदस्ती न करे किसी की सलाह ले।

8. शुरुआत के लिए कुछ टिप्स – Some Tips for Beginners

यदि आप पहली बार इस क्रिया को कर रहे है तो इनको ध्यान से पढ़े। क्योकि हम इसे गलत तरिके से करेंगे तो हमे कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जोकि आप निचे पढ़ सकते है।

हमेशा शांत स्थान का चुनाव करे।
ज्योति त्राटक को अँधेरे कमरे में करे व हवा के सरे स्त्रोत बंद कर दे ताकि दिया व मोमबत्ती की लो स्थिर रहे।
अभ्यास के बाद अपनी आँखों को ठन्डे पानी से साफ़ करे।
शुरुआत में 5-10 मिनट से इस क्रिया का अभ्यास शुरू करे।
जब आपको भूख या प्यास लगी हो तब इसका अभ्यास ना करे।
सुबह का समय अभ्यास के लिए सही रहेगा।
निरंतरता बनाए रखे।
आपने विचारो पर अधिक नियंत्रण के लिए आप Vipassan Meditation या Mindfulness Meditation का अभ्यास कर सकते है।

9. त्राटक से हानि – Dangers of Tratak

वैसे तो त्राटक हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है, पर अति व गलत तरिके से किया हुआ हर कार्य हमे हानि पहुंचा सकता है। ऐसे ही त्राटक क्रिया का अभ्यास सही से न करने पर हमे कई समस्याओ का सामना करना पढ़ सकता है। जैसे:- आँखों में जलन होना, आँखों से पानी आना, धुप से आँखों में चुभन होना, कमर दर्द करना इत्यादि अनेको छोटी – छोटी समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है। तो इसलिए ऊपर बताए गयी त्राटक के लिए कुछ सावधानियाँ, टिप्स व तरिके को ध्यान से पढ़ ले फिर अभ्यास को करना शुरू करे। यदि हम त्राटक को सिर्फ लाभ की मानसिकता से करेंगे तो इससे हमे कोई फ़ायदा नहीं होगा। इसलिए हमेशा अच्छी मानसिकता से ही त्राटक का अभ्यास करे। मन से सारे नकारात्मक विचार निकाल दे। लगातार अभ्यास करते रहे।

10. Experience During Tratak In Hindi – त्राटक के दौरान होने वाले अनुभव।

जब हम शुरुआत में त्राटक का अभ्यास करते है तो सबसे पहले हमारे सामने यह समस्या आती है कि हम कुछ सेकंड तक ही त्राटक कर पाते है। 3 सी 7 सेकंड में ही हमारी आँखों में जलन होने लगती है और आँसु भी आने लगते है। इसी अवस्था में आकर हम त्राटक करना बंद कर देते है। यह अवस्था त्राटक की पहली अवस्था है। जितना आपकी आँखों में जलन और पानी आएगा, उतना ज्यादा ही आपको त्राटक से फायदा मिलेगा। बस शुरुआत में आपको दिक्क्त आएगी लेकिन लगातार अभ्यास करते रहने से आप 30 मिनट तक भी त्राटक करने में समर्थ हो जाओगे। बस लगातार प्रयास करते रहना है, चाहे आपके रास्ते में कितनी भी मुसीबत क्यों ना आये।
त्राटक के कुछ समय तक करने के दौरान कुछ अनुभव।
बिंदु के चारो तरफ नीला प्रकाश दिखाई देना।
बिंदु की स्तिथि में बदलाव आना।
बिंदु का गायब हो जाना या धुंधला हो जाना।
ये सब आपको त्राटक को कुछ दिन करने के बाद आप को अनुभव होने लगेंगे।

11. त्राटक से जुड़े कुछ प्रश्न – FAQ On Tratak

1 – चश्मा उतार कर त्राटक करे या चश्मा पहन कर ?

त्राटक हमेशा चश्मा उतार कर करना चाहिए। क्योंकि चश्मा पहन कर त्राटक करने से हमे उतना लाभ नहीं मिलेगा। चश्मा त्राटक के दौरान होने वाले अनुभव को कम कर देता है।

2 – त्राटक करने के लिए सही समय कोनसा है ?

त्राटक करने के कोई भी समय उचित है। इसे सुबह भी किया जा सकता है और शाम को भी। बस ध्यान इतना रहे की त्राटक आप जब करे। जब आप के पास उचित समय है।

3 – त्राटक हम कितनी देर तक कर सकते है?

त्राटक को हम अपनी क्षमता के अनुसार कितनी भी देर कर सकते है। कई लोग तो इसे 1 घंटे से भी ज्यादा समय तक कर सकते है। परन्तु शुरुआत में इसे केवल 5 मिनट ही करे।

4 – त्राटक को करने से पहले क्या योग, प्राणायाम करना उचित है?

बिलकुल, अगर आप त्राटक से पहले योग और प्राणायाम कर सकते हो तो ये आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा। त्राटक से पहले स्नान करना भी फायदेमंद होता है।

5 – त्राटक को कितनी उम्र के बाद किया जा सकता है?

त्राटक को हम 13 वर्ष की उम्र के बाद कर सकते है। क्योंकि 13 उम्र से पहले हमारी आंखें थोड़ी कमजोर होती है।

6 – त्राटक के लिए हम बिंदु की दुरी कितनी रखे?

त्राटक करते समय बिंदु या मोमबत्ती की स्वयं से दुरी कम से कम 1 फीट से लेकर 3 फीट तक रख सकते है।

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